सिंधु घाटी सभ्यता के नोट्स पीडीऍफ़ डाउनलोड करें
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- उपक्रम -:
- हड़प्पा सभ्यता की सीमाएं
- नदियों के किनारे बसे हड़प्पा कालीन नगर
- हड़प्पा कालीन स्थल एवं खोजकर्ता (उत्खनन कर्ता )
- नगर विन्यास पद्धति
- वास्तु कला
- कृषि
- पशुपालन
- व्यापार एवं वाणिज्य
- धर्म
- अंत्येष्टि के प्रकार
- लिपि
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- हड़प्पा कालीन स्थल
- हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण
- क्षेत्रफल की दृष्टि से हड़प्पा कालीन नगरों का क्रम
- इस सभ्यता के प्रथम अभिशेष हड़प्पा नामक स्थल से प्राप्त हुए थे ।
- कार्बन डेटिंग पद्धति द्वारा हड़प्पा सभ्यता की तिथि 2500 ई.पू. से 1750 ई.पू. माना गया है ।
- हड़प्पा सभ्यता को भारतीय उपमहाद्वीप की प्रथम नगरीय क्रांति माना जाता है ।
- भारतीय पुरातत्व विभाग के जन्मदाता अलेक्जेंडर कनिंघम को मानते हैं ।
- भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना का श्रेय वायसराय लॉर्ड कर्जन को प्राप्त है ।
- हड़प्पा सभ्यता कांस्य युगीन सभ्यता है ।
हड़प्पा सभ्यता की सीमाएं
- उत्तर में - मांडा (जम्मू कश्मीर)
- पश्चिम में - सुत्कांगेन्डोर (ब्लूचिस्तान )
- पूर्व में - आलमगीरपुर(मेरठ )
- दक्षिण में - दैमाबाद (महाराष्ट्र )
नदियों के किनारे बसे हड़प्पा कालीन नगर
- हड़प्पा - रावी नदी
- मोहनजोदड़ो - सिंधु नदी
- लोथल - भोगवा नदी
- कालीबंगा - घग्गर नदी
- रोपड़ - सतलज नदी
- आलमगीरपुर - हिंडन नदी
- सुत्कांगेन्डोर - दाश्क नदी
- कुणाल - सरस्वती नदी
- बनवाली - सरस्वती नदी
- चन्हूदड़ों - सिंधु नदी
हड़प्पा कालीन स्थल एवं खोजकर्ता (उत्खनन कर्ता )
- मोहनजोदड़ो - राखल दास बनर्जी एवं मार्टिमर व्हीलर
- हड़प्पा - दयाराम साहनी, माधव स्वरूप वत्स एवं व्हीलर
- चन्हूदड़ों - गोपाल मजूमदार एवं अर्नेस्ट मैके
- लोथल - रंगनाथ राव
- कालीबंगा - अमलानंद घोष एवं बृजवासी लाल
- बनवाली - रवींद्र सिंह बिष्ट
- रोपड़ - यज्ञदत्त शर्मा
- सुत्कांगेन्डोर -सर मार्क आरेल स्टाइन
नगर विन्यास पद्धति
- यह जाल पद्धति (Grid System ) पर आधारित है ।
- नगर में आयताकार या वर्गाकार चौड़ी गलियां होती थी जो एक दूसरे को समकोण पर काटती थी ।
वास्तु कला
- भारत में वास्तु कला का आरम्भ सिंधुवासियों ने किया था ।
- सिंधु सभ्यता एक नगरीय सभ्यता थी ।
- सड़कें एक- दूसरे को समकोण पर काटती थी ।
- भवन में दो मंजिलें भी थी ।
- दरबाजे सड़कों की ओर खुलते थे ।
- मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत अन्नागार है ।
- फर्श कच्चा होता था केवल कालीबंगा में पक्के फर्श के साक्ष्य मिले हैं ।
कृषि
- विश्व में कपास का उत्पादन सर्वप्रथम सिंधुवासियों ने किया ।
- सिन्धुवासी चावल (साक्ष्य -लोथल से) ,बाजरा (साक्ष्य -लोथल व सौराष्ट्र ),रागी सरसों ( साक्ष्य -कालीबंगा) का उत्पादन करते थे ।
- सिंधुवासी हल (साक्ष्य -बनवाली ) से परिचित थे ।
- कालीबंगा से जुते हुए खेत के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं ।
- गन्ना का कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है ।
पशुपालन
- सिन्धुवासी हाथी व घोड़े से परिचित थे , किंतु उन्हें पालतू बनाने में असफल रहे घोड़े का साक्ष्य सुरकोटदा (अस्थि पंजर प्राप्त) से प्राप्त हुआ है ।
- सिंधुवासियों को गैंडा ,बंदर ,भालू ,खरहा आदि जंगली जानवरों का ज्ञान था ।
- शेर का कोई साक्ष्य नहीं मिला है ।
व्यापार एवं वाणिज्य
- सिंधु सभ्यता में मुद्रा का प्रचलन नहीं था । क्रय - विक्रय वस्तु विनिमय पर आधारित था ।
- सिंधु सभ्यता के लोग अन्य सभ्यता के लोगों के साथ व्यापार करते थे
- प्रमुख आयतित वस्तुएं - :
- टिन - अफगानिस्तान ,ईरान
- तांबा - खेतड़ी (राजस्थान)
- चांदी - अफगानिस्तान,ईरान
- सोना - अफगानिस्तान व दक्षिण भारत
- सीसा - ईरान ,अफ़गानिस्तान एवं राजस्थान
- लाजवर्द - मेसोपोटामिया एवं अफगानिस्तान
- संभवत हड़प्पा सभ्यता में शिल्पियों एवं व्यापारियों का शासन था ।
धर्म
- हड़प्पा सभ्यता से मंदिर का कोई अवशेष प्राप्त नहीं हुआ है ।
- मोहनजोदड़ो की एक मोहर से स्वास्तिक चिन्ह प्राप्त हुआ है ।
- हड़प्पा सभ्यता में मुख्य रूप से कूबड़ वाले सांड की पूजा होती थी ।
- हड़प्पा सभ्यता में वृक्ष पूजा के साक्ष्य मिले हैं , पीपल एवं बबूल की पूजा होती थी ।
- सिंधु सभ्यता में प्रेतवाद भक्ति और पुनर्जन्मवाद के बीज मिलते हैं ।
अंत्येष्टि के प्रकार
- हड़प्पा सभ्यता में अंत्येष्टि तीन प्रकार से होती थी ।
- 1.पूर्ण समाधिकरण
- 2.आंशिक समाधिकरण
- 3.दाह संस्कार
- लोथल से युग्म शावाधन का साक्ष्य मिला है । नोट-विज्ञान इसको सती प्रथा के रूप में देखते हैं ।
- रोपड़ से मालिक के साथ कुत्ता दफनाए जाने के साक्ष्य मिले हैं ।
लिपि
- सिंधु लिपि के बारे में सर्वप्रथम विचार करने वाले प्रथम व्यक्ति अलेक्जेंडर कनिंघम थे ।
- सिंधु लिपि को पढ़ने के सर्वप्रथम प्रयास एल. ए. वेंडल किया था ।
- सिंधु लिपि भाव चित्रात्मक थी ।
- सिंधु लिपि के चित्रों में मछली, चिड़िया ,मानव आकृति आदि चिन्ह मिलते हैं ।
- सिंधु लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती थी ।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- सिंधु सभ्यता को प्राक् इतिहासिक युग में रखा जा सकता है ।
- सिंधु सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ और भूमध्य सागरीय थे ।
- सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक स्थल गुजरात में खोजे गए हैं ।
- लोथल एवं सूरकोटदा सिन्धु सभ्यता के बंदरगाह थे ।
- मनके बनाने का कारखाना लोथल एवं चन्हूदड़ों से प्राप्त हुआ है ।
- सिंधु सभ्यता की मुख्य फसलें गेहूं एवं जौ थी ।
- तौल की इकाई 16 के अनुपात में थी ।
- सिंधु सभ्यता के लोग धरती की पूजा उर्वरता की देवी के रूप में करते थे ।
- सिंधु सभ्यता में मातृदेवी की पूजा की जाती थी ।
- सिंधु सभ्यता मातृ सत्तात्मक थी ।
- पर्दा प्रथा एवं वेश्यावृत्ति सिंधु सभ्यता में प्रचलित थी ।
हड़प्पा कालीन स्थल
- हड़प्पा
- हड़प्पा रावी नदी के किनारे, 1921 में दयाराम साहनी द्वारा खोज ।
- शंख का बना हुआ बैल नटराज की आकृति वाली मूर्ति प्राप्त ।
- पैर में सांप दबाए गरुड़ का चित्र ,मछुआरे का चित्र प्राप्त ।
- सिर के बल खड़ी नग्न स्त्री का चित्र जिसके गर्भ से पौधा निकला दिखाई दे रहा है प्राप्त ।
- मोहनजोदड़ो
- सिंधु नदी किनारे ,1922 में राखल दास बनर्जी द्वारा खोज ।
- भवन पक्की ईटों द्वारा निर्मित सीढ़ी का साक्ष्य मिला।
- प्रवेश द्वार गली में ।
- कांसे के एक नर्तकी की मूर्ति प्राप्त ।
- एक श्रृंगी पशु आकृति वाली मुहर प्राप्त ।
- इसे मौत का टीला भी कहा जाता है ।
- लोथल
- भोगवा नदी के किनारे गुजरात में स्थित ।
- चावल एवं बाजरा के साक्ष्य प्राप्त ।
- दो मुंह वाले राक्षस के अंकन वाली मुद्रा प्राप्त ।
- पंचतंत्र की चालाक लोमड़ी का अंकन प्राप्त।
- मम्मी का उदाहरण प्राप्त ।
- बत्तख, बारहसिंघा, गोरिल्ला के अंकन वाली मुद्रा प्राप्त ।
- कालीबंगा
- घग्गर नदी के किनारे राजस्थान में स्थित ।
- इसका शाब्दिक अर्थ काली चूड़ियां है ।
- प्राक् हड़प्पा एवं विकसित हड़प्पा दोनों के साक्ष्य प्राप्त।
- जुते हुए खेत एवं सरसों के साक्ष्य प्राप्त।
- एक सींग वाले देवता के साक्ष्य प्राप्त ।
- कपाल में छेद वाले बालक का शब्द प्राप्त (शल्य क्रिया का उदाहरण)।
- चन्हूदड़ों
- मनके बनाने का कारखाना प्राप्त।
- ईंट पर बिल्ली का पीछा करते हुए कुत्ते के पदचिन्ह प्राप्त ।
- बनवाली
- हरियाणा के हिसार जिले में स्थित ।
- अच्छे किस्म की जौ की प्राप्ति ।
- हल की आकृति वाला खिलौना प्राप्त ।
- रोपड़
- पंजाब में सतलुज नदी के किनारे स्थित ।
- मानव के साथ कुत्ते के दफनाए जाने के साक्ष्य प्राप्त ।
- धौलावीरा
- गुजरात के भरूच में स्थित ।
- जल प्रबंधन के लिए 16 जलाशयों की प्राप्ति ।
- सुरकोटदा
- गुजरात के कच्छ में स्थित ।
- घोड़े की अस्थियाँ प्राप्त ।
हड़प्पा सभ्यता के पतन के कारण
क्षेत्रफल की दृष्टि से हड़प्पा कालीन नगरों का क्रम
मोहनजोदड़ो ( सबसे बड़ा) > धौलावीरा > कालीबंगानोट - धौलावीरा भारत में स्थित सबसे बड़ा हड़प्पा कालीन स्थल है ।
Nice Notes
ReplyDeleteGreat work
ReplyDeleteHelpful
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