पारिस्थितिक तंत्र ( Ecosystems )

Ecosystems

पारिस्थितिक तंत्र — पादप समुदाय व इसका वातावरण मिलकर एक स्थायी तंत्र बनते हैं जिसे पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं । सम्पूर्ण प्रकृति को ही एक तंत्र मान सकते हैं ।

✷ सर्वप्रथम टेन्सले ने इकोसिस्टम नाम दिया ।

✷ पारिस्थितिक तंत्र के अध्ययन के दो प्रमुख पहलू हैं -

  • ( i ) जैविक तथा अजैविक घटकों से बने तंत्र की संरचना ।
  • ( ii ) तंत्र के जैविक घटकों में खाद्य व ऊर्जा सम्बन्धों में समानतायें एवं विभिन्नताएँ ।
  • खनिज पदार्थ , जल , गैसें तथा ऊर्जा आदि अजैविक घटक हैं ।

    उत्पादक या स्वयंपोषी पौधे , उपभोक्ता तथा अपघटक जीवीय घटक हैं ।

    इकोसिस्टम के इन दोनों घटकों अर्थात् जीवीय तथा अजैविक में सर्वदा आदान - प्रदान होता रहता है ।

    ✷ इकोसिस्टम का वर्गीकरण या पारिस्थितिक तंत्र के प्रकार विशाल पारिस्थितिक तंत्र जैवमण्डल को कृत्रिम वर्गीकरण द्वारा विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया गया

    1. प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र
      1. 1 . स्थलीय ( Terrestrial ) उदाहरण : वन , घास स्थल , मरुस्थल आदि
      1. 2 जलीय ( Aquatic )
        1. ( a ) ताजा जलीय ( Fresh water )
          1. ( i ) प्रवाही जलीय ( Lotic ) । उदाहरण : नदी , नाले , झरने व स्रोते
          2. ( ii ) स्थिर जलीय ( Lentic ) उदाहरण : झीलें , तालाब , पोखर आदि
        2. ( b ) समुद्री ( Marine ) उदाहरण महासागर , कम गहरे सागर तथा मुहाने आदि

    ✷ ऊर्जा प्रवाह तथा खनिजों का चक्रण , दोनों को पारिस्थितिक तंत्र की गतिक का ' हृदय ' कह सकते हैं ।

    ✷ खनिज प्रवाह के चक्रों को जैव भू - रासायनिक चक्र कहते हैं । यह चक्र दो प्रकार का होता है -

  • ( i ) गैसीय चक्र — नाइट्रोजन चक्र
  • ( ii ) अवसादी चक्र - फॉस्फोरस चक्र
  • खाद्य श्रृंखला ( Food Chain ) - उत्पादकों से खाद्य ऊर्जा का स्थानान्तरण जीवों की एक श्रृंखला के रूप में होता है जो बराबर खाते हैं तथा बार - बार खाये जाते हैं । इस श्रृंखला में क्रमशः शाकाहारी , माँसाहारी व अपघटक होते हैं । ऐसी श्रृंखला को खाद्य श्रृंखला कहते हैं ।

    ✷ प्रकृति में सामान्यतया दो प्रकार की खाद्य श्रृंखलाएँ पायी जाती हैं —

  • ( i ) चरण ( Grazing ) खाद्य श्रृंखला
  • ( ii ) अपरदन खाद्य श्रृंखला ( Detrites food chain )
  • खाद्य जाल ( Food Web ) - खाद्य श्रृंखलायें परस्पर सम्बद्ध होकर अंतर्ग्रथित प्रतिरूप बनाती हैं , जिसे खाद्य जाल ( food web ) कहते हैं ।

    ✷ घास स्थल के खाद्य जाल में पाँच श्रृंखलाएँ दर्शायी गयी हैं-

  • ( i ) घास – टिड्डा ( ग्रासहॉपर ) - बाज
  • ( ii ) घास – ग्रासहॉपर — छिपकली — बाज
  • ( ii ) घास - खरगोश— बाज ( या गिद्ध या लोमड़ी या मनुष्य )
  • ( iv ) घास — चूहा— बाज
  • ( v ) घास— चूहा— सर्प — बाज
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