✶ पोषण जीवन का आधार है , शरीर के सुचारु संचालन हेतु संतुलित भोजन आवश्यक हैं भोजन में प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , विटामिन , खनिज लवण की कमी से शरीर में रोग उत्पन्न हो जाते है ।
✶ जल ही जीवन है , जल दैनिक जीवन में बहुत से क्रियाकलापों हेतु आवश्यक है , दूषित जल द्वारा मानव में अनेक रोग फैल सकते है ।
✶ जंक फूड व कृत्रिम संश्लेषित खाद्य पदार्थ आकर्षक , खुशबूदार व स्वादिष्ट होते है , परन्तु इनसे मोटापा , रक्तचाप , मधुमेह जैसे अनेक विकार उत्पन्न हो जाते है ।
✶ नशीले पदार्थ गुटका , तम्बाकू अफीम , शराब , भाँग आदि का प्रयोग लोगो द्वारा बहुत अधिक हो रहा है इनका शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है , कुछ के कारण कैंसर जैसे असाध्य रोग तो कई असामयिक मृत्यु का कारण बनते है ।
✶ बाजार में बिकने वाली अधिकांश खाद्य सामग्री में मिलावट होती है , फिर भी हम लगातार इन्हें उपयोग में ले रहे है , जिससे हमारे शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ रहे ।
✶ भोजन या आहार ऐसा आवश्यक पदार्थ है , जो पाचन क्रिया द्वारा जीव के शरीर का अंग बनकर शरीर की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करता है ।
✶ वह भोजन जिसमें सभी आवश्यक पोषक उचित मात्रा में उपलब्ध हो , उसे संतुलित भोजन कहते हैं ।
✶ लम्बे समय तक जब पोषण में किसी एक या अधिक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है , तो इसे कुपोषण कहते हैं ।
✶ भोजन में विटामिन सूक्ष्म मात्रा में आवश्यक होते हैं । लेकिन इनकी कमी होने पर ' अभाव रोग उत्पन्न हो जाते हैं ।
✶ प्रोटीन शारीरिक वृद्धि के लिए अत्यावश्यक है ।
✶ प्रोटीन कुपोषण के कारण क्वाशियोरकोर व मेरस्मस रोग उत्पन्न हो जाते हैं ।
✶ खनिज कपोषण ( आयोडीन की कमी से ) के कारण घेघा ( गलगंड ) जैसे रोग उत्पन्न हो जाते हैं ।
✶ जल के बिना जीवन असंभव है ।
✶ पीने योग्य जल की pH संतुलित होनी चाहिए तथा उसमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन घुली हुई होनी चाहिए ।
✶ दूषित जल से हैजा , पेचिस , टायफाइड , पीलिया , नारू व हिपेटाइसिस जैसे रोग उत्पन्न होते हैं ।
✶ जब शरीर में वसा का जमाव अधिक होने से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है , तो ऐसी शारीरिक स्थिति को मोटापा कहते हैं ।
✶ मानव भार व लम्बाई का अनुपात शरीर भार सूचकांक ( Body mass index = BMI) कहलाता है ।
✶ रक्तवाहिनियों में बहने वाले रक्त द्वारा जो दबाव वाहिनियों की दीवारों पर डाला जाता है , उसे रक्तचाप कहते हैं ।
✶ सामान्य से अधिक व निम्न रक्तचाप का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।
✶ नशीले पदार्थ मानव शरीर पर कुप्रभाव डालते हैं तथा शरीर को रोगग्रस्त बना देते हैं ।
✶ गुटखा खाने से सबम्यूकस फाईब्रोसिस रोग हो जाता है |
✶ तम्बाकू ( निकोटियाना टोबेकम ) में निकोटिन एल्केलॉयड पाया जाता है ।
✶ तम्बाकू के सेवन से कैंसर ( मुँह , गले , जीभ व फेफड़ों का ) एवं कई अन्य विकार उत्पन्न हो जाते हैं ।
✶ मदिरा में ऐथिल एल्कोहॉल ( C2H5OH ) नामक नशीला पदार्थ पाया जाता है ।
✶ मदिरा सेवन से यकृत व तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार उत्पन्न होते हैं ।
✶ मदिरा सेवन से व्यक्ति की आर्थिक व सामाजिक स्थिति में गिरावट आती है ।
✶ अफीम ( पैपेवर सोमनिफेरम ) में लगभग 30 प्रकार के एल्केलॉइड ( जैसे मॉर्फिन , कोडिन , पैपेवरिन एवं सोमनीफैरम आदि ) पाये जाते हैं ।
✶ अफीम से हेरोइन नामक नशीला पदार्थ भी बनाया जाता है ।
✶ कोकीन , भाँग , चरस , हशीश , गांजा एवं एल सी डी ( लायसर्जिक एसिड डाइ इथाइल एमाइड ) आदि भी नशीले पदार्थ है ।
✶ कुछ औषधियाँ डॉक्टर के लिखने पर ही मिलती है । जैसे - मॉर्फिन , पेथेडीन , नाइट्राजिपाम , डाइजिपाम , प्रोपोक्सिफिन एवं ब्युप्रीनोर्फिन आदि । इन औषधियों का दुरुपयोग नशीले पदार्थ के रूप में होने लगा है ।
✶ आजकल थिनर , पेट्रोल , स्प्रेपेंट , करेक्शन फ्लूइड , नेलपॉलिश , मार्कर , गैसोलीन आदि गैर परम्परागत पदार्थों को भी नशा करने के काम में लेते हैं ।
✶ बाजार में बिकने वाले अधिकांश खाद्य पदार्थों में मिलावट पायी गई है । ऐसे मिलावटी खाद्य पदार्थों का हमारे शरीर पर अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव पड़ते हैं ।
✶ कोल्डड्रिंक्स ( शीतल पेय ) में पाये जाने वाले तत्व निर्धारित मानक से अधिक होने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।
✶ कोल्डड्रिक्स में पाये जाने वाले लीडेन , डी . डी . टी . , मेलेथियान , क्लोरपाइरीफॉस , सीसा , बैंजोइल अम्ल , फॉस्फोरिक अम्ल आदि स्नायु , मस्तिष्क , यकृत , वृक्क , माँसपेशियों , दांतों , अस्थियों व पाचन तन्त्र आदि से संबंधित विकार उत्पन्न करते हैं ।
✶ दूध में यूरिया , सोडा , डिटरजेंट , पोस्टर कलर व रिफाइंड तेल की मिलावट भी देखी गई है ।
✶ देशी घी में वनस्पति घी की मिलावट की जाती है ।
✶ सरसों के तेल में पाम ऑयल व सत्यानाशी ( आर्जीमोन ) बीजों की मिलावट की जाती है ।
✶ लाल मिर्च पाउडर में ईंट का चूरा , काली मिर्च में पपीते के बीजों की , हल्दी में लेड क्रोमेट की व पीली मिट्टी की तथा धनिया व मिर्च में गंधक की मिलावट की जाती है |
✶ बेसन में मक्के का आटा , चना व अरहर की दाल में खंसारी दाल , मिठाइयों में विभिन्न रंगों तथा दवाइयों में भी विभिन्न पदार्थों की मिलावट ( नकली दवाईयाँ ) की जाती है ।
✶ खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों या मिलावट का नियमन करने के लिए 1954 का खाद्य पदार्थ अल्प मिश्रण निषेध अधिनियम ( PFA) बना हुआ है ।