✷ पर्यावरण एवं समाज एक अन्तर्निर्भर तथ्य है क्योंकि उपर्युक्त पर्यावरण से ही समाज एवं सभ्यता का विकास होता है । अतः पर्यावरण तथा समाज में घनिष्ठ सम्बन्ध है ।
✷ आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक पर्यावरण एवं सामाजिक विकास को चार चरणों में बाँटा जा सकता है -
✷ मनुष्य की सभ्यता पर्यावरण सहयोग पर आधारित है ।
✷ पशुपालन मनुष्य का प्रथम ऐसा कार्य कहा जा सकता है जब उसे अपने पर्यावरण से संघर्ष करना पड़ा होगा ।
✷ भारत में दिन प्रति दिन शहरीकरण में वृद्धि हो रही है । बड़े शहरों की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है अत : ऊर्जा का संकट बड़े शहरों में वृहत् रूप में दिखाई देता है ।
✷ जल एक आधारभूत आवश्यकता है । अतः जल संरक्षण बहुत महत्त्वपूर्ण कार्य है ।
✷ राजस्थान जैसे प्रदेश में , जहाँ कई वर्षों तक सूखा व कई वर्षों तक अकाल की स्थिति चल रही है , वर्षा जल का संग्रहण एक प्राथमिक आवश्यकता है ।
✷ पर्यावरण की शुद्धता व संरक्षण प्रत्येक बुद्धिजीवी का कर्तव्य है ।
✷ ग्रीन हाउस प्रभाव से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि हो रही है ।
✷ एलनीनो तथा लानीनो की घटनाओं से भारत में मानसून प्रभावित होता है ।
✷ वायु प्रदूषण के मुख्यतः ‘ ग्रीन हाउस ‘ गैसों के प्रभाव से वैश्विक तापवृद्धि हो रही । है । इसके लिए विकसित देश बहुत अधिक जिम्मेदार हैं ।
✷ व्यर्थ भूमि की वन या ईंधन या वनस्पति या चरागाह के रूप में पुनः प्राप्ति की जा सकती है ।
✷ पर्यावरण संरक्षण के लिए समय - समय पर कानून बने हैं ।
✷ पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु विगत वर्षों में निम्न कानून बनाये गये हैं -
✷ विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों को रोकने हेतु निम्न अधिनियम बनाये गये -
✷ जनचेतना — इसके अन्तर्गत प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र के कार्यकर्ता एवं अन्य संगठनों के सदस्य जनता को प्रतिरक्षात्मक टीकों की जानकारी देना ।
✷ शिक्षण संस्थाओं में शुरू से ही पर्यावरण अध्ययन को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए । जनहित याचिकाओं की बढ़ती संख्या जनसामान्य में बढ़ती पर्यावरण चेतना का प्रमाण है ।