परिभाषा :लिंग शब्द का अर्थ होता है चिह्न या पहचान । व्याकरण के अन्तर्गत लिंग उसे कहते हैं , जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता है ।
प्रकार : हिन्दी भाषा में लिंग दो प्रकार के होते हैं -
( 1 ) पुल्लिंग : जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द की पुरुष जाति का बोध होता है , उसे पुल्लिंग कहते हैं । जैसे - गोविन्द ,अध्यापक, मेरा , काला , जाता ।
( 2 ) स्त्रीलिंग : जिसके द्वारा किसी विकारी शब्द की स्त्री जाति का बोध होता है , उसे स्त्रीलिंग कहते हैं । जैसे - सीता , अध्यापिका , मेरी , काली , जाती ।
✺ लिंग की पहचान
लिंग की पहचान शब्दों के व्यवहार से होती है । कुछ शब्द सदा पुल्लिंग रहते हैं तो कुछ शब्द सदा स्त्रीलिंग । कुछ शब्द परम्परा के कारण पुल्लिंग या स्त्री लिंग में प्रयुक्त होते हैं ।
✸ 1 . पुल्लिंग संज्ञा शब्दों की पहचान
( i ) प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाएँ : पुरुष , आदमी , मनुष्य , लड़का , शेर , चीता , हाथी , कुत्ता , घोडा , बैल , बन्दर , पशु , खरगोश , गैडा , मेंढक , सांप , मच्छर , तोता , बाज , मोर , कबूतर , कौवा , उल्लू , खटमल , कछुआ ।
( ii ) अप्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाएँ : निम्न संज्ञाएँ सदैव पुल्लिग में ही प्रयुक्त होती हैं ।
( अ ) पर्वतों के नाम : हिमालय , विन्ध्याचल , अरावली , कैलास , आल्पस ।
( आ ) महीनों के नाम : भारतीय महीनों तथा अंग्रेजी महीनों के नाम जैसे - चैत , वैशाख , ज्येष्ठ , आषाढ़, मार्च
( इ ) दिन या वारों के नाम : सोमवार , मंगलवार , शनिवार ।
( ई ) देशों के नाम : भारत , अमेरिका , चीन , रूस , फ्रांस , इण्डोनेशिया , ( अपवाद ) श्रीलंका ( स्त्रीलिंग )
( उ ) ग्रहों के नाम : सूर्य , चन्द्रना , मंगल , शुक्र , राहु , केतु , अरुण , वरुण , यम , अपवाद ( पृथ्वी )
( ऊ ) धातुओं के नाम : सोना , तांबा , पीतल , लोहा , अपवाद ( चाँदी )
( ए ) वृक्षों के नाम : नीम , बरगद , बबूल , आम , पीपल , अशोक , अपवाद ( इमली )
( ऐ ) अनाजों के नाम : चावल , गेहूँ , बाजरा , जौ , अपवाद ( ज्वार )
( ओ ) द्रवपदार्थों के नाम : तेल , घी , दूध , शर्बत , मक्खन , पानी , अपवाद ( लस्सी , चाय )
( औ ) समय सूचक नाम : क्षण , सेकण्ड , मिनट , घण्टा , दिन , सप्ताह , पक्ष , माह , अपवाद ( रात , सायं , सन्ध्या , दोपहर , ) ।
( क ) वर्णमाला के वर्ण : स्वर तथा क से ह तक व्यंजन , अपवाद ( इ , ई ऋ ) ।
( ख़ ) समुन्द्रों के नाम : हिन्द महासागर , प्रशान्त महासागर
(ग ) मूल्यवान पत्थर , रत्नों के नाम : हीरा , पुखराज , नीलम , पन्ना , मोती , माणिक्य , अपवाद ( मणि , लाल ) ।
(घ ) शरीर के अंगों के नाम : सिर , बाल , नाक , कान , दाँत , गाल , हाथ , पैर , ओंठ , मुंह अपवाद (गर्दन , जीभ ,ऊँगली )
( च ) देवताओं के नाम : इन्द्र , यम , वरुण , ब्रह्मा , विष्णु , महेश ।
(छ ) आपा , आव , आवा , आर , अ , अन , ईय , एरा , त्व , दान , पन, य , खाना , वाला आदि प्रत्यय युक्त शब्द : यथा - बुढापा , चुनाव , पहनावा , सुनार , न्याय , दर्शन , पूजनीय , चचेरा , देवत्व , फूलदान , बचपन , सौन्दर्य , डाकखाना , दूधवाला ।
( ज ) ख , ज , न , त्र के अन्तवाले शब्द :जैसे- सुख , जलज , नयन , शस्त्र ।
✸ 2 . स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों की पहचान
( क ) तिथियों के नाम : प्रथम , द्वितीया , एकादशी , अमावस्या , पूर्णिमा ।
( ख ) भाषाओं के नाम : हिन्दी , अंग्रेजी , उर्दू , जापानी , मलयालम ।
( ग ) लिपियों के नाम : देवनागरी , रोमन , गुरुमुखी , अरबी , फारसी ।
( घ ) बोलियों के नाम : ब्रज , भोजपुरी , हरियाणवी , अवधी ।
( च ) नदियों के नाम : गंगा , गोदावरी , व्यास , ब्रह्मपुत्र ।
( छ ) नक्षत्रों के नाम : रोहिणी , अश्वनी , भरणी ।
( ज ) देवियों के नाम : दुर्गा , रमा , उमा ।
( ञ ) महिलाओं के नाम : आशा , शबनम , रजिया , सीता ।
( ट ) लताओं के नाम : अमर बेल , मालती , तोरई ।
( ङ ) आ , आई , आइन , आनी , आवट , आहट , इया , ई , त , ता , ति , आदि प्रत्यय युक्त शब्द: यथा - छात्रा , मिठाई ठकुराइन , नौकरानी , सजावट , घबराहट , गुडिया , गरीबी , ताकत , मानवता , नीति ।
✺ लिंग परिवर्तन
✸ पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के कतिपय नियम
1.शब्दान्त ' अ ' को ' आ ' में बदलकर
2.शब्दान्त ' अ ' को ' ई ' में बदलकर
3.शब्दान्त ' आ ' को ‘ ई ' में बदलकर
4. शब्दान्त ' आ ' को ' इया ' में बदलकर
5.शब्दान्त प्रत्यय ' अक ' को ' इका ' में बदलकर
6.' आनी ' प्रत्यय लगाकर
7.' न ' प्रत्यय लगाकर
8.शब्दान्त में ‘ई’ के स्थान पर ‘इनी’ - लगाकर
9.' इन ' प्रत्यय लगाकर
10. ‘ आइन ' प्रत्यय लगाकर
11. शब्दान्त ' वान ' के स्थान पर ' वती ' लगाकर
12.शब्दान्त ' मान ' के स्थान पर ' मती ' लगाकर
13. शब्दान्त ' ता ' के स्थान पर ' त्री' लगाकर
14. शब्द के पूर्व में ' मादा ' शब्द लगाकर
15 . भिन्न रूप वाले कतिपय शब्द
✺ विशेष
1 . तारा , देवता , व्यक्ति , आदि शब्द संस्कृत में स्त्रीलिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में पुल्लिग ।
2 . आत्मा , बूंद , देह , बाहू , आदि शब्द संस्कृत में पुल्लिंग हैं किन्तु हिन्दी में स्त्रीलिंग ।
3 . संस्कृत में ' इमा ' प्रत्यान्तक शब्द यथा - महिमा , गरिमा , लघिमा , सीमा , आदि पुल्लिंग होते हैं । किन्तु हिन्दी में ये तत्सम शब्द होते हुए भी स्त्रीलिंग हैं ।
4. ' अ ‘ प्रत्यान्तक - जय , विजय , पराजय , संस्कृत में पुल्लिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में स्त्रीलिंग ।
5. कृत और तद्धित प्रत्ययों से बने विशेषण या कर्तृवाच्य शब्द स्त्रीलिंग या पुल्लिंग शब्द के साध यथावत ही प्रयुक्त होते हैं ।
जैसे -आकर्षक दृश्य या घटना । देदीप्यमान - प्रकाश या ज्योति । परिचित - पुरुष या महिला । धार्मिक - संगठन या संस्था । धर्मज्ञ - पुरुष या नारी6. सर्वनाम में लिंग के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होता है ।
7. निम्न पदवाची शब्दों में भी लिंग परिवर्तन नहीं होता ।
राष्ट्रपति , प्रधानमन्त्री , मंत्री , डाक्टर , मैनेजर , प्रिंसिपल ।
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