पद - परिचय

pad parichay hindi vyakaran

वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते हैं तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद परिचय - पद व्याख्या या पदान्वय कहते हैं । पद परिचय में उस शब्द के भेद , उपभेद , लिंग , वचन , कारक आदि के परिचय के साथ , वाक्य में प्रयुक्त अन्य पदों के साथ उसके सम्बन्ध का भी उल्लेख किया जाता है ।

1 . संज्ञा शब्द का पद परिचय

किसी भी संज्ञा पद के पद परिचय हेतु निम्न 5 बातें बतलानी होती हैं ।

( i ) संज्ञा का प्रकार
( ii ) उसका लिंग
( iii ) वचन
( iv ) कारक
( v ) उस शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध

संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध कारक के अनुसार जाना जा सकता है । जैसे - यदि संज्ञा शब्द कर्ता कारक है तो लिखेंगे अमुक क्रिया का कर्ता या ‘ करने वाला ’ , तथा कर्म कारक है तो उल्लेख करेंगे अमुक क्रिया का ‘ कर्म ’ ! इसी प्रकार कारक के अनुसार उसका क्रिया के साथ सम्बन्ध बतलाया जायेगा ।

अभिषेक पुस्तक पढ़ता है ।

उक्त वाक्य में ‘अभिषेक ’ तथा ‘पुस्तक ’ शब्द संज्ञाएँ हैं । यहाँ इनका पद परिचय उक्त पाँचों बातों के अनुसार निम्नानुसार होगा -

अभिषेक : व्यक्तिवाचक संज्ञा , पुल्लिंग , एक वचन , कर्ता कारक , ' पढ़ता है ' क्रिया का कर्ता ।

पुस्तक : जातिवाचक संज्ञा , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्म कारक , ‘ पढ़ता है ’ क्रिया का कर्म ।

2 . सर्वनाम शब्द का पद परिचय

किसी सर्वनाम के पद परिचय में भी उन्हीं बातों का उल्लेख करना होगा , जिनका संज्ञा शब्द के पद - परिचय में किया था अर्थात्

( i ) सर्वनाम का प्रकार पुरुष सहित
( ii ) लिंग
( iii ) वचन
( iv ) कारक
( v ) क्रिया के साथ सम्बन्ध आदि ।

मैं पुस्तक पढ़ता हूँ ।

इस वाक्य में ‘ मैं ’ शब्द सर्वनाम है । अतः इसका पद परिचय होगा -

मैं : पुरुषवाचक सर्वनाम , उत्तम – पुरुष , पुल्लिंग , एक वचन , ‘ पढ़ता हूँ ’ क्रिया का कर्ता ।

यह उसकी वही कार है , जिसे कोई चुराकर ले गया था ।

इस वाक्य में ‘ यह ’ , ‘ उसकी ’ , ‘ जिसे ’ , तथा ‘ कोई ’ पद सर्वनाम हैं । इनका भी पद परिचय इस प्रकार होगा -

यह : निश्चयवाचक सर्वनाम , अन्य पुरुष , स्त्रीलिंग , एक वचन , सम्बन्ध कारक , ‘ कार ’ संज्ञा शब्द से सम्बन्ध ।

जिसे : सम्बन्धवाचक सर्वनाम , स्त्रीलिंग , एकवचन कर्मकारक , ‘ चुराकर ले गया ’ क्रिया का कर्म ।

कोई : अनिश्चयवाचक सर्वनाम , अन्यपुरुष , पुल्लिंग एकवचन , कर्ता कारक , ‘ चुराकर ले गया ’ क्रिया का कर्ता ।

3 . विशेषण शब्द का पद परिचय

किसी विशेषण शब्द के पद परिचय हेतु निम्न बातों का उल्लेख करना होता है -

( i ) विशेषण का प्रकार
( ii ) अवस्था
( iii ) लिंग
( iv ) वचन
( v ) विशेष्य व उसके साथ सम्बन्ध ।

वीर राम ने सब राक्षसों का वध कर दिया ।

उक्त वाक्य में ‘ वीर ’ तथा ‘ सब ’ शब्द विशेषण हैं , इनका पद परिचय निम्नानुसार होगा -

वीर : गुणवाचक विशेषण , मूलावस्था , पुल्लिंग , एकवचन , ‘ राम ’ विशेष्य के गुण का बोध कराता है ।

सब : संख्यावाचक विशेषण , मूलावस्था , पुल्लिंग , बहुवचन , ‘ राक्षसों ’ विशेष्य की संख्या का बोध कराता है ।

4 . क्रिया शब्द का पद परिचय

क्रिया ' शब्द ' का पद परिचय में क्रिया का प्रकार , लिंग , वचन , वाच्य , काल तथा वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दों के साथ सम्बन्ध को बतलाया जाता है ।

राम ने रावण को बाण से मारा ।

उक्त वाक्य में ‘ मारा ’ पद क्रिया है । इसका पद परिचय होगा -

मारा : सकर्मक क्रिया , पुल्लिंग , एकवचन , कर्तृवाच्य , भूतकाल , ‘ मारा ’ क्रिया का कर्ता ‘ राम ’ , कर्म ‘ रावण ’ तथा करण ‘ बाण ’

5 . क्रिया विशेषण का पद परिचय

लड़के ऊपर खड़े हैं ।

‘ ऊपर ’ शब्द क्रिया विशेषण है अतः पद परिचय होगा -

ऊपर : स्थानवाचक क्रिया विशेषण , ‘ खड़े हैं ’ क्रिया के स्थान का बोध कराता है ।

6 . सम्बन्धबोधक अव्यय का पद परिचय

भोजन के बाद विश्राम करना चाहिए ।

प्रस्तुत वाक्य में ‘ के बाद ’ सम्बन्ध बोधक अव्यय है । अतः इसका पद परिचय होगा -

के बाद : सम्बन्ध बोधक अव्यय , जो भोजन संज्ञा का सम्बन्ध ‘ विश्राम ’ के साथ जोड़ता है ।

7 . समुच्चयबोधक अव्यय का पद परिचय

तृप्ति और गुंजन जा रही हैं ।

प्रस्तुत वाक्य में ‘ और ’ शब्द समुच्चय बोधक अव्यय है , इसका पद परिचय होगा -

और : समुच्चय बोधक अव्यय , संयोजक , ‘ तृप्ति ’ तथा ‘ गुंजन ’ दो संज्ञा शब्दों को जोड़ता है ।

8 . विस्मयादिबोधक अव्यय का पद परिचय

अरे ! यह क्या हो गया ?

अरे : विस्मयादि बोधक अव्यय , जो विस्मय के भाव का बोध कराता है ।

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