औसत ( Average ) - दो या दो से अधिक सजातीय पदों का ‘औसत’ वह संख्या है , जो दिए गए पदों के योगफल को उन पदों की संख्या से भाग देने पर प्राप्त होती है । इसे ‘मध्यमान’ भी कहा जाता है ।
औसत से सम्बंधित महत्वपूर्ण सूत्र
❆ यदि m संख्याओं का औसत x है तथा n संख्याओं का औसत y है , तो शेष संख्याओं का औसत
कुछ अन्य सूत्र
N विद्यार्थियों के समूह की औसत आयु T वर्ष है , जब n विद्यार्थी और आ जाएँ , तो समूह की औसत आयु T वर्ष बढ़ जाती है , तब
यदि औसत आयु t वर्ष घट जाती है , तब
यदि N व्यक्तियों के एक समूह में एक T वर्ष के आदमी के स्थान पर एक नया व्यक्ति आ जाता है , जिससे औसत आयु में t वर्ष की वृद्धि होती है , तो
यदि नए व्यक्ति के आ जाने से t वर्ष की कमी होती है , तो
यदि ( n + 1 ) संख्याओं में से प्रथम n संख्याओं का औसत Y तथा अन्तिम n संख्याओं का औसत Z हो तथा प्रथम संख्या f तथा अन्तिम संख्या l हो , तो अभीष्ट सम्बन्ध है
t वर्ष पहले एक परिवार के N सदस्यों की औसत आयु T वर्ष थी , यदि परिवार में n बच्चों के बढ़ जाने पर भी वर्तमान औसत आयु वही रहती है , तो
औसत के गुण
यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की वृद्धि होती है , तो उनके औसत में भी ‘a’ की वृद्धि होगी ।
यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की कमी होती है , तो उनके औसत में भी ‘a’ की कमी होगी ।
यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की गुणा की जाती है , तो उनके औसत में भी ‘a’ की गुणा होगी ।
यदि सभी संख्याओं को ‘a’ से भाग दिया जाता है , तो उनके औसत में भी ‘a’ से भाग होगा ।
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