किसी संख्या को आपस में तीन बार गुणा करने पर जो गुणनफल प्राप्त होता है , उस गुणनफल को उस संख्या का घन कहते हैं तथा गुणनफल के लिए वह संख्या उसका घनमूल कहलाती है ।
किसी संख्या n के घन को n3 से प्रदर्शित करते हैं , जबकि घनमूल को ∛n से प्रदर्शित करते हैं ।
एक प्राकृत संख्या एक पूर्ण घन कहलाती है , यदि वह किसी प्राकृत संख्या का घन है , अर्थात् , यदि m = n3 हो , तो m एक पूर्ण घन है , जहाँ m और n प्राकृत संख्याएँ हैं ।
सम संख्याओं के घन सम संख्याएँ होती हैं ।
विषम संख्याओं के घन विषम संख्याएँ होती हैं ।
किसी संख्या का घन करने पर इकाई का अंक 0 से 9 तक कुछ भी हो सकता है , जैसे -
2 का घन = ( 2 )3 = 2 x 2 x 2 = 8 होता है
5 का घन = ( 5 )3 = 5x5x5 = 125 होता है
8 का घनमूल = ∛8 = ( 8 ) 1/ 3 = 2 होता है
125 का घनमूल = ∛125 = ( 125 ) 1/ 3 = 5 होता है
1 , 2 तथा 3 अंकों वाली संख्या का घनमूल एक अंक वाली संख्या होती हैं । इसी प्रकार 4 , 5 , 6 अंकों वाली संख्या का घनमूल दो अंकों वाली संख्या होती है ।
किसी संख्या में दशमलव के बाद जितने अंक होते हैं । घनमूल में दशमलव के बाद उसके एक - तिहाई अंक होते हैं ।
एक पूर्ण घन ( 1 के अतिरिक्त ) को सदैव समान अभाज्य गुणनखंडों के त्रिकों के गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जा सकता है ।
किसी ऋण संख्या का घनमूल वास्तविक संख्या होता है तथा ऋण संख्या का वर्गमूल वास्तविक संख्या नहीं होता है , बल्कि एक काल्पनिक संख्या होता है , उदाहरणार्थ - 3375 का घनमूल = 15 अतः दी गई संख्या के अभाज्य गुणनखण्ड प्राप्त करके 3 . 3 अंकों के जोड़े बनाते हैं । फिर उनसे से एक - एक अंक लेकर गुणा करते हैं । इस प्रकार प्राप्त गुणनफल उस संख्या का घनमूल होता है ।
घनमूल को लघुगणक की सहायता से भी निकालते हैं , जैसे ∛x का मान क्या होगा , तब ।
माना
∛x = b
या
x⅓ = b
दोनों तरफ का log लेने पर
log ( x⅓ ) = log b
⅓ log x = log b
b = antilog ( ⅓ log x )
यह नियम दशमलव संख्याओं का घनमूल निकालने में उपयोगी है ।
संख्या में इकाई का अंक | संख्या के घनमूल में इकाई का अंक |
---|---|
0 | 0 |
1 | 1 |
2 | 8 |
3 | 7 |
4 | 4 |
5 | 5 |
6 | 6 |
7 | 3 |
8 | 2 |
9 | 9 |
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