विटामिन A ( रेटीनॉल )
कार्य : वृद्धि , आँखों की निरोगता , त्वचा और श्लेष्मिक झिल्ली की कोशिकाओं की क्रियाओं के लिए आवश्यक ।
स्रोत : मछली के यकृत का तेल , यकृत , गुर्दा , फल , टमाटर , गाजर , मक्खन , अण्डे की जर्दी , आदि ।
प्रभाव : वृद्धि रुकना , रतौंधी व जीरोफ्थैल्मिया , संक्रमणों के प्रति प्रभावी , त्वचा और झिल्लियों में परिवर्तन का आना , दोषपूर्ण दाँत तथा बीमारियाँ , आदि ।
विटामिन B1 ( थायमीन )
कार्य : वृद्धि , कार्बोहाइड्रेट उपापचय का नियन्त्रण , हृदय , तन्त्रिका और पेशियों की सक्रियता के लिए आवश्यक ।
स्रोत : बीज वाले अन्न , माँस , दुग्ध , सोयाबीन , मुर्गा , अंकुरित अनाज , अण्डा , यीस्ट , आदि ।
प्रभाव : वृद्धि का रुकना , भूख और वजन घटना , तन्त्रिका विकास , बेरी - बेरी , थकान का होना , बदहजमी , पेट की खराबी , आदि ।
विटामिन B2 ( राइबोफ्लेविन )
कार्य : वृद्धि , त्वचा और मुख की निरोगता , आँखों की सक्रियता ।
स्रोत : माँस , सोयाबीन , दुग्ध , हरी तरकारियाँ , अण्डे , मुर्गा , आदि ।
प्रभाव : वृद्धि को रुकना , धुंधली दृष्टि का होना , जिह्वा पर छाले पड़ जाना , असमय बुढ़ापा आना , प्रकाश न सह पाना , आदि ।
विटामिन B3 ( पेण्टोथेनिक एसिड )
कार्य : कोएन्जाइम - A तथा ऐसीटाइलकोलीन के संश्लेषण के लिए आवश्यक ।
स्रोत : यीस्ट , माँस , जिगर , गुर्दा , दुग्ध , अण्डे , आदि ।
प्रभाव : पेशियों में लकवा , पैरों में जलन महसूस होना ।
विटामिन B5 ( नियासिन , निकोटिनिक अम्ल )
कार्य : वृद्धि , कार्बोहाइड्रेट उपापचय , आमाशय और आँतों की सक्रियता , तन्त्रिका तन्त्र की सक्रियता के लिए ।
स्रोत : माँस , मूंगफली का मक्खन ( पीनट न बटर ) , आलू , साबुत अनाज , टमाटर , पत्ते वाली तरकारियाँ , आदि ।
प्रभाव : जिह्वा का चिकनापन , त्वचा पर फोड़े - फुसी का होना , पाचन क्रिया में गड़बड़ी होना , मानसिक विकारों ( पेलाग्रा ) का होना ।
विटामिन B6 ( पाइरीडॉक्सिन )
कार्य :अमीनो अम्ल का उपापचय ।
स्रोत : यकृत , माँस , अनाज , आदि ।
प्रभाव : त्वचा रोग , मस्तिष्क को ठीक से कार्य न करना । शरीर का भार कम होना , एनीमिया ।
विटामिन B7 ( बायोटिन )
कार्य : कार्बोहाइड्रेट उपापचय , त्वचा व बालों की रक्षा ।
स्रोत :माँस , अण्डा , यकृत , गिरीदार फल , दुग्ध , आदि ।
प्रभाव : लकवा , शरीर में दर्द , बालों का गिरना तथा वृद्धि में कमी , आदि ।
विटामिन B9 ( फोलिक अम्ल )
कार्य :रुधिर कोशिकाओं का निर्माण तथा । वृद्धि , न्यूक्लिक अम्ल के उपापचय में सहायक ।
स्रोत :गिरीदार फल , हरी तरकारियाँ , यकृत , सेम , यीस्ट , अण्डा , आदि ।
प्रभाव : एनीमिया तथा पेचिश रोग हो जाता है ।
विटामिन B12 ( साइनोकोबालेमिन )
कार्य : रुधिराणु बनाना , न्यूक्लिक अम्ल के संश्लेषण के लिए , नाइट्रोजन उपापचय , आदि ।
स्रोत : यकृत , आदि ।
प्रभाव : रुधिर की कमी का होना आदि ।
विटामिन C ( एस्कॉर्बिक अम्ल )
कार्य :वृद्धि , दाँतों का विकास तथा मजबूती , मसूड़ों की निरोगता , घाव भरना , आदि ।
स्रोत : नींबू , सन्तरा , नारंगी , टमाटर , पत्तीदार सब्जियाँ , आँवला , खट्टे पदार्थ , आदि ।
प्रभाव : मसूड़े फूलना , अस्थियों के चारों ओर स्राव , जरा - सी चोट पर रुधिर निकलने लगना ( स्कर्वी ) , अस्थियाँ कमजोर होना ।
विटामिन D ( कैल्सीफेरॉल )
कार्य :वृद्धि तथा अस्थियों और दाँतों का निर्माण ।
स्रोत : मछली का यकृत का तेल , सम्पूर्ण दूध , अण्डे , सूर्य का प्रकाश ।
प्रभाव : ( रिकेट्स ) सूखा रोग , कमजोर दाँत , दाँतों के रोग , दाँतों का सड़ना , आदि ।
विटामिन E ( टोकोफेरॉल )
कार्य : सामान्य जनन ।
स्रोत :पत्तीदार सब्जियाँ , दुग्ध , मक्खन , अंकुरित गेहूँ , वनस्पति तेल , आदि ।
प्रभाव : जनन - शक्ति का कम होना ।
विटामिन K ( फिलोक्विनोन )
कार्य : रुधिर के सामान्य थक्के जमना , यकृत की सामान्य क्रियाओं के लिए ।
स्रोत : हरी सब्जियाँ , सोयाबीन का तेल , टमाटर , आँतों में जीवाणु भी संश्लेषण करते हैं ।
प्रभाव : रुधिर स्राव का होना , ऐंठन , आदि ।