राज्यसभा भारतीय संसद का द्वितीय या उच्च सदन है । इसे लोकसभा की तुलना में कम शक्तियाँ प्राप्त हैं , लेकिन फिर भी इसका अपना महत्त्व और उपयोगिता है |
सदस्य संख्या और निर्वाचन पद्धति
संविधान के अनुसार राज्यसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है ।
इनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते हैं । ये ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें कला , साहित्य , विज्ञान , समाज - सेवा या खेल के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या अनुभव प्राप्त हो ।
राज्य विधानमण्डलों द्वारा 233 सदस्य निर्वाचित होते हैं |
इन सदस्यों का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय पद्धति के अनुसार संघ के विभिन्न राज्यों और संघीय क्षेत्रों की विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है ।
सदस्यों की योग्यताएँ
वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो ।
उसकी आयु 30 वर्ष या इससे अधिक हो ।
भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अन्तर्गत वह कोई लाभ का पद धारण न किये हुये हो ।
वह किसी न्यायालय द्वारा पागल न ठहराया गया हो तथा दिवालिया न हो ।
सदस्यों का कार्यकाल
राज्यसभा एक स्थायी सदन है जो कभी भंग नहीं होता ।
इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष है और राज्यसभा के एक - तिहाई सदस्य प्रति दो वर्ष बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं ।
राज्यसभा के पदाधिकारी
राज्यसभा के दो प्रमुख पदाधिकारी होते है - सभापति और उपसभापति ।
भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है , उसका कार्यकाल 5 वर्ष है ।
राज्यसभा अपने सदस्यों में से किसी एक को 6 वर्ष के लिए उपसभापति निर्वाचित करती है ।
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