भारत में अब 7 नहीं बल्कि 9 केंद्र शासित प्रदेश होंगे ।
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 ख़त्म करने के ऐलान के साथ ही जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है ।
जम्मू कश्मीर विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश होगा , जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केन्द्र शासित प्रदेश रहेगा ।
राज्य और केद्र शासित प्रदेश में अंतर
भारत के राज्यों की अपनी चुनी हई सरकारें होती हैं , लेकिन केन्द्र शासित प्रदेशों में सीधे सीधे भारत सरकार का शासन होता है ।
सभी राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ( पुडुचेरी और दिल्ली ) में निर्वाचित विधायिका और सरकार हैं , जबकि बाकी केंद्र शासित प्रदेश सीधे केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित और प्रशासित हैं ।
भारत के सभी राज्य केंद्र के साथ एक संघीय संबंध साझा करते हैं , जबकि केंद्र शासित प्रदेश केंद्र के साथ एकात्मक संबंध साझा करते हैं ।
प्रत्येक राज्य में एक राज्यपाल होता है , जो कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य करता है , लेकिन केंद्र शासित प्रदेश के मामले में राष्ट्रपति कार्यकारी प्रमुख के तौर पर कार्य करता है ।
देश के सभी राज्यों को मुख्यमंत्री शासित होते हैं जो जनता दवारा चुने जाते है , लेकिन केंद्र शासित प्रदेश एक प्रशासन दवारा शासित होता है जिसे राष्ट्रपति द्वारा चुना जाता है ।
क्यों बनाए जाते हैं केंद्र शासित प्रदेश ?
इसमें कुछ महत्वपूर्ण कारण ये हैं कि छोटे आकार का क्षेत्र और कम जनसंख्या वाला क्षेत्र , अलग संस्कृति , प्रशासनिक महत्व आदि तत्वों की सुरक्षा करना आदि ।
सामरिक महत्व
लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार दो ऐसे क्षेत्र है , जहां पर भी विधानसभा का गठन कर एक अलग राज्य संचालित करना आसान् नहीं है । लेकिन केंद्र सरकार के ज़रिए सीधे तौर पर वहां शासन आसान है और ये रणनीतिक रुप से भी काफ़ी अहम है । आपातकालीन स्थिति में सरकार वहां पर कोई भी कार्रवाई कर सकती है लेकिन एक राज्य में सरकार ऐसा नहीं कर सकती ।