गैल्वेनिक सैल क्या होती है ?
गैल्वेनिक सैल एक विद्युत रासायनिक सैल होती है जिसमें रासायनिक अभिक्रिया में विद्युत ऊर्जा बनती है ।
विद्युत रासायनिक सैल में कैथोड और एनोड पर होने वाली अभिक्रिया की प्रकृति क्या है ?
विद्युत रासायनिक सैल में कैथोड धनात्मक इलेक्ट्रोड है जहां इलेक्ट्रॉन खर्च होते हैं ।
A+ + e- → A
अतः कैथोड पर अपचयन ( Rduction ) होता है ।
दूसरी ओर , एनोड ऋणात्मक इलेक्ट्रोड है जहां इलेक्ट्रॉन विकसित होते हैं ।
B+ → B + e-
अतः एनोड पर ऑक्सीकरण ( Oxidation ) होता है ।
ऑक्सीकरण क्या है ?
ऑक्सीकरण प्रक्रम में पदार्थ से इलेक्ट्रॉन निकल जाते हैं ।
गैल्वेनिक सैल में जो Zn ( s ) | Zn2+ ( aq ) || Cu2+( aq ) | Cu प्रदर्शित करता है का E° सैल का धनात्मक मान क्या है ?
1.10Volt
एनोड क्या होती है ?
ऋणात्मक इलेक्ट्रोड जिस पर ऑक्सीकरण होता है , एनोड कहलाती है ।
कैथोड क्या होती है ?
धनात्मक इलेक्ट्रोड जिस पर अपचयन होता है , कैथोड कहलाती है ।
डेनियल सैल में कॉपर सल्फेट विलयन तथा जिंक सल्फेट विलयन की सांद्रताओं का क्या होता है ?
कॉपर सल्फेट विलयन की सांद्रता घटती है और जिंक सल्फेट विलयन की सांद्रता बढ़ती है ।
साल्ट ब्रिज ( लवण सेतु ) क्या होता है ?
साल्ट ब्रिज में एक यू ( U ) नली होती है जिसमें KCI तथा अगर - अगर का जैल होता है ।
साल्ट ब्रिज का क्या कार्य होता है ?
साल्ट बिज ऋणायनों के गमन को कैथोडिक कक्ष से एनोडिक कक्ष की ओर होने देता है जिससे सैल में विद्युत उदासीनता बनी रहती है । इससे विद्युत अपघट्य परस्पर संपर्क में नहीं आ पाते हैं ।