सरल आवर्त गति में प्रत्यानयन बल किसके अनुक्रमानुपाती होता है ? माध्य स्थिति से विस्थापन
दो सरल आवर्त गतियों की कोणीय आवृत्तियाँ 100 तथा 1000 rad / s हैं । यदि इनका विस्थापन ( आयाम ) समान हो तो इनके अधिकतम त्वरणों का अनुपात होगा ? 1 : 100
सरल आवर्त गति में कण के अधिकतम त्वरण तथा अधिकतम वेग का अनुपात होता है ? 2π / T
सरल आवर्त गति कर रहे कण का आयाम a है जब कण का वेग उसके अधिकतम वेग का आधा होगा तो कण की स्थिति होगी ?√3 a / 2
सरल आवर्त गति में वेग व त्वरण के मध्य कलान्तर होता है π / 2
एक सरल आवर्त गति कर रहे कण की माध्य स्थिति से 5 cm दूरी पर त्वरण 20 cm / s हो तो उसके कोणीय वेग का मान होगा ? ( rad / s में ) 2
किसी कण की गति का समीकरण a = - bx द्वारा दी जाती है । जिसमें a त्वरण है , x सन्तुलन स्थिति से विस्थापन है तथा b कोई नियतांक है , तो उसका दोलन काल होगा ?2π / √b
आयाम 5 cm तथा आवर्तकाल 0 . 5 sec . वाली सरल आवर्त गति का समीकरण होगा ? y = 5 sin 4πt cm
माध्य स्थिति से b दूरी पर सरल आवर्त गति में कण का वेग √2 bω है तो गति का आयाम है ?2b
एक सरल आवर्त गति करता हुआ कण अधिकतम विस्थापन की स्थिति से गति आरम्भ कर आयाम की आधी दूरी 1 sec में पार करे तो गति का आवर्तकाल होगा ? 6 Sec
एक सरल आवर्त गति कर रहे कण का अधिकतम त्वरण α व अधिकतम वेग β है तो आयाम होगा ?β2 / α
एक कण का सरल आवर्त गति में अधिकतम विस्थापन की स्थिति में त्वरण की मात्रा न्यूनतम होती है अथवा अधिकतम ? अधिकतम
सरल आवर्त गति कर रहे कण का आयाम बढ़ाने पर आवर्तकाल पर क्या प्रभाव पड़ता है ? अपरिवर्तित रहता है
सरल आवर्त गति करते हए किसी कण के त्वरण , विस्थापन तथा आवृत्ति के मध्य सम्बन्ध लिखिए । a = - 4π2n2y = - ω2y
सरल आवर्त गति कर रहे कण पर न्यूनतम प्रत्यानयन बल किस स्थिति में होता है ? माध्य स्थिति अर्थात् साम्यावस्था की स्थिति में ।
सरल आवर्त गति का विस्थापन समीकरण लिखिए । y = A sin ωt
यदि कण की प्रारम्भिक कला Φ के है तब विस्थापन समीकरण
y = A sin ( ωt + Φ )
सरल आवर्त गति में अधिकतम वेग का सूत्र लिखिए । νmax = ωA
आवर्तकाल की परिभाषा दीजिए ।एक दोलन में लगे समय को आवर्तकाल ( T ) कहते हैं |
सरल आवर्त गति में कण के वेग का विस्थापन के पदों में सूत्र लिखिए । ν = ω√A2 - y2
एक लड़की झूले पर बैठी झूल रही है । यदि लड़की झूले पर खड़ी हो जाये तो झूले के दोलनकाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? दोलनकाल कम होगा
दो स्थानों पर सेकण्ड लोलक की लम्बाइयां क्रमशः l1 तथा l1 हैं , उन स्थानों पर गुरुत्वीय त्वरण की निष्पत्ति ( g1 : g2 ) होगी l1 / l2
सरल आवर्त गति की माध्य स्थिति में होगी गतिज ऊर्जा अधिकतम तथा स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम
सरल आवर्त गति एक ऐसी आवर्त गति है जिसमें प्रत्यानयन बल F अनुक्रमानुपाती होता है ? विस्थापन के
सरल आवर्त गति में आयाम का मान नियत होता है ।
एक सरल लोलक का आयाम दुगुना करने पर उसके वेग का अधिकतम मान कितना गुना हो जायेगा ? दुगुना
ऋजु रेखा के अनुदिश एक कण आयाम A से सरल आवर्त गति करता है । कण की स्थितिज ऊर्जा तब अधिकतम होगी जब उसका विस्थापन है ? ± A
सरल आवर्त गति करते हुए कण की साम्य स्थिति से x दूरी पर स्थितिज ऊर्जा होती है ?½ mω2x2
सरल आवर्त गति करते समय लोलक की माध्य स्थिति पर गतिज ऊर्जा तथा अधिकतम विस्थापन पर स्थितिज ऊर्जा का अनुपात होता है ? 1 के बराबर
सरल आवर्त गति में कण के अधिकतम त्वरण तथा अधिकतम वेग का अनुपात होता है ? 2π / T
सरल आवर्त गति कर रहे कण की औसत गतिज ऊर्जा होगी ?¼ KA2
यदि पृथ्वी के व्यास के अनुदिश एक सुरंग बनाई जाये और उसमें एक पत्थर छोड़ दिया तो पत्थर पृथ्वी के केन्द्र पर जाकर रुक जायेगा ।
यदि सरल लोलक को पानी में दोलन कराया जाये तो आवर्तकाल ?थोड़ा - सा बढ़ेगा
धातु से बने एक खोखले गोले में पानी भर कर एक लम्बे धागे से लटकाया गया है । उसमें एक सूक्ष्म छिद्र पेंदे में किया गया है जिससे पानी धीरे - धीरे रिसता है । यदि अब गोले को दोलन कराया जाये तो उसका आवर्तकाल पहले बढ़ेगा फिर घटेगा ।
सरल आवर्त गति कर रहे कण की यांत्रिक ऊर्जा होती है ?आयाम के वर्ग के अनुक्रमानुपाती ।
सरल आवर्त गति करते कण की कुल ऊर्जा E है । यदि उसके आयाम एवं आवर्तकाल के मान को दुगुना कर दिया जाये तो उसकी कुल ऊर्जा होगी ?E
सरल आवर्त गति करते कण की औसत ऊर्जा तथा औसत स्थितिज ऊर्जा का अनुपात होता है ?2 : 1
एक सरल आवतें गति की आवृत्ति f है तो उसके गतिज ऊर्जा में परिवर्तन की आवृत्ति होगी ? 2f
किसी सरल आवर्ती दोलक के अधिकतम वेग का परिमाण , अधिकतम त्वरण के परिमाण के बराबर है तो दोलक की आवृत्ति होगी ? 0.16 Hz
स्प्रिंग की लम्बाई 1/n करने पर उसका स्प्रिंग नियतांक क्या होगा ? n गुना बढ़ जायेगा ।
सरल लोलक प्रयोग को माउण्ट आबू पर करने पर गुरुत्वीय त्वरण 1 % कम हो जाता है । लोलक घड़ी से सही समय प्राप्त करने के लिये लोलक लम्बाई में क्या परिवर्तन होना चाहिये ? लोलक लम्बाई में 1 % कमी होगी ।
एक लड़की झूला झूल रही है । लड़की झूलते - झूलते खड़ी हो जाती है तो आवर्तकाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? आवर्तकाल घटेगा । चूँकि खड़े होने पर उसका द्रव्यमान केन्द्र ऊपर उठ जायेगा , इस कारण से प्रभावकारी लम्बाई कम हो जायेगी , जिस कारण से आवर्तकाल घटेगा ।
सरल लोलक में लोहे के गोलक के स्थान पर उसी आकार का सोने का गोलक लटकाकर प्रयोग करने पर आवर्तकाल में क्या प्रभाव पड़ेगा ? अपरिवर्तित रहेगा । चूँकि प्रभावकारी लम्बाई में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता है । इस कारण से आवर्तकाल अपरिवर्तित रहेगा ।
सरल आवर्त गतिमान कण पर न्यूनतम प्रत्यानयन बल किस स्थिति में होता है ? साम्यावस्था की स्थिति में ।
एक हल्के स्प्रिंग से 1 किलोग्राम का बाट लटकाने पर वह 1 सेकण्ड में 4 दोलन करता है , उसी स्प्रिंग से 4 किलोग्राम का बाट लटकाने पर वह प्रति सेकण्ड कितने दोलन करेगा ? प्रति सेकण्ड दो दोलन करेगा ।
एक स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान m के दोलनों की आवृत्ति n1 है । स्प्रिंग की लम्बाई को काटकर आधा कर देने पर पुनः वही द्रव्यमान n 2 आवृत्ति से दोलन करता है । n1 / n2का मान ज्ञात कीजिये । √ 2
यदि एक स्प्रिंग पर m द्रव्यमान लटकाने पर उसमें x दूरी का विस्तरण होता है , उस स्प्रिंग का बल नियतांक का परिमाण क्या होगा ? स्प्रिंग का बल नियतांक का परिमाण mg / x होगा ।
सरल आवर्त गति में कण की कुल ऊर्जा रहती है ? कुल ऊर्जा E = ½ mω2A2 स्थिर रहती है ।
सरल लोलक में लोहे के ठोस गोलक के स्थान पर उसी आकार का खोखला गोलक लटका कर प्रयोग करने पर आवर्तकाल में क्या प्रभाव पड़ेगा ? अपरिवर्तित रहेगा । चूँकि आवर्तकाल गोलक के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है ।
सरल आवर्त गति कर रहे कण द्वारा एक सम्पूर्ण दोलन में सम्पन्न कार्य कितना होता है ? शून्य ।
एक कृत्रिम भू - उपग्रह में लोलक घड़ी क्यों काम नहीं करती ? भारहीनता के कारण दोलन नहीं होते ।
सरल आवर्त गति कर रहे कण पर प्रत्यानयन बल किस स्थिति पर अधिकतम होता है ? चरम स्थिति पर F = - kx = - kA
एक केबिन में लटके लोलक की आवृत्ति क्या होगी , जब स्वतंत्रतापूर्वक गिर रहा हो ? स्वतंत्रतापूर्वक गिरती वस्तुओं पर त्वरण का मान शून्य होता है । अतः आवृत्ति भी शून्य होगी ।
स्प्रिंग में सरल आवर्त दोलन के लिए प्रत्यानयन बल कहाँ से प्राप्त होता है ? प्रत्यानयन बल प्राप्त होता है ।
सरल लोलक - गुरुत्वीय त्वरण
स्प्रिंग - प्रत्यास्थता
एक मनुष्य घड़ी पहने एक मीनार से नीचे गिर रहा है , क्या घड़ी सही समय प्रदर्शित करेगी ? हाँ , क्योंकि हाथ की घड़ी स्प्रिंग की कार्यप्रणाली पर निर्भर करती है तथा g का कोई प्रभाव नहीं होता है ।
किसी स्प्रिंग की लम्बाई n गुनी कर देने पर उसके बल नियतांक तथा उससे लटके पिण्ड के दोलन काल पर क्या प्रभाव पडेगा ? बल नियतांक 1 / n गुना तथा दोलन काल √n गुना हो जायेगा ।
किसी स्प्रिंग को काटकर समान लम्बाई के n टुकड़े कर देने पर उसके बल नियतांक तथा इससे लटके पिण्ड के दोलनकाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? बल नियतांक n गुना तथा दोलनकाल 1/ √2 गुना हो जायेगा ।
रेस्तरां में संगीत बजने पर कभी - कभी मेज पर रखे प्लेट - प्याले खनखनाने लगते हैं । क्यों ? अनुनाद के कारण ।
सरल आवर्त गति के लिये त्वरण तथा विस्थापन में क्या सम्बन्ध है ? त्वरण , विस्थापन के समानुपाती है ।
सीमांत सिरे से सरल आवर्त गति प्रारम्भ करने वाले पिण्ड का प्रारम्भिक कला कोण कितना होता है ? π / 2
सरल आवर्त गति में विस्थापन का मान इसके त्वरण मान से कितने कला कोण से आगे होता है ? विस्थापन , त्वरण से π कला कोण से आगे होते हैं ।
सरल आवर्त गति में कौनसी भौतिक राशि संरक्षित रहती है ? कुल यांत्रिक ऊर्जा
सरल लोलक की कुल ऊर्जा तथा दोलन आवृत्ति में क्या संबंध है ? कुल ऊर्जा E = 2π2mn2a2