Quit Start Time - 07:00 AM, 07-July-2020
Quiz End Time- 08:15 PM, 07-July-2020
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🥇 | RAJA | 27 / 53 |
🥈 | Manjul kumar | 20 / 53 |
🥉 | Kundan kumar | 19 / 53 |
4 | Rohit | 18 / 53 |
5 | Shailendra | 17 / 53 |
6 | Prem kumar | 17 / 53 |
7 | Mukesh kumar | 16 / 53 |
8 | Jeetu | 15 / 53 |
9 | Sandeep yadav | 14 / 53 |
10 | Shivam | 13 / 53 |
- मृदा में अधिकांश सूक्ष्म जीवों के लिए अनुकूल इष्टतम ताप है
- 70 ° C से 75 ° C
- 0 ° C से 5 ° C
- 35 ° C से 38 ° C
- इनमें से कोई नहीं
- पाइराइट्स का प्रयोग किया जाता है
- सामान्य pH वाली भूमि में
- अम्लीय भूमि के सुधार में
- क्षारीय भूमि के सुधार में
- उपरोक्त में से कोई नहीं
- जिप्सम का प्रयोग का क्या उद्देश्य है ?
- ऊसर भूमि सुधार
- नाइट्रोजन की आपूर्ति
- भूमि की नमी का संरक्षण
- अम्लीय भूमि सुधार
- दोमट मिट्टी वाली क्षारीय भूमि ( pH 9-10 ) को सुधारने हेतु जिप्सम की कितनी मात्रा ( टन प्रति हेक्टेयर में ) चाहिए ?
- 2 से 3
- 10 से 12
- 5 से 7.5
- 13 से 15
- मृदा में जैव - पदार्थ प्राप्त होता है
- यूरिया डालने से
- पाइराइट डालने से
- डाइ - अमोनियम फास्फेट डालने से
- गोबर की खाद डालने से
- उन मृदाओं में जहाँ फॉस्फोरस का अधिक यौगिकीकरण होता है । जल में घुलनशील उर्वरकों का प्रयोग फसलों में अनिवार्यत: किया जाता है
- बीज के ऊपर अवस्थापन द्वारा
- बीज के नीचे अवस्थापन द्वारा
- छिटककर
- टॉप ड्रेसिंग द्वारा
- कैओलिनाइट मृत्तिका में धनायन विनिमय क्षमता ( प्रति 100 ग्राम ) मृदा में मिली इक्वीवैलेण्ट की यूनिटों में निम्नलिखित के बीच होती है
- 3 और 5
- 41 और 80
- 16 और 40
- 18 और 100
- मृदा में यूरिया का अपघटन होता है
- यूरिक अम्ल
- अमोनिया
- अमोनियम कार्बोनेट
- एमाइड्स
- ‘द नेचर एण्ड प्रोपर्टीज ऑफ स्वॉयल’ पुस्तक के लेखक हैं
- आई.जे. कूने
- डॉ. जे. एस. कंवर
- एन. सी. ब्रैडी
- इनमें से कोई नहीं
- किस समिति ने कृषि जोतों ( Agricultural Holidings ) पर कर लगाने की संस्तुति की थी ?
- राज समिति
- वान्बू समिति
- भूतलिंगम् समिति
- इनमें से कोई नहीं
- क्षारीय मृदा की विशेषता होती है
- न्यून पी. एच. तथा उच्च विनिमय सोडियम
- उच्च विलेय तथा उच्च विनिमय सोडियम
- उच्च विनिमय सोडियम तथा उच्च पी. एच.
- उच्च विलेय लवण सान्द्रता तथा न्यून पी. एच.
- पीट मृदा होती है
- काली , भारी तथा उदासीन
- लाल , हल्की तथा अम्लीय
- काली , हल्की तथा क्षारीय
- काली , भारी तथा अम्लीय
- मृदा सुधारक है
- डी. ए. पी.
- जिप्सम
- अमोनियम सल्फेट
- ये सभी
- गीली मृदा का वह गुण जिसमें बल लगाने पर मृदा किसी ऐच्छिक रूप में बदली जा सके और बल हटाने पर उसी अवस्था में बनी रहे , इस गुण को कहते हैं
- मृदा संरचना
- मृदा गाढ़ता
- मृदा सुघट्यता
- मृदा कणाकार
- मध्य भारत की काली कपास मिट्टियाँ बनी हैं
- ग्रेनोडाइयोराइट से
- ग्रेनाइट से
- बेसाल्ट से
- रायोलाइट से
- एपेटाइट खनिजों का एक समूह है जिनमें होता है
- सोडियम
- फॉस्फोरस
- सल्फर
- नाइट्रोजन
- भारत के किस प्रदेश में ऊसर मृदाओं का क्षेत्रफल अधिक है
- आन्ध्र प्रदेश
- महाराष्ट्र
- मध्य प्रदेश
- उत्तर प्रदेश
- वायुमण्डल में नाइट्रोजन की मात्रा पायी जाती है
- 80-80 %
- 78-80 %
- 20-73 %
- 21-30 %
- खनिजों के योग से बना ठोस पदार्थ कहलाता है
- पीट
- कार्बनिक पदार्थ
- चट्टान
- इनमें से कोई नहीं
- वातावरण की तुलना में मृदा वायु में अधिकता होती है
- ऑक्सीजन की
- ओजोन की
- नाइट्रोजन की
- कार्बन डाइ - ऑक्साइड की
- मृदा विज्ञान में मृदा को मानते हैं
- पौधों के लिए वृद्धि का माध्यम
- भू - पर्पटी की चूरा की हुई शैल रहित
- विशुद्ध रूप से संश्लेषित
- प्राकृतिक पिण्ड
- संतृप्तावस्था पर मृदा में नमी का अंश होता है
- क्षेत्र क्षमता का पाँच गुना
- क्षेत्र क्षमता का तीन गुना
- क्षेत्र क्षमता का चार गुना
- क्षेत्र क्षमता का दोगुना
- जिप्सम किस प्रकार की भूमि के सुधार के लिए प्रयोग किया जाता है ?
- लवणीय मृदा
- पीट मृदा
- अम्लीय मृदा
- क्षारीय मृदा
- भूगर्भीय क्षरण को कहा जाता है
- भू - क्षरण
- त्वरित क्षरण
- पल क्षरण
- प्राकृतिक क्षरण
- नाइट्रीकरण के लिए उपयुक्त तापक्रम होता है
- 10-20 ° C
- 40-45 ° C
- 20-25 ° C
- 30-35 ° C
- दोमट मिट्टी में मुरझांक बिन्दु कितने प्रतिशत जल की मात्रा पर होता है ?
- 10.2
- 14.7
- 7.9
- 6.8
- लवणीय मृदा में विद्युत चालकता होती है
- 6m mho / cm से अधिक
- 4m mho / cm से अधिक
- 4m mho / cm से कम
- उपरोक्त में से कोई नहीं
- जलमग्न अवस्था में मृदा में लोहा किस रूप में पाया जाता है ?
- फैरस आयन
- फेरिक अम्ल
- आयरन ऑक्साइड
- पाइराइट
- मृदा निर्माणकारी सक्रिय कारकों में होंगे
- वनस्पति एवं स्थलाकृति
- समय स्थलाकृति एवं जलवायु
- वनस्पति एवं जलवायु
- समय एवं वनस्पति
- उच्च लवण सहनशील फसल है
- धान
- तिल
- दालें
- मूली
- पृथ्वी का औसत घनत्व होता है
- 4.5
- 5
- 6.5
- 5.5
- एजोस्पाइरीलम सूक्ष्मजीव का प्रयोग होता है
- दाल वाली फसलों में
- धान्य फसलों में
- उपरोक्त दोनों
- इनमें से कोई नहीं
- मृदा में अम्लता का स्रोत है
- ऐलुमिनियम आयन
- हाइड्रोजन आयन
- उपरोक्त दोनों
- सोडियम आयन
- निम्नलिखित में से कौन - सी रूपान्तरित चट्टान है ?
- ग्रेनाइट
- संगमरमर
- पीट
- बालू पत्थर
- मृदा कणों पर नमी को आकर्षण से जाना जाता है
- स्टिकीनेस
- संसंजन
- प्लास्टिसिटी
- आसंजन
- उच्च लवण सहिष्णु है
- खजूर एवं फालसा
- सेब व नाशपाती
- आम व नाशपाती
- नाशपाती एवं फालसा
- चूने के प्रयोग से कौन - सा परिवर्तन होता है ?
- H आयन्स बढ़ते हैं
- H आयन्स कम होते हैं
- OH आयन्स कम होते हैं
- कोई परिवर्तन नहीं होता
- नवीन मिट्टियाँ कहलाती हैं
- ऑक्सीसोल
- हिस्टोसोल
- अल्टीसोल
- इनसेप्टीसोल
- मृदा पर पी. एच. बढ़ने पर उसका CFC पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
- घटता है
- बढ़ता है
- कोई प्रभाव नहीं पड़ता
- पहले बढ़ता है बाद में घटता है
- केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसन्धान संस्थान है
- हिसार में
- झाँसी में
- करनाल में
- जोधपुर में
- लैटेराइट मृदाओं का पी. एच. मान होता है
- 7.0-8.5
- 6.0-7.5
- 8.5-9.0
- 5.0-6.0
- अम्लीय चट्टानों में सिलिका पाई जाती है
- 40-55 %
- 65-70 %
- 85-90 %
- 55-65 %
- प्रोटोजोआ का प्रमुख भोजन होते हैं
- जीवाणु
- मक्खियाँ
- विषाणु
- सूत्रकृमि
- पायराइट का रासायनिक सूत्र होता है
- CaCO₃
- CaSO₄.2H₂O
- H₂SO₄
- FeS₂
- जिप्सम का रासायनिक सूत्र होता है
- FeS₂
- H₂SO₄
- CaSO₄.2H₂O
- CaCO₃
- अम्लीय भूमि का सुधार करने के लिए भूमि में मिलाते हैं
- प्रेस मड
- चूना
- पाइराइट
- यूरिया
- मिट्टी का रंग काला होना प्रकट करता है
- भूमि में जैव - पदार्थ की उपस्थिति
- भूमि का अम्लीय होना
- भूमि में सूक्ष्म जीवों की अधिकता होना
- भूमि में पाइराइट की अधिकता होना
- क्षारीय भूमि में विनिमयशील सोडियम की मात्रा होती है
- 15 % से अधिक
- 10 % से कम
- 0.2 % से कम
- 0.2 % से अधिक
- जिप्सम में होता है
- कैल्सिमय सल्फेट
- पोटैशियम सल्फेट
- अमोनियम सल्फेट
- सोडियम सल्फेट
- भू - संरक्षण का अर्थ है
- मृदा की उर्वरता को ह्रास से बचाना
- फसलों को पुशओं से बचाना
- विदेशियों से भूमि की सुरक्षा
- उपरोक्त सभी
- ऊसर भूमि के सुधार के लिए प्रयुक्त करते हैं
- ऐलुमिनियम सल्फेट
- कैल्सियम हाइड्राक्साइड
- जिप्सम
- सोडियम कार्बोनेट
- जैव - पदार्थ की अधिक मात्रा से भूमि का रंग हो जाता है
- पीला
- काला
- लाल
- नारंगी
- सहजीवी जीवाणु पाए जाते हैं
- अनाज ( cereals ) वाली फसलों की जड़ों में
- कपास की जड़ों में
- दलहनी फसलों की जड़ों में
- उपरोक्त में से किसी में भी नहीं