पादपों में नाइट्रोजन एक नियन्त्रक पोषक तत्व है । जब पादपों में नाइट्रोजन की कमी हो जाती है तो पादपों में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं ।
नाइट्रोजन का उपयोग न्यूक्लिक अम्लों ( DNA , RNA ) , विटामिन्स , प्रोटीन्स , अमीनो अम्ल , एंजाइम्स , अन्य कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण में किया जाता है ।
पौधे निम्न चार प्रकार के नाइट्रोजन युक्त यौगिकों का उपयोग करते हैं ( i ) नाइट्राइट , ( ii ) नाइट्रेट ( iii ) अमोनिया युक्त यौगिक , ( iv ) नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक ।
पौधे सूक्ष्म जीवों ( कुछ जीवाणु , कवक , नील हरित शैवाल आदि ) द्वारा स्थिरीकृत नाइट्रोजन को अवशोषित कर इसका उपयोग विभिन्न कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में करते हैं ।
ये कार्बनिक यौगिक कोशिका संगठन में तथा विभिन्न उपापचयी क्रियाओं में भाग लेते हैं तथा पौधों से जन्तुओं में होते हुए पुनः मृदा व वातावरण में लौट कर दूसरे जीवों के उपयोग में आते हैं ।
यह संपूर्ण प्रक्रिया नाइट्रोजन चक्र ( Nitrogen cycle ) कहलाती है । वातावरण में नाइट्रोजन चक्र निम्न चार चरणों में सम्पन्न होता है -
- नाइट्रोजन स्थिरीकरण
- अमोनीकरण
- नाइट्रीकरण
- विनाइट्रीकरण
वायमुण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन ( N ) को उसके यौगिकों में बदलने की क्रिया को नाइट्रोजन स्थिरीकरण या नाइट्रोजन यौगिकीकरण कहते हैं ।
वायुमण्डल के अजैविक घटक जैसे ताप , मृदा , रसायन पदार्थ आदि नाइट्रोजन के स्थिरीकरण में भाग लेते हैं । यह निम्न दी प्रकार का होता है -
(A) वायुमण्डलीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण ( Atmospheric N2 Fixation )
इस विधि के अन्तर्गत तड़ित ( Lightening ) मेघ गर्जन , आँधी के दौरान वायुमण्डल की मुक्त नाइट्रोजन ( N2 ) ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर नाइट्रिक ऑक्साइड ( NO ) का निर्माण करती है ।
यह NO ऑक्सीजन की अधिकता में ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजन डाईऑक्साइड ( NO2 ) बनाती है ।
यह नाइट्रोजन डाईऑक्साइड ( NO2 ) जल से क्रिया कर नाइट्रिक अम्ल ( HNO3 ) का निर्माण करती है ।
यह नाइट्रिक अम्ल वर्षा जल के साथ मृदा में चला जाता है ।
मृदा में यह अम्ल क्षारीय मूलकों के साथ क्रिया कर नाइट्रेट यौगिकों ( NO3- ) का निर्माण कर लेता है , जिसे पौधे जड़ों द्वारा अवशोषित करते हैं ।
तडित | |||
N2 + O2 | → | 2NO | ( नाइट्रिक ऑक्साइड ) |
मेघ गर्जन | |||
2NO + O2 → 2NO2 ( नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड ) | |||
2NO2 + H2O → HNO2 + HNO3 ( नाइट्रिक अम्ल ) |
इसे भौतिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण भी कहते हैं । यह वायुमण्डल में कुल नाइट्रोजन स्थिरीकरण का लगभग 10 % भाग बनाता है ।
(B) औद्योगिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण ( Industrial N2 Fixation )
इस विधि के अन्तर्गत अत्यधिक दाब ( 200 Atm ) तथा उच्च तापमान ( 200 ° C ) पर उत्प्रेरक की उपस्थिति में नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन गैस संयुग्मित होकर अमोनिया ( NH3 ) गैस बनाती है । अमोनिया संश्लेषण की इस विधि को हैबर विधि ( Haber's Process ) कहते हैं । इस अमोनिया का उपयोग रासायनिक उर्वरक ( Chemical fertilizer ) बनाने में किया जाता है । इस विधि को रासायनिक नाइट्रोजन स्थिरीकरण भी कहा जाता है ।
उच्च ताप | |||
N2 + 3H2 | → | 2NH3 |
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का सूक्ष्म जीवों द्वारा कार्बनिक अथवा अकार्बनिक यौगिकों में बदलने को जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण कहते हैं ।
नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करने वाले इन सूक्ष्म जीवों को डाइएजोट्रोफ ( Dia - azotrophs ) कहते हैं
नोट नील हरित शैवाल ( BG algae ) में N2 स्थिरीकरण में भाग लेने वाली विशिष्ट प्रकार की कोशिकाएँ पायी जाती है , जिन्हें हेटेरोसिस्ट कहते हैं । इन सूक्ष्म जीवों की सक्रियता के लिए मोलिब्डेनम ( Mo ) आवश्यक है ।
लेग्यूमिनोसी कुल के पौधों की जड़ों में राइजोबियम जीवाणु तथा ब्रेडीराइजोबियमकी विभिन्न जातियाँ प्रवेश कर मूल ग्रन्थिकाओं ( Root nodules ) का निर्माण करती है तथा मृदा की नाइट्रोजन को नाइट्रेट यौगिकों में बदलते हैं ।
इसी प्रकार एजोराइजोबियम ( Azorhizobium ) नामक जीवाणु लिग्यूम कुल के सेसबानिया पौधे में स्तंभ गुलिकाओं ( Stem nodules ) का निर्माण कर नाइट्रोजन यौगिकीकरण की क्रिया में भाग लेता है ।
लिग्यूम पादपों की जड़ों में राइजोबियम ( Rhizobium ) नामक सहजीवी जीवाणु पाये जाते हैं जो पौधे की जड़ों पर ग्रन्थिकाओं ( Root nodules ) का निर्माण करते हैं ।
राइजोबियम में पाया जाने वाला ग्राम नैगेटिव ( -Ve ) दण्डाणु प्रकार का जीवाणु है ।
जड़ की कोशिकाओं में प्रवेश करने के बाद राइजोबियमको जीवाणुसम या बैक्टीरॉइड कहते हैं ।
लेग्हीमोग्लोबिन ( Leghaemoglobin ) – लिग्यूम पादपों की क्रियाशील गुलिकाओं में लाल गुलाबी रंग का वर्णक पाया जाता है जिसे लेगहीमोग्लोबिन कहते हैं । यह वर्णक नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्रिया विधि में ऑक्सीजन को अवशोषित करने का कार्य करता है । नाइट्रोजन स्थिरीकरण क्रिया का प्रमुख एन्जाइम नाइट्रोजिनेज ऑक्सीजन के प्रति अति संवेदनशील होता है तथा O2 की उपस्थिति में यह एन्जाइम निष्क्रिय हो जाता है । लेगहीमोग्लोबिन O2 को अवशोषित कर नाइट्रोजिनेज को निष्क्रिय होने से बचाता है ।
नोड्यूलिन ( Nodulin ) - प्रोटीन - यह प्रोटीन गुलिका की संरचना तथा नाइट्रोजन व कार्बोहाइड्रेट के उपापचय में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
नोट - नाइट्रोजन स्थिरीकरण में परपोषी के नोड जीन तथा जीवाणु के नोड जीन , निफ जीन एवं फिक्स जीनों का विशेष योगदान होता है । यहाँ पर नोड जीन का कार्य गुलिका निर्माण को प्रेरित करना तथा निफ जीन का कार्य नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करना है । इस प्रकार दोनों सहजीवों के संजीन में पाये जाने वाले जीनों के पारस्परिक सहयोग और अभिव्यक्ति के परिणामस्वरूप ही नाइट्रोजन स्थिरीकरण होता है
अमोनिया α- कीटो ग्लूटेरिक अम्ल से क्रिया कर ग्लूटेमिक अम्ल का निर्माण करती है ।
ग्लूटेमिक अम्ल मुख्य अमीनो अम्ल है जिससे अन्य अमीनो अम्लों को संश्लेषित किया जा सकता है । इसके अन्तर्गत अमोनिया - कीटो ग्लूटेरिक अम्ल के साथ क्रिया करके ग्लूटेमिक अम्ल नामक अमीनो अम्ल बनाती है ।
ग्लूटेमेट | |||
NH4+ + α - कीटोग्लूटेरिक अम्ल + NADPH3 | → | ग्लूटेमेट + H2+ | + NADP |
डिहाइड्रोजिनेज |
ट्रांसएमीनेज अभिक्रिया ( Transaminse reaction ) इसके अन्तर्गत एक अमीनो अम्ल का अमीनो समूह कीटो अम्ल को स्थानान्तरित होता है तथा इससे एक नये अमीनों अम्ल का निर्माण होता है ।
H | O | ||||||||
| | | | ||||||||
R1 — | C — | COO + R2 — | C — | COO- | ⇋ | R1 — | C | — COO- + R2 | — COO |
| | || | || | | | ||||||
NH3+ | O | O | NH3+ |
इस अभिक्रिया द्वारा लगभग 17 प्रकार के अमीनों अम्लों का निर्माण हो सकता है ।
जब मृदा में पाये जाने वाले कार्बनिक पदार्थ विघटित होकर अमोनिया या अमोनियम यौगिकों बनाते हैं तो इस प्रक्रिया को अमोनीकरण कहते हैं । अमोनिया गैस का नाइट्रेट यौगिकों ( NO ) में ऑक्सीकरण होने की क्रिया नाइट्रीकरण ( Nitrification ) कहलाती है । यह प्रक्रिया दो विशिष्ट प्रकार के रसायन संश्लेषी जीवाणुओं ( Chaemosynthetic bacteria ) द्वारा निम्न दो चरणों में सम्पन्न होती है
1. प्रथम चरण - इस चरण में अमोनिया को नाइट्रोसोमोनासजीवाणु की उपस्थिति में नाइट्राइट ( NO2 ) में बदला जाता है ।
Nitrosomonas | |||
2NH3 + 3 O2 | → | 3HNO2 + 2H2O + ऊर्जा ( 40 KCal ) |
2. द्वितीय चरण - इस चरण में नाइटोबैक्टरजीवाणु की उपस्थिति में नाइट्राइट को नाइट्रेट ( NO3 ) में बदला जाता है ।
Nitrobactor | |||
2HNO2 + O2 | → | 2HNO3 + ऊर्जा ( 20 KCal ) |
महत्वपूर्ण प्रश्न
वायुमण्डलीय नाइट्रोजन स्थिरीकरण सम्पूर्ण नाइट्रोजन स्थिरीकरण का लगभग कितने प्रतिशत तक होता है ? लगभग 10 % तक ।
असहजीवी वायवीय जीवाणु का नाम लिखिए जिसमें नाइट्रोजन स्थिरीकरण होता है ? एजोटोबेक्टर व एजोमोनास ।
अलेग्यूमिनोसी पादप ( उदा . एल्नस ) की जड़ों पर कौनसा सूक्ष्म जीव नाइट्रोजन स्थिरीकारक ग्रन्थियाँ उत्पन्न करता है । फ्रेंकिया ( Frankia )
नाइट्रोजन का उपयोग किन यौगिकों के संश्लेषण में किया जाता है । न्यूक्लिक अम्लो [ DNA - RNA ] , विटामिन्स , प्रोटीन्स अमीनों अम्ल , एन्जाइम्स व अन्य कार्बोनिक यौगिकों में किया जाता है ।
पौधे कौनसे प्रकार के यौगिकों का उपयोग करते है । ये चार प्रकार के यौगिकों का उपयोग करते है -
( i ) नाइट्राइट
( ii ) नाइट्रेट
( iii ) अमोनिया युक्त यौगिक
( iv ) नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक
नाइट्रोजन चक्र किसे कहते है ? कार्बनिक यौगिक कोशिका संगठन में तथा विभिन्न क्रियाओं में भाग लेता है तथा पौधों से जन्तुओं में होते हुए पुनः मृदा व वातावरण में लोटकर दूसरे जीवों के उपयोग में आते है इस सम्पूर्ण क्रिया को नाइट्रोजन चक्र कहते है ।
वायुमण्डल में नाइट्रोजन की लगभग कितनी प्रतिशत मात्रा पायी जाती है ? लगभग 78 %
नाइट्रोजिनेज एन्जाइम मुख्यतः किससे बना होता है ? प्रोटीन , Mo व Fe तत्वों से
नाइट्रीकारक दो जीवाणुओं के नाम लिखिए । नाइट्रोसोमोनास एवं नाइट्रोबेक्टर
विनाइट्रीकारक जीवाणुओं के नाम लिखिए । बेसीलस डिनाइट्रीफिकेंस , थायोबैसिलस डिनाइट्रीफिकेंस
अमोनीकरण के दो प्रमुख चरणों के नाम लिखिए । ( i ) प्रोटीन अपघटन ( ii ) विऐमीनीकरण
नाइट्रोजन का यौगिकी करण करने वाले जीवो को क्या कहते डाइएजोट्रोफ
नील हरित शैवाल में N2 का स्थिरीकरण में भाग लेने वाली कोशिकाएं क्या कहलाती है । हेटेरोसिस्ट
नाइट्रोजिनेज एन्जाइम को निष्क्रिय होने से कौन बचाता है ? लेगहीमोग्लोबिन
किसी पादप के सम्पूर्ण शुष्क भार का लगभग कितने प्रतिशत भाग नाइट्रोजन युक्त यौगिकों का होता है ? लगभग 5 - 30 % भाग में
वातावरण में घटित होने वाले नाइट्रोजन चक्र के प्रमुख चरणों के नाम लिखिए । ( i ) नाइट्रोजन स्थिरीकरण
( ii ) अमोनीकरण
( iii ) नाइट्रीकरण
( iv ) विनाइट्रीकरण
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले सहजीवी जीवाणु का नाम लिखिए । राइजोबियम तथा ब्रेडीराइजोबियम ।
लेग्यूमिनोसी कुल के पादपों में नाइट्रोजनी स्थिरीकरण के लिए आवश्यक वर्णक का नाम लिखिए । लेगहीमोग्लोबिन
सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण में प्रयुक्त होने वाली दो प्रमुख 7 प्रोटीन कौनसी होती है ? ( i ) लेगहीमोग्लोबिन ( ii ) नोड्यूलिन प्रोटीन ।
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों की सक्रीयता के आवश्यक प्रमुख तत्वों के नाम लिखिए । Co ( कोबाल्ट ) , Mo ( मॉलीब्डेनम ) , Fe ( आयरन )
लेक्टिन नामक ग्लाइकोप्रोटीन का क्या कार्य है ? जाति विशेष के राइजोबियम जीवाणु को मूल की ओर आकर्षित करना ।
निफ जीन क्या है ? यह जीवाणु कोशिका में पाया जाने वाला एक जीन है जो स्थिरीकरण में अपनी भूमिका निभाता है ।
किस टेरिडोफाइट की पत्तियों में एनाबीना नामक नील हरित शैवाल द्वारा नाइट्रोजन स्थिरीकरण किया जाता है ? एजोला ( Azolla ) नामक टेरिडोफाइट की पत्तियों में ।
कौनसे जीवाणु द्वारा सेसबेनिया ( लेग्यूमिनोली कुल का पादप ) में स्तम्भ गुलिकाएँ बनाकर नाइट्रोजन स्थिरीकरण किया जाता है ? एजोराइजोबियम द्वारा ।