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- 1945
- 1925
- 1890
- 1927
प्रशिक्षण व रोजगार सेवा संगठन समिति की नियुक्ति किस सन् में हुई ?
- सन् 1920 में
- सन् 1918 में
- सन् 1927 में
- सन् 1921 में
स्याही के धब्बों वाला परीक्षण ( प्रक्षेपण विधि ) का निर्माण हरमन रोशा द्वारा कब किया गया ?
- साक्षात्कार विधि
- प्रश्नावली विधि
- निरीक्षण विधि
- उपरोक्त सभी
व्यक्ति की संवेदना और अभिवृत्ति जानने की सबसे उपयुक्त विधि है
- प्लेटो ने
- ब्रूनर ने
- वुडवर्थ ने
- लोविट ने
निम्नलिखित में से किसने सबसे पहले प्रश्नावली का निर्माण किया ?
- अनुपात मापनी
- क्रमसूचक मापनी
- अंतराल मापनी
- नामित मापनी
वह मापनी जिसमें अंतराल मापनी के समस्त गुण के साथ परम् शून्य भी हो , कहलाती है -
- भविष्य को प्रगतिशील बनाने में परामर्श देना
- समायोजन की क्षमता प्रदान करना
- योग्यताओं , रुचियों व अवसरों के अनुकूल चुनाव में सहायता देना ।
- उपरोक्त सभी
शैक्षिक निर्देशन का उद्देश्य है प्रत्येक व्यक्ति को
- निगमन विधि
- बहिर्दर्शन विधि
- अंतर्दर्शन विधि
- आगमन विधि
उदाहरण , निरीक्षण , विश्लेषण , वर्गीकरण नियमीकरण निम्नलिखित में से किस विधि के सोपान हैं ?
- बैलक
- मरे
- होल्टजमैन
- सायमंड
प्रासंगिक अंतर्बोध परीक्षण ( TAT ) का विकास . . . . . . . . द्वारा किया गया था ।
- पहचान विधि
- प्रत्याह्न विधि
- पुनः सीखना विधि
- तार्किक विधि
निम्न में से किस विधि का उपयोग स्मृति को मापने के लिए नही किया जाता है ?
- स्तम्भाकृति
- आवृत्ति बहुभुज
- संचयी आवृत्ति
- रेखाचित्र
सांख्यिकी में वह रेखाचित्र , जिसमें आवृत्तियों को स्तंभों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है , कहलाता है
- विद्यालय का वातावरण
- विद्यालयी प्रशिक्षण
- शिक्षा की दिशा
- उपरोक्त सभी
व्यक्तिगत विभिन्नताओं को जन्म देने वाला विद्यालयी कारक है
- धनात्मक प्रतिरूप
- ऋणात्मक प्रतिरूप
- योगात्मक प्रतिरूप
- गुणात्मक प्रतिरूप
किसी बच्चे का व्यक्तित्व , वंशानुक्रम तथा वातावरण का क्या होता है ?
- स्किनर
- मन
- क्रो एवं क्रो
- टायलर
“ सम्भवतः व्यक्ति योग्यता की विभिन्नताओं के बजाय व्यक्तित्व की विभिन्नताओं से अधिक प्रभावित होता है । ” यह कथन किसका है ?
- जाति
- बुद्धि
- वंशानुक्रम
- इनमें से कोई नहीं
निम्न में से क्या व्यक्तिगत भिन्नता का कारण नहीं है ?
- शारीरिक
- मनोवैज्ञानिक
- सामाजिक
- ये सभी
व्यक्तिगत विभिन्नता हेतु भाषा विकास एक आवश्यक कौशल है क्योंकि यह ........ आवश्यकताओं की पूर्ति की माँग है ।
- वंशानुक्रम
- आयु
- वातावरण
- ये सभी
व्यक्तिगत विभिन्नता का प्रमुख कारण है
- प्रेक्षण विधि
- साक्षात्कार विधि
- जीवन इतिहास विधि
- आत्मकथा लेखन विधि
कौन - सी विधि व्यक्तित्व के उन पहलुओं को उजागर कर देती है जिनसे वह स्वयं अनभिज्ञ होता है ?
- व्यक्तिगत विभिन्नता के सिद्धान्त पर बल
- बाल मनोविज्ञान पर बल
- बालक के व्यक्तित्व का आदर
- उपरोक्त सभी
मनोविज्ञान प्रवृत्ति की क्या - क्या विशेषताएँ हैं ?
- व्यक्ति आधारित पाठ्यक्रमों को उनकी आवश्यकता के अनुसार जानने की कोशिश
- व्यक्ति के दृष्टिकोण , अभिरुचि और योग्यता को जानने का प्रयास
- उपरोक्त दोनों
- उपरोक्त में से कोई नहीं
वैयक्तिक विभिन्नता के मिलन के सम्बन्ध में एक अध्यापक की भूमिका होनी चाहिए
- कुछ बच्चे एक जैसे होते हैं
- प्रत्येक बच्चा विशिष्ट होता है
- सारे बच्चे एक जैसे होते हैं
- कुछ बच्चे विशिष्ट होते हैं
बाल मनोविज्ञान के आधार पर कौन - सा कथन सर्वोत्तम है ?
- एक विषमरूपी कक्षा में शिक्षार्थियों की क्षमताओं को विकसित करना असम्भव
- सभी शिक्षार्थियों के लिए एकसमान पाठ्चर्या सम्भव नहीं है
- कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्यताओं , रुचियों और प्रतिभाओं में एकसमान नहीं होते
- शिक्षार्थियों में न तो कोई समान विशेषताएँ होती हैं और न ही उनके लक्ष्य समान होते हैं
प्रत्येक शिक्षार्थी स्वयं में विशिष्ट है । इसका अर्थ है कि
- अपने भावों को अपने तक सीमित रखना
- एकान्त में विश्वास करना
- कम बोलना
- कार्य करने की दृढ़ इच्छा शक्ति रखना
बहिर्मुखी बालक का लक्षण है
- सभी के साथ मिलकर चलने वाला
- एकान्त में विश्वास रखने वाला
- समस्याओं को पारस्परिक रूप से समझने वाला
- स्वयं को यथार्थ के अनुकूल ढालने वाला
अन्तर्मुखी बालक होता है
- Id
- Ego
- Super Id
- Super Ego
फ्रायड के संरचनात्मक प्रतिमान का तत्व नहीं है
- रुचि से
- व्यक्तित्व से
- अभिप्रेरणा से
- बुद्धि से
16 PFQ का सम्बन्ध है
- आवरण दृष्टिकोण
- तात्विक दृष्टिकोण
- उपरोक्त दोनों
- उपरोक्त से कोई नहीं
व्यक्तित्व का शीलगुण सिद्धान्त निम्नलिखित में से कौन - सा दृष्टिकोण रखता है ?
- एस्थेनिक
- अर्थलेटिक
- अन्तर्मुखी
- पिकनिक
निम्नलिखित में बेमेल छाँटिए ।
- वस्तुनिष्ठ विधि
- व्यक्तित्व विधि
- स्वप्न विश्लेषण विधि
- रोशी विधि
निम्न में से एक विधि मानसिक चिकित्सा हेतु प्रयुक्त की जाती है
- बहिर्मुखी
- अन्तर्मुखी
- उभयमुखी
- इनमें से कोई नहीं
मनोवैज्ञानिक दृष्टि से सबसे अधिक व्यक्ति निम्नलिखित में से किस व्यक्तित्व के प्रकार में आते हैं ?
- मन का
- वैलेण्टाइन का
- बोरिंग का
- इनमें से कोई नहीं
“ व्यक्तित्व जन्मजात और अर्जित प्रवृत्तियों का योग है । ” यह कथन है
- शीलगुण पर
- क्षेत्र पर
- शरीर - द्रवों पर
- उत्तेजना - अनुक्रिया पर
व्यक्तित्व के प्रकार सिद्धान्त के अनुसार व्यक्तित्व निम्नलिखित में से किस पर आधारित हैं ?
- रुचि
- व्यक्तित्व
- उपलब्धि
- बुद्धि
TAT परीक्षण किसका मापन करता है ?
- हेमेन ने
- युंग ने
- आलपोर्ट ने
- ड्रेवर ने
व्यक्तित्व का सर्वाधिक मान्य वर्गीकरण किया है
- अधिगम
- अभिवृत्ति
- जिज्ञासा
- तृष्णा
एक सामान्य स्ववृत्ति जो एक समूह अथवा एक संस्था के प्रति होती है , कहलाती है
- व्यक्ति की शिक्षा
- बाह्य भिन्नताएँ
- व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य
- उपरोक्त सभी
व्यक्ति की पहचान करने में सहायक है
- दृढ़ इच्छाशक्ति
- अच्छे वस्त्र धारण करना
- सुन्दर दिखने की इच्छा
- उच्च शिक्षा प्राप्ति
समन्वित व्यक्तित्व में पाया जाता है
- सामाजिक निर्भय
- उभयमुखी
- बहिर्मुखी
- अन्तर्मुखी
आत्मकेन्द्रित व्यक्ति होता है
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- अति लघु उत्तरीय प्रश्न
- लघु उत्तरीय प्रश्न
- इनमें से कोई नहीं
प्रश्नों के कई प्रकार होते हैं । पौधे एवं जानवरों में चार अंतर बताइए । यह प्रश्न किस प्रकार के प्रश्न का उदाहरण है ?
- योग्यता व क्षमता बोधक
- गुण व संख्या बोधक
- निम्न में से कोई नहीं
- संख्या व गुण बोधक
मापन व मूल्यांकन क्रमशः होते हैं
- दत्त कार्य
- प्रश्नोत्तरी और खेल
- सत्र परीक्षा
- मौखिक प्रश्न
निम्नलिखित में से कौन - सा रचनात्मक आकलन के लिए उचित उपकरण नहीं है ?
- वैकल्पिक उत्तर वाले प्रश्न
- मिलान प्रकार के प्रश्न
- बहुवैकल्पिक प्रश्न
- इनमें से कोई नहीं
सत्य / असत्य , सही / गलत एवं हाँ / नहीं उत्तर देने वाले प्रश्न किस प्रकार के प्रश्नों के उदाहरण है ?
- सीखने को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्केल पर निरंतर परीक्षण
- शिक्षण के साथ परीक्षाओं का सामंजस्य
- सीखने को किस प्रकार अवलोकित , रिकॉर्ड और सुधारा जाए इस पर
- बोर्ड परीक्षाओं की अनावश्यकता पर
सतत् और व्यापक मूल्यांकन ............ पर बल देता है ।
- व्यापक मूल्यांकन
- अवलोकन
- विद्यालय आधारित मूल्यांकन
- निरीक्षण
वह मूल्यांकन जो विद्यालय परिषदों के दिशा - निर्देशों के आधार पर तो किया जाता है , किन्तु परिषद् ( बोर्ड ) स्तर पर नहीं , कहलाता है
- गृह परीक्षा द्वारा
- बोर्ड परीक्षा द्वारा
- लिखित एवं मौखिक परीक्षा द्वारा
- सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन द्वारा
बच्चों का मूल्यांकन होना चाहिए ।
- शिक्षा - प्राप्ति के लक्ष्य विद्यार्थियों के साथ बाँटना ।
- फीडबैक मुहैया करना , जो विद्यार्थियों को समझने में और अगले कदम उठाने में सहायता करता है ।
- स्व - निर्धारण के विद्यार्थियों को शामिल करना ।
- यह विश्वास करना कि प्रत्येक विद्यार्थी को सुधारने के लिए शिक्षक की भूमिका सर्वाधिक आवश्यक है ।
व्यावहारिक रूप से रचनात्मक मूल्यांकन का अर्थ नहीं है ।
- छात्रों के विभिन्न विषय - क्षेत्रों के कौशल
- छात्रों की सामाजिक - आर्थिक स्थिति
- छात्रों के वैयक्तिक कौशल , रुचि एवं अभिवृत्ति
- छात्रों के विभिन्न विषय - क्षेत्रों में सफलता पर स्तर
सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन में निम्नलिखित में से किसका मूल्यांकन नहीं किया जाना चाहिए ?
- ये विश्वसनीय होते हैं
- ये तुलनीय होते हैं
- ये युक्तिसंगत होते हैं
- ये सभी
अधिगम के अच्छे मूल्यांकन का / के मानदंड है / हैं
- 20 % - 35 %
- 56 % - 74 %
- 90 % - 100 %
- 35 % - 55 %
वर्तमान समय में सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के अंतर्गत ग्रेडों में अंकों का वितरण किया जाता है । इस प्रणाली में कितने प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र को ‘ सर्वोकृष्ट ’ या ‘ ए + ’ ग्रेड के अंतर्गत रखा जाता है ?
- विश्वसनीयता
- वैधता
- न्याय संगतता
- ये सभी
निम्न में से क्या अच्छे मूल्यांकन की विशेषता है ?
- रुचि परीक्षा
- अभिक्षमता परीक्षा
- विभेदकता
- बुद्धि परीक्षा
शिक्षा में यह मूल्यांकन का क्षेत्र नहीं है
- अधिगम कठिनाइयों को मालूम करना
- कक्षा के उद्देश्यों को पूरा करना
- विद्यार्थियों की समस्याओं को बढ़ाना
- विद्यार्थियों की प्रगति की रिपोर्ट तैयार करना
निम्न में से क्या एक मूल्यांकन का महत्त्व नहीं है ?
- ड्रा - ए - मैन
- सर्वे परीक्षण
- प्रश्नावली परीक्षण
- प्रक्षेपण परीक्षण
व्यक्तित्व के मूल्यांकन की सर्वश्रेष्ठ विधि है
- शिक्षक द्वारा अपने कर्तव्य का मूल्यांकन करने में
- बालकों को तात्कालिक शैक्षिक स्थिति का पता लगाने में
- कक्षा को अधिक - से - अधिक तंग करने में
- बालकों का ध्यान केंद्रित करने में
दैनिक मूल्यांकन लाभदायक है
- अध्यापक की कमियों को जानना
- यह जानना कि शैक्षिक उद्देश्य कहाँ तक प्राप्त हुए है
- विद्यालय के स्तर को ऊँचा उठाना
- शिक्षण रणनीतियों की प्रभावशीलता को जानना
शिक्षण के मूल्यांकन चरण का ध्येय है
- उत्पादक जीवन जीने के लिए शिक्षा किस सीमा तक तैयार कर पाई है , का पुष्टिपोषण प्रदान करना
- जिन बालकों को उपचारात्मक शिक्षा की आवश्यकता है , उनकी पहचान करना
- अधिगम की कठिनाइयों व समस्या वाले क्षेत्रों का पता लगाना
- शिष्यों व अध्यापकों की कमजोरियों का पता लगाना
सतत् मूल्यांकन का कार्य है
- संचयी अभिलेख तैयार करने में
- अधिगम उद्देश्यों की प्राप्ति में
- अध्यापक के व्यवहार में सुधार लाने में
- उपरोक्त सभी
मूल्यांकन सहायक है
- त्रिभुजाकार
- द्विविमीय
- एकल
- चतुर्भुजाकार
मूल्यांकन की प्रक्रिया को किस रूप में माना गया है ?
- सम्पूर्ण विषय - वस्तु का मूल्यांकन हो
- सभी उद्देश्य मूल्यांकित किए जाए
- सभी अध्यापक मूल्यांकन करे
- बच्चों के व्यक्तित्व के सभी पक्षों का मूल्यांकन हो
मूल्यांकन को व्यापक तभी माना जा सकता है जब
- प्रश्नावली
- प्रक्षेपणात्मक
- केस - अध्ययन
- इनमें से कोई नहीं
व्यक्तित्व मूल्यांकन की सर्वश्रेष्ठ विधि है
- प्रत्येक शिक्षा सत्र के अंत में
- सतत् एवं व्यापक प्रक्रिया से
- वार्षिक प्रक्रिया से
- प्रत्येक पाठ के अंत में
विद्यार्थी के अधिगम का मूल्यांकन प्रमुख रूप से होना चाहिए
- वैद्यता
- व्यावहारिकता
- सीमितता
- विश्वसनीयता
एक उत्तम परीक्षण की विशेषता नहीं है
- ऐसा परीक्षण जहाँ परीक्षक मूल्यांकन अपने ज्ञान के आधार पर करता है
- ऐसा मूल्यांकन जहाँ व्यक्तित्व का प्रभाव महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करे , विषय - वस्तु गौण हो जाए
- जब किसी व्यक्ति को सर्वेसर्वा बना दिया जाए
- किसी विचार को निरपेक्ष दृष्टि के बदले सापेक्ष दृष्टि से देखना
व्यक्तिनिष्ठता के मूल्यांकन क्या है ?
- 22
- 23
- 24
- 26
शिक्षण कौशल की कुल संख्या है
- कक्षा के बाहर
- कक्षा के अंदर
- दोनों में ही
- कोई नहीं
शिक्षण कौशल को अध्यापक प्रयुक्त करता है
- शिक्षण का अग्रसरण हेतु
- को प्रोत्साहन हेतु
- अधिगम रुचिकर हेतु
- उपरोक्त सभी
पुनर्बलन कौशल को हम क्यों प्रयुक्त करते हैं ?
- शिक्षण क्रियाएँ
- शिक्षण व्यवहार
- अनुदेशनात्मक क्रियाएँ
- उपरोक्त सभी
शिक्षण कौशलों का अर्थ है
- अनुकरणीय प्रशिक्षण
- अन्तः क्रिया विश्लेषण
- प्रशिक्षण समूह
- सूक्ष्म शिक्षण
शिक्षण कौशलों के विकास व सुधार की प्रविधि है
- अनुकरणीय शिक्षण
- सूक्ष्म शिक्षण
- दोनों ही
- कोई नहीं
शिक्षण व्यवहार की प्रमुख प्रविधि है
- एन . एल . गेज ने
- फ्लैण्डर्स ने
- ओवर ने
- डी.जी. रामन ने
शिक्षक व्यवहार सुधार का प्रत्यय दिया
- रेड्डी समिति
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति
- महरोत्रा समिति
- अध्यापक शिक्षा परिषद्
छात्रों द्वारा शिक्षकों के मूल्यांकन की सिफारिश की गई
- 1957
- 1920
- 1948
- 1970
छात्रों द्वारा शिक्षकों का मूल्यांकन किस सन् में शुरू हुआ ।
- सीमित
- संकुचित
- व्यापक
- इनमें से कोई नहीं
मूल्यांकन का क्षेत्र होता है
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- आस्ट्रेलिया
- भारत में
- इंग्लैण्ड
छात्रों द्वारा शिक्षकों का मूल्यांकन आरम्भ हुआ
- पुस्तक
- नीति
- पत्रिका
- प्रतिवेदन
‘ लर्निंग इबी ’ क्या है ?
- विद्यालय एक विशेष वातावरण है
- विद्यालय एक साधारण वातावरण है
- विद्यालय एक अनौपचारिक वातावरण है
- विद्यालय एक तकनीकी वातावरण है
जॉन डीवी का कथन है
- व्यवहार परिवर्तन में
- समायोजन में
- नवीन अनुभव प्राप्त करने में
- उपरोक्त सभी
अधिगम का शिक्षा में योगदान है
- वस्तुनिष्ठ
- निबंधात्मक
- दोनों
- कोई नहीं
उद्देश्य - केन्द्रित परीक्षा होती है
- सस्फल्य
- पूर्वकथन
- निदान
- उपरोक्त सभी
मापन का कार्य है
- परिमाणात्मक
- गुणात्मक
- दोंनो ही
- कोई नहीं
मूल्यांकन की प्रकृति है
- विद्यापीठ में
- मन्दिर में
- मठ में
- गुरुकुल में
वैदिक युग में शिक्षा दी जाती थी
- शैक्षिक व्यवसायिक कक्ष
- सामूहिक निर्देशन कक्ष
- कैरियर कॉर्नर
- उपर्युक्त में से कोई नहीं
निर्देशन सेवाओं को सक्रिय व रोचक बनाने हेतु स्कूल में स्थापना की जानी चाहिए
- व्यक्तिगत निर्देशन
- सामूहिक निर्देशन
- व्यवसायिक परामर्श
- परामर्श सेवा
कक्षा में सम्पन्न निर्देशन है
- शिक्षण विधि बनाने में
- मूल्यांकन करने में सहायक
- योग्यता की मात्रा जानने में
- उपर्युक्त सभी
मापन का शिक्षा में महत्त्व है