अधिनियम - संसद की दोनों सभाओं द्वारा पारित विधेयक जिसे राष्ट्रपति ने अपनी अनुमति दे दी है ।
तदर्थ समिति - विशिष्ट विषय पर विचार करने तथा प्रतिवेदन देने के लिए सभा द्वारा अथवा सभापति द्वारा अथवा संयुक्त रूप से दोनों सभाओं के पीठासीन अधिकारियों द्वारा गठित समिति और यह समिति ज्योंही अपना कार्य पूर्ण कर लेती हैं तो इसका कार्यकाल समाप्त माना जाता है ।
वाद - विवाद का स्थगन - किसी प्रस्ताव / संकल्प / विधेयक , जिस पर तत्समय सभा में विचार चल रहा है , पर वाद - विवाद को सभा द्वारा गृहीत किसी प्रस्ताव के द्वारा प्रस्ताव में ही निर्दिष्ट किसी आगामी दिन तक के लिए अथवा अनियत दिन के लिए स्थगित करना ।
सभा की बैठक का स्थगन - स्थगन होने पर सभा की बैठक समाप्त हो जाती है और सभा अगली बैठक के लिए नियत समय पर पुनः समवेत होती है ।
अनियत दिन के लिए स्थगन - अगली बैठक के लिए कोई निश्चित तिथि नियत किए बिना ही सभा की किसी बैठक की समाप्ति ।
विनियोग विधेयक - यह किसी वित्तीय वर्ष अथवा उसके एक भाग की सेवाओं के लिए लोकसभा द्वारा दत्तमत धन और भारत की संचित निधि पर प्रभारित धन के भारत की संचित निधि से प्रत्याहरण अथवा विनियोग का उपबंध करने के लिए वार्षिक रूप से ( अथवा वर्ष में कई बार ) पारित किया जाने वाला धन विधेयक है ।
बैलट - लॉटरी के जरिए एक से अधिक सूचनाओं की परस्पर अग्रता को निर्धारित करने की प्रक्रिया ।
विधेयक - यह उचित रूप में रखे गए विधायी प्रस्ताव का प्रारूप है जो संसद की दोनों सभाओं द्वारा पारित किए जाने और राष्ट्रपति द्वारा अनुमति दिए जाने पर अधिनियम बन जाता है ।
बजट - यह किसी वित्त वर्ष के लिए भारत सरकार की प्राक्कलित आय और व्यय का वार्षिक वित्तीय विवरण होता है । राज्य सभा के सभा पटल पर बजट दो भागों में , अर्थात् , रेल बजट और सामान्य बजट के रूप में रखा जाता है ।
संसदीय समाचार - संसदीय समाचार से राज्यसभा का संसदीय समाचार अभिप्रेत है । यह दो भागों में प्रकाशित होता है । भाग - एक में सभा की प्रत्येक बैठक की कार्यवाही का संक्षिप्त विवरण सम्मिलित होता है और भाग - दो में सभा या समितियों के कार्य से संबद्ध या संसक्त किसी मामले या किसी भी अन्य मामले , जो सभापति के विचार से इसमें सम्मिलित किया जा सकता है , के संबंध में जानकारी दी गई होती है ।
बैठकों की सारणी - बैठकों की अस्थायी सारणी राज्यसभा की बैठकों के दिवसों और उन दिवसों पर सभा द्वारा संपन्न किए जाने वाले कार्य के स्वरूप को दर्शाती है ।
ध्यानाकर्षण - एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे सदस्य अविलम्बनीय लोक महत्व के मामले पर मंत्री का ध्यान आकर्षित करता है , मंत्री उस पर संक्षिप्त वक्तव्य देते हैं और इसके उपरांत सदस्य स्पष्टीकरण मांगते हैं ।
निर्णायक मत - किसी मामले में मतों की संख्या समान होने पर सभा में सभापति या उस हैसियत से कार्य कर रहे सदस्य और समिति में अध्यक्ष या इस हैसियत से कार्य कर रहे सदस्य द्वारा दिया गया मत निर्णायक मत होता है ।
क्रासिंग द फ्लोर - इससे सभा में बोल रहे सदस्य और सभापीठ के बीच से गुजरना अभिप्रेत है । यह संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन माना जाता है ।
अनुदान मांग - मंत्रालय / विभाग के योजना तथा गैर - योजना व्यय को पूरा करने के लिए बजट आवंटन का निर्धारित किया जाना ।
मत - विभाजन - यह सभा के समक्ष प्रस्तावित उपाय या प्रश्न पर , उसके पक्ष या विपक्ष में मतों को अभिलिखित करके किसी निर्णय पर पहुंचने का तरीका है ।
लाटरी निकालना - इस पद्धति का उपयोग गैर - सरकारी सदस्यों के विधेयकों और संकल्पों , एक ही दिन लिए जाने के लिए एक से अधिक सदस्यों द्वारा साथ - साथ दी गई प्रश्नों की सूचनाओं , आधे घंटे की चर्चा या किसी अन्य सूचना की सापेक्षिक पूर्ववर्तिता का निर्धारण करने के लिए किया जाता है ।
कार्यवाही में से निकाला जाना - मानहानिकारक या अशिष्ट या असंसदीय या गरिमारहित शब्दों , वाक्यांशों या अभिव्यक्तियों को सभापति के आदेश से राज्यसभा की कार्यवाही या अभिलेख में से निकाल दिया जाता है ।
वित्त विधेयक - यह विधेयक अगले वित्त वर्ष के लिए भारत सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को लागू करने के लिए सामान्यतः प्रति वर्ष पुर : स्थापित किया जाता है और इसमें किसी अवधि के लिए अनुपूरक वित्तीय प्रस्तावों को लागू करने वाला विधेयक शामिल होता है ।
वित्तीय कार्य - सभा के वित्तीय कार्य में रेल और सामान्य बजटों तथा अनुपूरक अनुदान मांगों के विवरणों को , उनके लोकसभा में प्रस्तुत किये जाने के बाद , सभा पटल पर रखा जाना , सामान्य और रेल बजटों पर सामान्य चर्चा , सम्बद्ध विनियोग विधेयकों तथा वित्त विधेयकों पर विचार व उन्हें लौटाया जाना , ऐसे राज्य , जो राष्ट्रपति के शासनाधीन हैं , के बजटों इत्यादि का सभा पटल पर रखा जाना शामिल है ।
राजपत्र - इससे भारत का राजपत्र अभिप्रेत है ।
आधे घंटे की चर्चा -सभापति की अनुज्ञान से कोई सदस्य पर्याप्त लोक महत्व के किसी ऐसे मामले पर चर्चा आरम्भ कर सकता है जो हाल ही में किसी मौखिक या लिखित प्रश्न का विषय रहा हो और जिसके उत्तर को किसी तथ्यपूर्ण मामले पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता होती है ।
सभा का नेता - इस का तात्पर्य प्रधानमंत्री से है यदि वह राज्य सभा का सदस्य हो या उस मंत्री से है जो राज्यसभा का सदस्य हो और सभा के नेता के रूप में कार्य करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा नाम - निर्देशित किया गया हो ।
विपक्ष का नेता - सभा का वह सदस्य जो तत्समय सरकार को उस सभा में सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता हो और जिसे सभापति ने उस रूप में मान्यता प्रदान की हो ।
अनुपस्थिति की अनुमति - सभा की बैठकों से अनुपस्थित रहने के लिए इसकी अनुमति प्राप्त करने के इच्छुक सदस्य से इसके कारण तथा ऐसी अवधि बताते हुए एक आवेदन करना अपेक्षित है जिसके लिए उसे सभा की बैठकों से अनुपस्थिति होने की अनुमति दी जाये ।
विधान कार्य - सभा में किसी मंत्री या गैर - सरकारी सदस्य द्वारा पेश किए गए विधेयक का पुर : स्थापन , उस पर विचार तथा पारण ।
कार्यावलि - यह कार्य की उन मदों की सूची होती है जो किसी दिन विशेष को राज्यसभा में अपने उसी क्रम में लिए जाने के लिए निर्धारित की गई होती है जिस क्रम में वे इसमें दर्ज है ।
लॉबी - सभाकक्ष से एकदम सटा हुआ और उसी के साथ समाप्त होने वाला बन्द गलियारा लॉबी कहलाता है ।
प्रथम भाषण - सभा में राज्य सभा के लिए अपने निर्वाचन / नाम - निर्देशन के बाद सदस्य का प्रथम भाषण होता है ।
अनुमति से उठाये गए मामले - प्रश्न काल और पत्रों को सभा पटल पर रखे जाने के तुरन्त बाद , कोई सदस्य सभापति की पूर्व अनुमति से अविलम्बनीय लोक महत्व के किसी मुद्दे को उठा सकता है ।
विधेयक का भार साधक सदस्य - वह मंत्री / गैर सरकारी सदस्य जिसने सरकारी / गैर सरकारी सदस्यों के विधेयक को पुर : स्थापित किया है ।
कार्यज्ञापन - यह सभापीठ द्वारा उपयोग हेतु दिवस की कार्यावलि में सूचीबद्ध मदों की घोषणा करते समय उसकी सहायता करने के लिए होता है ।
संदेश - संविधान के अनुच्छेद 86 ( 2 ) और 111 के अधीन संसद की एक सभा अथवा दोनों सभाओं को राष्ट्रपति का पत्र और संसद की एक सभा द्वारा दूसरी सभा को भेजा गया पत्र संदेश कहलाता है ।
प्रस्ताव - मंत्री या सदस्य द्वारा सभा को दिया गया इस आशय का औपचारिक प्रस्ताव कि सभा कोई कार्यवाही करे , कोई कार्यवाही किए जाने का आदेश दे अथवा किसी मामले पर राय व्यक्त करे , और प्रस्ताव की भाषा इस प्रकार की होती है कि , स्वीकृत हो जाने पर वह सभा के निर्णय अथवा इच्छा करने का द्योतक हो जाता है ।
धन्यवाद प्रस्ताव - यह सभा में उपस्थित किया गया एक औपचारिक प्रस्ताव होता है जिसमें राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 87 ( 1 ) के अधीन संसद की दोनों सभाओं की सम्मिलित बैठक में दिये गये अभिभाषण के प्रति सभा की कृतज्ञता ज्ञापित की जाती है ।
किसी सदस्य का नाम लेकर उसे अवकारी बताना - सभापति द्वारा ऐसे सदस्य , जो सभापीठ के प्राधिकार का अनादर करता है अथवा सभा के कार्य में लगातार और जानबूझ कर बाधा डालते हुए सभा के नियमों का दुरूपयोग करता है , के आचरण की ओर सभा का ध्यान इस दृष्टि से आकर्षित कराना कि उस सदस्य को सभा की सेवा से अधिक से अधिक सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने की कार्रवाई की जाए ।
अध्यादेश - संविधान के अनुच्छेद 123 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए , राष्ट्रपति द्वारा बनाये गए कानून को अध्यादेश कहते हैं ।
उपसभाध्यक्ष पेनल - यह सभापति द्वारा नाम निर्देशित किए गए राज्य सभा के छः सदस्यों का पैनल होता है जिनमें से कोई भी सदस्य सभापति अथवा उसकी अनुपस्थिति में उपसभापति द्वारा वैसा अनुरोध किए जाने पर सभापति और उपसभापति की अनुपस्थिति में सभा का सभापतित्व कर सकता है ।
सभापटल पर रखे गये पत्र -ऐसे पत्र या प्रलेख जो सभापति की अनुमति से किसी मंत्री अथवा किसी गैर - सरकारी सदस्य अथवा महासचिव द्वारा संविधान के उपबंधों अथवा राज्यसभा के प्रक्रिया विषयक नियमों अथवा संसद के किसी अधिनियम और उनके अधीन बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुसरण में सभा पटल पर इस प्रयोजन से रखे जाते हैं ताकि उन्हें राज्यसभा के अभिलेख में लिया जा सके ।
वैयक्तिक स्पष्टीकरण - वह सदस्य या मंत्री जिसके विरुद्ध सभा में वैयक्तिक स्वरूप की टीका - टिप्पणियां या आलोचना की जाती हैं , सभापति की सम्मति से , अपने बचाव में वैयक्तिक स्पष्टीकरण देने का हकदार है ।
औचित्य का प्रश्न - यह प्रक्रिया विषयक नियमों अथवा संविधान के ऐसे अनुच्छेदों , जो सभा के कार्य को नियंत्रित करते हैं , के निर्वचन अथवा प्रवर्तन से संबंधित प्रश्न होता है जो सभा में उठाया जाता है और सभापीठ के निर्णय के लिए प्रस्तुत किया जाता है ।
राज्य सभा की प्रसीमाएं - इसमें सभाकक्ष , लॉबियां , दीर्घाओं और ऐसे अन्य स्थान शामिल हैं जिन्हें सभापति समय - समय पर विनिर्दिष्ट करे ।
गैर - सरकारी सदस्यों का संकल्प - गैर - सरकारी सदस्यों के संकल्पों के लिए नियत दिन को किसी सदस्य द्वारा , मंत्री के सिवाए , प्रस्तुत सामान्य लोक हित का ऐसा मामला , जो सभा द्वारा अभिमत की घोषणा के रूप में हो या ऐसे किसी अन्य रूप में हो जिसे सभापति उचित समझें ।
सत्रावसान - राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 85 ( 2 ) क के अधीन दिए गए आदेश द्वारा राज्य सभा के सत्र की समाप्ति ।
प्रस्ताव पर मत लेना - किसी प्रस्ताव पर वाद - विवाद समाप्त हो जाने पर , सभापति अपने आसन से खड़े होकर ' प्रश्न यह है कि ' शब्दों से आरम्भ करके सभा के समक्ष प्रस्ताव को बोलकर या पढ़कर सुनाता है ।
प्रश्न - सारणी - सदस्यों को सत्र के आमंत्रण सहित परिचालित की गई एक सारणी जिसमें प्रश्नों के उत्तरों की तारीखें और विभिन्न मंत्रालयों / विभागों से संबंधित प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त करने की अंतिम तारीखें दी गई होती हैं ।
प्रश्नकाल - सभा की बैठक का पहला घंटा प्रश्न पूछे जाने और उनके उत्तर दिए जाने के लिए आवंटित है ।
विशेषाधिकार का प्रश्न - प्रश्न जिसमें किसी सदस्य के या सभा के या इसकी किसी समिति के विशेषाधिकार का उल्लंघन या सभा की अवमानना अंतर्ग्रस्त हो ।
गणपूर्ति - संविधान के अनुच्छेद 100 ( 3 ) के अधीन यथा उपबंधित सभा या समिति की किसी बैठक के कार्य के वैध निष्पादन के लिए उपस्थित सदस्यों की अपेक्षित न्यूनतम संख्या सभा की बैठक की गणपूर्ति सभा की कुल सदस्य संख्या के दसवें भाग से होगी ।
राज्यसभा वाद विवाद - सभा में कही गई किसी भी बात का शब्दशः अभिलेख राज्य सभा की प्रत्येक बैठक के लिए शासकीय वृत्तलेखक द्वारा प्रतिवेदित किया जाता है , कुछ ऐसे शब्दों , वाक्यांशों तथा अभिव्यक्ति , यदि कोई हों , को छोड़कर जिनके लिए सभापीठ द्वारा कार्यवाही से निकाले जाने हेतु उस समय आदेश दिया जाता है अथवा सभापति द्वारा अभिलिखित न किए जाने हेतु उस समय आदेश दिया जाता है , जब सदस्य उनकी अनुमति के बिना बोलते हैं ।
सदस्यों की नामावली - ऐसा रजिस्टर जिसमें नए चुने गए सदस्य शपथ लेने या प्रतिज्ञापन करने के पश्चात् सभा में पहली बार अपना स्थान ग्रहण करने से पहले हस्ताक्षर करते हैं ।
सत्र - राज्य सभा के किसी सत्र की अवधि राष्ट्रपति के राज्य सभा को आमंत्रित करने वाले आदेश में उल्लिखित तारीख और समय से आरंभ होकर राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा का सत्रावसान किए जाने के दिन तक होती है ।
अल्पकालिक चर्चा - अविलम्बनीय लोक महत्व के किसी मामले को उठाने के लिए , सदस्य द्वारा उठाये जाने वाले मामले को स्पष्ट तथा सही रूप से विनिर्दिष्ट करते हुए होती है जिसका समर्थन दो अन्य सदस्यों द्वारा किया जाता है ।
अल्प सूचना प्रश्न - अविलंबनीय लोक महत्व के विषय के संबंध में कोई प्रश्न , जिसे अल्प सूचना देकर प्रश्न पूछने के कारण बताते हुए पूरे पंद्रह दिन से कम समय की सूचना पर सदस्य द्वारा मौखिक उत्तर हेतु पूछा जाए ।
सभा की बैठक - राज्य सभा की बैठक तभी विधिवत् गठित होती है जब बैठक का सभापतित्व सभापति या कोई ऐसा सदस्य करे जो संविधान अथवा राज्य सभा के प्रक्रिया विषयक नियमों के अधीन सभा की बैठक का सभापतित्व करने के लिए सक्षम हो ।
विशेष उल्लेख - यह सदस्य को उपलब्ध एक प्रक्रिया है जो अधिकतम 250 शब्दों के मूल - पाठ को पढ़कर सभा में लोक महत्व के किसी मामले का उल्लेख करना चाहता है ।
स्थायी समिति - सभा द्वारा निर्वाचन या सभापति द्वारा नामनिर्देशन द्वारा प्रति वर्ष या समय - समय पर गठित की गई ऐसी समिति , जो स्थायी स्वरूप की होती है ।
तारांकित प्रश्न - ऐसा प्रश्न जो मौखिक उत्तर पाने के इच्छुक किसी सदस्य द्वारा सभा में पूछा जाए और जिसका विभेद तारांक लगाकर किया जाए ।
परिनियत संकल्प - संविधान या संसद के किसी अधिनियम के उपबंध के अनुसरण में कोई संकल्प ।
अधीनस्थ विधान - संविधान द्वारा प्रदत्त या संसद के अधिनियम द्वारा प्रत्यायोजित शक्ति के अनुसरण में किसी कार्यकारी या अन्य अधीनस्थ प्राधिकारी द्वारा बनाए गए नियम , विनियम , आदेश , योजनाएं , उपविधियां आदि जिन्हें कानून की शक्ति प्राप्त है ।
आमंत्रण - राज्य सभा के महासचिव द्वारा राष्ट्रपति के आदेशों के अधीन राज्य सभा के सदस्यों को जारी किया गया आधिकारिक पत्र जिसमें उन्हें राज्य सभा का सत्र आरम्भ होने के स्थान , तारीख और समय के बारे में सूचित किया जाता है ।
अनुपूरक प्रश्न - किसी ऐसे तथ्यपूर्ण मामले , जिसके संबंध में प्रश्न काल के दौरान उत्तर दिया गया हो , को और स्पष्ट करने के प्रयोजन से सभापति द्वारा बुलाये जाने पर किसी सदस्य द्वारा पूछा गया प्रश्न ।
सभापटल - सभापति के आसन के नीचे महासचिव के डेस्क के सामने का पटल । सभा पटल पर रखे जाने हेतु अपेक्षित पत्र इस पटल पर रखे गए समझे जाते हैं ।
अतारांकित प्रश्न -सभा में मौखिक उत्तर के लिए न पुकारा जाने वाला प्रश्न । ऐसे प्रश्न का लिखित उत्तर सभा पटल पर रखा गया समझा जाता है ।
विदाई उद्गार - यह प्रथा है कि प्रत्येक सत्र में सभापीठ , सदस्यों व दलों के नेताओं और समूहों को सभा के कार्य संचालन में उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए सत्र के समापन पर विदाई उद्गार दे ।
सचेतक गण - सत्ताधारी दल तथा विपक्षी दलों / समूहों से विनिर्दिष्ट कार्य निष्पादित करने और संसद के अंदर किसी दल के आंतरिक संगठन में महत्वपूर्ण सम्पर्क बनाने के लिए सदस्य लिए जाते हैं ।
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File Name - महत्त्वपूर्ण संसदीय शब्दावली_For IAS & Other Exams
Language - Hindi
Size - 156 KB
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Published By - Knowledge Hub
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13-05-2021
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