उप - समाजशास्त्रों का परिचय Important PDF For B.A. Final Year Exam

Introducing Sub Sociologies In Hindi

प्रमुख पुस्तकें तथा उनके लेखक

लेखकपुस्तकें
1 . ई.ई. बर्गेल अरबन सोशियोलोजी
2 . किंग्सले डेविस ह्यूमन सोसाइटी
3 . एस . रोमर मॉडर्न सिटी
4 . एल.टी. हाबहाउस सोशल डवलपमेन्ट
5 . आंन्द्रे बिताई इनइक्वेलिटी एण्ड सोशल चेंज
6 . एन्थोनी गिडिन्स दि कान्सीक्वेन्सेज ऑफ मॉडर्निटी
7. गिलपीन दि पॉलिटिकल इकोनोमी ऑफ इन्टरनेशनल रिलेशन्स
8 . मेलकॉम वाटर्स ग्लोबलाइजेशन
9. हेल्ड पॉलिटिकल थ्योरी ट्रेड
10. हटिंगटन दि थर्ड वेब
11. बेलस्टेन हिस्टोरिकल कैपटलिज्म
12. उलरिच बैक रिस्क सोसाइटी
13. सोरोकिन व जिम्मरमैन सरल अरबन सोशियोलोजी
14. ममफोर्ड लुईस द कल्चर ऑफ सिटीज
15. बर्थ लुईस अरबेनिज्म एज ए वे ऑफ लाइफ
16. मैकाइवर एण्ड पेज सोसाइटी
17. रोजेनाऊ टरब्यूलेन्स इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स
18. ससकिया ससेन दि ग्लोबल सिटी
19. राबर्ट ई . पार्क दी सिटी
20. मैक्स वेबर दी स्टाइट
21. एगोन अरनेस्ट बर्गल अरबन सोशियोलोजी
22. एडम स्मिथ वैल्थ ऑफ नेशन्स
23. रोस्टो द स्टेज्स ऑफ इकोनोमिक ग्रोथ : ए नॉन कम्युनिटी मैनिफेस्टो
24. हेल्ड पॉलिटिकल थ्योरी टुडे
25. या पिंग वांग अरबन पॉवर्टी , हाउसिंग एण्ड सोशियल चेंज इन चाइना
26. माइकल सोरोकिन वैरिएशन आन ए थीम पार्क : द न्यू अमेरिकन सिटी एण्ड दी एण्ड ऑफ पब्लिक स्पेस
27. जेन बेलिन नेबरहुड डिवाइडेज
28. माइकल फॉकल्ट एबनार्मल : लैक्चर्स एट दा कॉलेज डी फ्रांस
29. एलीजाह एण्डरसन स्ट्रीटवाइज : रेस , क्लास एण्ड चेंज इन अरबन कम्युनिटी
30. विलियम जूलियस विल्सन हैन वर्क डिसएपीयर्ड : द वर्ल्ड ऑफ द न्यू अरबन पुअर
31. केरोल वी.स्टेका आल अवर किन : स्ट्रेटेजिज फॉर सर्वाइव इन ए ब्लेक कम्युनिटी
32. उफ्टोन सिनक्लेयर द जंगल
33. मिचेल डेनियर साइडबांक
34. जीन स्वेन्सन पुअर बैसिंग
35. जीन जेकस रोसीहाऊ बेसिक पॉलिटिकल राइटिंग

प्रमुख सिद्धान्त / अवधारणाएँ तथा उनके प्रतिपादक

सिद्धान्त / अवधारणाएँ / सम्मेलन / रिपोर्ट प्रतिपादक
1. ग्राम - नगर प्रवासन का ' द्वि - क्षेत्रक मॉडल ' आर्थर लेविस
2. प्रवासन का नया ' द्वि - क्षेत्रक मॉडल ' गुस्तोव रानिस और जॉन फी
3. ग्राम - नगर प्रवासन का ' टोडारो ' सिद्धान्त टोडारो
4. ग्राम - नगर प्रवासन का ' धक्का - खिंचाव ' सिद्धान्त ली
5.आर्थिक संवृद्धि परिप्रेक्ष्य की अवधारणा एडम स्मिथ
6.सतत विकास की अवधारणा ब्रुण्टलैंड आयोग की रिपोर्ट से
7. संरचनात्मक - प्रकार्यात्मक उपागम टॉलकट पारसन्स
8. भारत सरकार की राष्ट्रीय पुनर्वास नीति 2004
9. वैश्वीकरण की अवधारणा राबर्टसन ( 1992 )
10. विश्व गाँव की अवधारणा मार्शल मैक्लूहान
11. विश्व नगर की अवधारणा ससकिया ससेन

नगरों की किन्हीं चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

नगरों की चार विशेषताएँ हैं- ( 1 ) जनसंख्या की विविधता , ( 2 ) व्यवसायों की बहुलता व विविधता , ( 3 ) सामाजिक गतिशीलता , तथा ( 4 ) द्वितीयक सम्बन्ध ।

किंग्सले डेविस ने नगर की जो विशेषताएँ बताई हैं , उनमें से तीन का उल्लेख कीजिए ।

किंग्सले डेविस ने नगर की विशेषताएँ बताई हैं— ( 1 ) द्वितीयक समूहों की प्रमुखता , ( 2 ) सामाजिक सहिष्णुता का अभाव , तथा ( 3 ) सामाजिक भिन्नता ।

नगरों के अवस्थापन के सिद्धान्त बताइए । अथवा बर्गेल ने नगरों के अवस्थापन के किन तीन कारकों का उल्लेख किया है ?

बर्गेल के अनुसार नगरों के अवस्थापन के लिए तीन कारण आवश्यक हैं ( 1 ) उपयुक्त प्रकृति , ( 2 ) संस्कृति , तथा ( 3 ) प्रकार्य ।

लुई बर्थ की नगर की परिभाषा बताइए ।

' नगर ' की किसी एक विद्वान की परिभाषा दीजिए ।

ममफोर्ड के अनुसार , "" नगर स्पष्ट अर्थों में एक भौगोलिक ढाँचा है , एक आर्थिक संगठन एवं एक संस्थागत प्रक्रिया है , सामाजिक क्रियाओं का रूप और सामूहिक एकता का सौन्दर्यात्मक प्रतीक है ।

' नगर ' से क्या तात्पर्य है ?

सामान्य रूप से नगर वह क्षेत्र है , जहाँ जनसंख्या की बहुलता एवं विविधता पायी जाती है । गैर - कृषि व्यवसायों की प्रमुखता , श्रम - विभाजन तथा विशिष्टीकरण इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं ।

लुई बर्थ के अनुसार , “ सामाजिक रूप में विषमता लिए हुए व्यक्तियों के बड़े घने बसे हुए एवं स्थायी निवास को नगर कहेंगे । ”

बर्गेल ने प्रकार्यात्मक आधार पर नगरों के कितने वर्ग बताये हैं ?

बर्गेल ने प्रकार्यात्मक आधार पर नगरों के छह वर्ग बताए हैं— ( 1 ) राजनीतिक केन्द्र , ( 2 ) आर्थिक केन्द्र , ( 3 ) विश्राम केन्द्र , ( 4 ) प्रतीकात्मक केन्द्र , ( 5 ) मनोरंजन केन्द्र , तथा ( 6 ) सांस्कृतिक केन्द्र ।

बर्गेल ने नगरों की बसावट के किन - किन सिद्धान्तों का उल्लेख किया है ?

बर्गेल ने नगरों की बसावट के छह सिद्धान्तों यथा ( 1 ) संकेन्द्रण क्षेत्र , ( 2 ) प्राकृतिक क्षेत्र का सिद्धान्त , ( 3 ) सेक्टर सिद्धान्त , ( 4 ) प्रतीकात्मक मूल्यों का सिद्धान्त , ( 5 ) परिवहन सिद्धान्त , एवं ( 6 ) सांख्यिकीय उपागम का उल्लेख किया है ।

प्रकार्यात्मक आधार पर एस . रोमर ने नगरों को कितने वर्गों में बाँटा है ?

प्रकार्यात्मक आधार पर एस . रोमर ने नगरों को पाँच वर्गों में बाँटा है . ( 1 ) औद्योगिक केन्द्र , ( 2 ) व्यापारिक केन्द्र , ( 3 ) संस्थाओं के प्रमुख स्थल , ( 4 ) अवलम्बित नगर , तथा ( 5 ) महानगरीय केन्द्र ।

कार्य - विशिष्टीकरण के आधार पर नगरों के वर्ग बताइए ।

कार्य - विशिष्टीकरण के आधार पर नगरों के वर्ग हैं ( 1 ) राजधानियाँ , ( 2 ) व्यापार वाणिज्य केन्द्र , ( 3 ) उत्पादन केन्द्र , ( 4 ) स्वास्थ्य व मनोरंजन केन्द्र , ( 5 ) सांस्कृतिक केन्द्र , तथा ( 6 ) विविध प्रकार के केन्द्र ।

टाउन एवं सिटी में अन्तर बताइए ।

भारत में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों को नगर ( सिटी ) .जबकि एक लाख से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों को टाउन ( कस्बा ) कहा जाता है ।

सन् 2011 की जनगणना के आधार पर भारत में ऐसे कितने नगर हैं जिनकी जनसंख्या दस लाख से अधिक है ?

सन् 2011 की जनगणना के आधार पर भारत में दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 54 है ।

दस लाख से अधिक की जनसंख्या वाले नगर क्या कहलाते हैं ?

महानगर ।

नगरीय बेरोजगारी के दो कारण बताइए ।

नगरीय बेरोजगारी के दो महत्त्वपूर्ण कारण हैं— ( 1 ) नगरों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या , ( 2 ) वर्तमान शिक्षा प्रणाली ।

किन्हीं चार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार केन्द्रों के नाम बताइए ।

( 1 ) लन्दन , ( 2 ) मुम्बई , ( 3 ) शिकागो , तथा ( 4 ) टोकियो ।

भारत में कोयला तथा सोना उत्पादक क्षेत्रों के नाम बताइए ।

( 1 ) भारत में कोयला झरिया क्षेत्र में निकाला जाता है । ( 2 ) सोना कोलार ( कर्नाटक ) की खानों से निकाला जाता है ।

भारत के चार प्राचीन बन्दरगाह केन्द्रों तथा चार नवीन बन्दरगाह केन्द्रों के नाम बताइए ।

भारत के चार प्राचीन बन्दरगाह केन्द्र हैं ( 1 ) चेन्नई , ( 2 ) कोलकाता , ( 3 ) सूरत , ( 4 ) भड़ौच । भारत के चार आधुनिक बन्दरगाह केन्द्र हैं— ( 1 ) विशाखापट्टनम , ( 2 ) काँडला , ( 3 ) कोचीन , और ( 4 ) मेंगलोर ।

भारत के प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय परिवहन केन्द्रों के नाम बताइए ।

( 1 ) दिल्ली , ( 2 ) मुम्बई , ( 3 ) कोलकाता , ( 4 ) चेन्नई ।

चार राष्ट्रीय राजधानियों तथा चार राजनीतिक केन्द्रों के नाम बताइए ।

( 1 ) चार राष्ट्रीय राजधानियाँ मास्को , टोकियो , लन्दन , बर्लिन । ( 2 ) चार राजनीतिक केन्द्र पेरिस , शिकागो , वियना , हंगरी ।

भारत के चार प्रमुख शिक्षण - प्रशिक्षण केन्द्र तथा चार धार्मिक केन्द्रों ( नगरों ) के नाम बताइए ।

( 1 ) भारत के चार शिक्षण - प्रशिक्षण केन्द्र देहरादून , दिल्ली , रूड़की , पिलानी । ( 2 ) भारत के चार धार्मिक केन्द्र बनारस , उज्जैन , हरिद्वार , बद्रीनाथ ।

चार प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक केन्द्रों के नाम बताइए ।

( 1 ) अजन्ता की गुफाएँ , ( 2 ) मदुरई , ( 3 ) सारनाथ , तथा ( 4 ) आगरा ।

नगरीकरण की किसी एक विद्वान की परिभाषा दीजिए ।

ई.ई. बर्गेल के अनुसार , “ ग्रामीण जनसंख्या के नगरीय क्षेत्र में बदलने को हम नगरीकरण कहते हैं । ”

नगरीकरण की दो विशेषताएँ बताइए ।

नगरीकरण की दो विशेषताएँ हैं - ( 1 ) औपचारिक तथा अवैयक्तिक सम्बन्धों में वृद्धि । ( 2 ) जनसंख्या घनत्व में तेजी से वृद्धि ।

नगरीकरण के लिए उत्तरदायी कोई दो कारक बताइए ।

नगरीकरण के लिए उत्तरदायी दो कारक हैं— ( 1 ) भौतिक सुखवादी संस्कृति नगरीकरण को जन्म देती है । ( 2 ) उद्योग व शिक्षा के अवसर नगरीकरण के लिए उत्तरदायी हैं ।

मेट्रोपोलिस नगर से क्या तात्पर्य है ?

ऐसे नगरों में पेयजल की व्यवस्था , सुरक्षा व्यवस्था , कृषि के लिए उत्तम भूमि , अधिक जनसंख्या , श्रम - विभाजन , निवेशीकरण इत्यादि विशेषताएँ होती हैं । इन्हें मेट्रोपोलिस नगर कहते हैं ।

नगरवाद से क्या तात्पर्य है ? अथवा नगरवाद की एक परिभाषा दीजिए ।

लुई बर्थ के अनुसार , “ नगरीकरण को एक प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए और नगरवाद को स्थिति के या परिस्थितियों के समुच्चय के रूप में देखना चाहिए । ”

लुई बर्थ द्वारा बताई गई नगरवाद की दो विशेषताएँ लिखिए ।

( 1 ) बाजार के विकास के साथ ही श्रम - विभाजन का अधिक विस्तार हो जाता है । ( 2 ) लोगों में भौतिक दूरियाँ कम होती हैं , परन्तु सामाजिक सम्पर्क सतही होते हैं ।

ग्रामीण व नगरीय समुदाय में दो अन्तर बताइए ।

( 1 ) ग्रामीण समुदाय में लोगों का प्रकृति से प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है , जबकि नगरीय समुदाय की प्रकृति से पृथकता रहती है । ( 2 ) ग्रामीण समुदाय में जनसंख्या घनत्व न्यून , जबकि नगरीय समुदाय में अधिक होता है ।

किसने कहा कि नगरवाद जीवन विधि है ?

नेल्स एण्डरसन ने ।

आधुनिक नगर क्या है ?

आधुनिक नगर में नगर तथा महानगर आते हैं । ये नगर इन्टरनेट , मोबाइल व संचार के नवीनतम साधनों से युक्त हैं । यहाँ के लोग संसार में किसी भी स्थान पर रहकर कार्य कर सकते हैं ।

मृत नगर क्या है ?

ममफोर्ड ने नगरों के उत्थान और पतन की छह अवस्थाओं का वर्णन किया है मृत नगर अवस्था में रोग , दुर्भिक्ष तथा महामारी से नगर और गाँव पीड़ित होने आरम्भ हुए । नगरीय प्रशासन एक दिखावा मात्र रह गया । चारों ओर लूट तथा अराजकता का बोलबाला हो गया ।

प्रवास की कोई एक परिभाषा बताइए ।

पीटरसन के अनुसार , “ स्वतंत्र प्रवास वह होता है , जिसमें व्यक्ति स्वेच्छा से अपना मूल स्थान छोड़कर एक अपरिचित स्थान पर जाकर रहने व बसने को प्रेरित होता है अथवा जोखिम उठाता है । ”

फेयरचाइल्ड तथा पीटरसन ने प्रवास के किन - किन प्रकारों का उल्लेख किया है ?

फेयरचाइल्ड ने चार प्रकार ( 1 ) आक्रमण , ( 2 ) विजय , ( 3 ) औपनिवेशिकरण , तथा ( 4 ) आप्रवास का उल्लेख किया है । पीटरसन ने ( 1 ) आदिम , ( 2 ) दबावपूर्ण , ( 3 ) स्वेच्छावश , ( 4 ) स्वतंत्र , तथा ( 5 ) सामूहिक प्रवास बताये हैं ।

प्रवास के लिए उत्तरदायी चार कारक बताइए ।

प्रवास के लिए उत्तरदायी कारक हैं— ( 1 ) उन्नत जीवन - स्तर की सुविधाएँ , ( 2 ) उच्च शिक्षा के अवसर , ( 3 ) रोजगार के अवसर , और ( 4 ) जीवन तथा धन की सुरक्षा ।

ग्रामीण - नगरीय पलायन के दो कारण बताइए ।

ग्रामीण - नगरीय पलायन के दो कारण हैं— ( 1 ) गाँवों में रोजगार की कमी होना , ( 2 ) नगरों में जीवन व धन की सुरक्षा होना ।

नगरीकरण के दो कारण व दो प्रभाव बताइए ।

नगरीकरण के दो कारण औद्योगिक व तकनीकी विकास , यातायात के साधनों की सुविधा । नगरीकरण के दो प्रभाव – अपराधों में वृद्धि , पर्यावरण प्रदूषण ।

निम्न पुस्तकों के लेखक बताइए ( 1 ) द कल्चर ऑफ सिटी , तथा ( 2 ) अरबेनिज्म एज ए वे ऑफ लाइफ ।

( 1 ) मम्फोर्ड लुईस , ( 2 ) बर्थ लुईस ।

प्रवसन की चार विशेषताएँ बताइए ।

( 1 ) सामाजिक जीवन का लक्षण , ( 2 ) विशिष्ट योग्य व्यक्तियों का सदुपयोग , ( 3 ) सांस्कृतिक प्रसारण , तथा ( 4 ) स्थान परिवर्तन की प्रक्रिया ।

प्रवसन के प्रकार बताइए । ( कोई दो )

प्रवसन के दो प्रकार हैं— ( 1 ) एक देश से दूसरे देश में प्रवसन ( अन्तर्राष्ट्रीय प्रवसन ) , तथा ( 2 ) देश के अन्दर एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवसन ( अन्तर्देशीय प्रवसन ) ।

उत्प्रवासन क्या है ?

उत्प्रवासन की प्रक्रिया में व्यक्ति या समूह अपना मूल स्थान , देश , नगर , ग्राम या मकान छोड़कर दूसरे स्थान देश , नगर या ग्राम में स्थायी रूप से चले जाते हैं और वहाँ पर बस जाते हैं ।

“ नगरीय समाजशास्त्र कस्बों तथा नगरों के समाज और व्यक्तियों से सम्बन्धित है । ” यह कथन किसका है ?

यह कथन नेल एण्डरसन का है ।

नगरीय समाजशास्त्र से आप क्या समझते हैं ?

नगरीय समाजशास्त्र समाजशास्त्र की वह शाखा है , जिसके अन्तर्गत नगरीय जनजीवन तथा समाज का क्रमबद्ध रूप से अध्ययन किया जाता है ।

किसी एक समाजशास्त्री की नगरीय समाज की परिभाषा दीजिए ।

हाउस के अनुसार , “ नगरीय समाजशास्त्र नगर के जीवन और समस्याओं का विशिष्ट अध्ययन है । ”

नगरीय समाजशास्त्र के विषय - क्षेत्र को स्पष्ट कीजिए ।

नगरीय समाजशास्त्र के विषय - क्षेत्र को तीन भागों में बाँटा जा सकता है ( 1 ) नगरीय विज्ञान , ( 2 ) नगरीय पारिस्थितिकी , तथा ( 3 ) नगरवाद ।

“ नगरीय समाजशास्त्र एक विज्ञान है । ” इस कथन के पक्ष में कोई दो तर्क दीजिए ।

नगरीय समाजशास्त्र की वैज्ञानिकता के पक्ष में दो तर्क हैं— ( 1 ) नगरीय समाजशास्त्र में शोध व पर्यवेक्षण क्षमता पाई जाती है । ( 2 ) इसके सदस्य सार्वभौमिक हैं ।

“ नगरीय समाजशास्त्र विज्ञान नहीं है । ” इस सम्बन्ध में दो तर्क दीजिए ।

( 1 ) प्रयोगशाला का अभाव , ( 2 ) भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है ।

निम्न पुस्तकों के लेखक बताइए ( 1 ) द सिटी , ( 2 ) सरल अरबन सोशियोलोजी ।

( 1 ) रोबर्ट ई . पार्क , ( 2 ) सोरोकिन व जिम्मरमैन ।

“ दि माइन्ड एण्ड सोसायटी ” पुस्तक के लेखक कौन हैं ?

विल्फ्रेड परेटो ।

‘ ए स्टडी ऑफ हिस्ट्री ’ पुस्तक के लेखक कौन हैं ?

अर्नोल्ड जे . टॉयनबी ।

पुस्तक ‘ होल अर्थ डिसिप्लिन ’ के लेखक कौन हैं ?

स्टीवर्ट ब्रॉन्ड ।

‘ सिटीज एण्ड सिविलाइजेशन ’ के लेखक कौन हैं ?

क्रिस्टोफर हिबर्ट ।

‘ मोडर्नाइजेशन ऑफ इण्डियन ट्रेडिशन ’ के लेखक कौन हैं ?

योगेन्द्र सिंह ।

“ नगरीय समाजशास्त्र सामाजिक क्रियाओं , सामाजिक सम्बन्धों , सामाजिक संस्थाओं तथा नगरीय जीवन पद्धति से प्राप्त और उसके ऊपर आधारित सभ्यता के विभिन्न प्रकारों के ऊपर नगरीय जीवन के प्रभाव का अध्ययन है । ” नगरीय समाजशास्त्र की यह परिभाषा किस विद्वान की है ?

इगौन एर्नेस्ट बर्गेल की ।

नगरीय समाजशास्त्र की विषय - वस्तु के अन्तर्गत किन विषयों तथा तथ्यों को सम्मिलित किया गया है ?

नगरीय समाजशास्त्र की विषय - वस्तु के अन्तर्गत ( 1 ) परिचयात्मक विषय - वस्तु , तथा ( 2 ) विश्लेषणात्मक विषय - वस्तु , को समाविष्ट किया गया है ।

बर्गेल ने नगरीय समाजशास्त्र के विषय - क्षेत्र में किसे सम्मिलित किया है ?

बर्गेल के अनुसार नगरीय समाजशास्त्र में निम्न तत्वों को सम्मिलित किया जा सकता है -: ( 1 ) पारिस्थितिकी , ( 2 ) नगर , ( 3 ) नगरीकरण , तथा ( 4 ) नगरवाद ।

नगरीय समाजशास्त्र के महत्त्व के तीन बिन्दु बताइए ।

नगरीय समाजशास्त्र के महत्त्व के तीन बिन्दु हैं ( 1 ) यह ग्रामीण नगरीय जीवन को समझने में सहायक है । ( 2 ) यह समाज के पुनर्निर्माण में उपयोगी है । ( 3 ) यह नगरीय समाजों की समस्याओं के समाधान में सहायक है ।

नगरीय समाजशास्त्र की विषय - वस्तु में समाविष्ट किये जाने वाले कोई चार विषय बताइए ।

चार विषय हैं ( 1 ) नगरों की उत्पत्ति व विकास , ( 2 ) नगरवाद , ( 3 ) नगरीकरण , तथा ( 4 ) नगरीय सामाजिक संगठन ।

पार्क एवं बर्गेस ने नगरीय समाजशास्त्र के कौन - कौनसे क्षेत्र बताये हैं ?

पार्क एवं बर्गेस ने नगरीय समाजशास्त्र के तीन क्षेत्र बताये हैं— ( 1 ) पारिस्थितिकी शास्त्र , ( 2 ) सामाजिक संगठन , तथा ( 3 ) सामाजिक विघटन ।

नगरीय समाजशास्त्र में पारिस्थितिकी शास्त्र के अन्तर्गत किसका अध्ययन किया जाता है ?

नगरीय समाजशास्त्र में पारिस्थितिकी शास्त्र के अन्तर्गत भौगोलिक एवं प्राकृतिक परिस्थितियों का अध्ययन किया जाता है ।

नगरीय परिस्थितिकी से आप क्या समझते हैं ?

प्रत्येक नगर कुछ परिस्थितियों से सम्बद्ध होता है । इन परिस्थितियों का मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है । नगरीय परिस्थितिकी के अन्तर्गत नगरों में पायी जाने वाली भौगोलिक और प्राकृतिक परिस्थितियों का अध्ययन किया जाता है ।

वे कौनसी सामाजिक विघटनकारी समस्याएँ हैं जिनका अध्ययन नगरीय समाजशास्त्र की विषय - वस्तु के अन्तर्गत किया जाता है ?

नगरीय समाजशास्त्र की विषयवस्तु के अन्तर्गत अपराध , बाल - अपराध , मद्यपान मादक द्रव्यों का सेवन , वेश्यावृत्ति , छात्र - असन्तोष , भ्रष्टाचार , मलिन बस्तियाँ इत्यादि विघटनकारी समस्याओं का अध्ययन किया जाता है ।

नगरीय संरचना तथा इसके कार्यात्मक सम्बन्धों की विवेचना समाजशास्त्र की किस शाखा के अन्तर्गत की जाती है ?

नगरीय समाजशास्त्र के अन्तर्गत नगरीय संरचना तथा इसके कार्यात्मक सम्बन्धों की विवेचना की जाती है ।

नगरीय समाजशास्त्र से सम्बन्धित किन्हीं चार समाजशास्त्रियों के नाम बताइए ।

नगरीय समाजशास्त्र से सम्बन्धित चार प्रमुख समाजशास्त्री हैं— ( 1 ) ई.ई. बर्गेल , ( 2 ) फेयरचाइल्ड , ( 3 ) नील एण्डरसन , तथा ( 4 ) थॉमसन ।

नगरीय समाजशास्त्र की प्रासंगिकता के किन्हीं दो बिन्दुओं को बताइए ।

नगरीय समाजशास्त्र की प्रासंगिकता के दो बिन्दु हैं - ( 1 ) नगर नियोजन में सहायक , तथा ( 2 ) सामाजिक विघटन को उत्पन्न करने वाले तत्वों का अध्ययन ।

नगरीय समाजशास्त्र के अन्तर्गत पर्यावरण के किस रूप का अध्ययन किया जाता है ?

नगरीय समाजशास्त्र के अन्तर्गत उस विशिष्ट पर्यावरण का अध्ययन किया जाता जो नगरों में निवास करने वाले लोगों को प्रभावित करता है ।

नगरीय समाजशास्त्र की प्रकृति बताइए ।

नगरीय समाजशास्त्र की प्रकृति वैज्ञानिक है । विज्ञान होने के समस्त गुण व विशेषताएँ नगरीय समाजशास्त्र में विद्यमान हैं ।

नगरीय समाज की दो विशेषताएँ बताइए ।

( 1 ) नगरीय समाज का आकार बड़ा होता है क्योंकि नगरों में अधिक संख्या में लोग रहते हैं । ( 2 ) नगरीय समाज में अलग - अलग प्रकार के व्यवसाय करने वाले लोग रहते हैं ।

ग्राम्य - नगर शब्द का प्रयोग किसने किया ?

सोरोकिन ने ।

एस . रोमर तथा ई . बर्गेल की पुस्तकों के नाम बताइए ।

एस . रोमर मॉडर्न सिटी , ई . बर्गेल अरबन सोशियोलोजी ।

मलिन बस्ती ( गन्दी बस्ती ) से आप क्या समझते हैं ?

मलिन अथवा गन्दी बस्ती से आशय जर्जर आवास व्यवस्था तथा गन्दगीपूर्ण पर्यावरण एवं वातावरण से होता है ।

मलिन बस्ती की किसी एक विद्वान की परिभाषा बताइए ।

जोरबाग के अनुसार , “ गन्दी बस्ती एक विशिष्ट खण्डित क्षेत्र तथा असंगठित क्षेत्र है , जो आवास के लिए बिल्कुल अनुपयुक्त है । यह स्वतंत्रता तथा व्यक्तिवादिता का क्षेत्र है । इस क्षेत्र में अपराधी तथा असामाजिक तत्व रहते हैं । ”

मलिन बस्तियों की स्थापना के चार कारण बताइए ।

मलिन बस्तियों की स्थापना के चार कारण हैं ( 1 ) गरीबी , ( 2 ) नगरों में आवासीय समस्या , ( 3 ) जनसंख्या वृद्धि , एवं ( 4 ) अशिक्षा व जनचेतना की कमी ।

भारत में गन्दी बस्तियों के विकास के कोई तीन कारक बताइए ।

गन्दी बस्तियों के विकास के तीन कारक हैं— ( 1 ) नगरीकरण व औद्योगीकरण , ( 2 ) नगरों के प्रति आकर्षण , ( 3 ) ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की कमी ।

मलिन बस्ती के विकास के बारे में हर्बर्ट गेन्स द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त को बताइए ।

हर्बर्ट गेन्स के अनुसार दो प्रकार के कम किराये वाले आवास - क्षेत्र होते हैं ( 1 ) प्रवेश - क्षेत्र , तथा ( 2 ) सामाजिक रूप से अवांछित लोगों का बसावट क्षेत्र ।

आर्थर लुईस ने मलिन बस्ती के सम्बन्ध में किस अवधारणा का प्रतिपादन किया है ? उसकी दो विशेषताएँ बताइए ।

आर्थर लुईस ने मलिन बस्ती के सम्बन्ध में “ निर्धनता की संस्कृति ” की अवधारणा का प्रतिपादन किया है । उसकी विशेषताएँ हैं— ( 1 ) लोगों की आर्थिक सक्रियता बहुत कम होना , ( 2 ) वृहद् समाज की बड़ी संस्थाओं में गरीबी की प्रभावी भागीदारी तथा एकीकरण का अभाव ।

कानपुर में गन्दी बस्ती को क्या कहा जाता है ?

कानपुर में गन्दी बस्ती को ‘ अहाता ’ कहा जाता है ।

भारतीय गन्दी बस्ती की समस्याएँ बताइए ।

भारतीय गन्दी बस्ती की समस्याएँ हैं — अत्यधिक भीड़ - भाड़ , गन्दे व पुराने मकान ( प्रायः झुग्गी - झोंपड़ियाँ ) , स्वास्थ्य व सफाई की समस्या , बाल अपराध व अपराध , वेश्यावृत्ति , मादक द्रव्यों का सेवन , व्यभिचार , पेयजल व प्रकाश इत्यादि की समस्याएँ ।

भारत में मलिन बस्तियों के चार दुष्प्रभाव बताइए ।

भारत में मलिन बस्तियों के चार दुष्प्रभाव हैं ( 1 ) स्वास्थ्य में गिरावट , ( 2 ) निम्न जीवन - स्तर , ( 3 ) अपराध तथा बाल - अपराध , और ( 4 ) मादक द्रव्यों का सेवन ।

विकास सम्बन्धी अवधारणाएँ प्रस्तुत करने वाले चार विद्वान बताइए ।

( 1 ) एडम स्मिथ , ( 2 ) प्रो . मार्शल , ( 3 ) डेविड रिकार्डों , और ( 4 ) कार्ल मार्क्स ।

विकास को परिभाषित कीजिए ।

योगेन्द्र सिंह के अनुसार , “ समाज के सदस्यों में वांछनीय दिशा में नियोजित सामाजिक परिवर्तन लाने के उपाय को विकास कहते हैं । ”

आर्थिक विकास के किन्हीं चार मापदण्डों का उल्लेख कीजिए ।

आर्थिक विकास के चार मापदण्ड हैं— ( 1 ) प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि । ( 2 ) राष्ट्रीय आय में वृद्धि । ( 3 ) राष्ट्रीय बचत दर में वृद्धि । ( 4 ) आय का समान वितरण ।

आर्थिक विकास की तीन विशेषताएँ बताइए ।

( 1 ) यह एक चेतन प्रक्रिया है । ( 2 ) यह विविधताओं से परिपूर्ण प्रक्रिया है । ( 3 ) यह प्रक्रिया तीसरी दुनिया के देशों से सम्बन्धित है ।

विकास के लिए सांस्कृतिक रूप से सहायक कोई दो कारक बताइए ।

विकास के लिए सांस्कृतिक रूप से सहायक दो कारक हैं— ( 1 ) सांस्कृतिक आधार , तथा ( 2 ) धार्मिक अनुकूलता ।

आर्थिक विकास की किसी विद्वान की एक परिभाषा दीजिए ।

आर्थर लुईस के अनुसार , “ आर्थिक विकास प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि का संकेतक है । प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों एवं मानवीय व्यवहार पर निर्भर करती है । ”

सामाजिक विकास की एक परिभाषा दीजिए ।

वी.एस. डिसूजा के अनुसार , “ सामाजिक विकास वह प्रक्रिया है , जिसके कारण अपेक्षाकृत सरल समाज एक विकसित समाज रूप में परिवर्तित होता है । ”

विकास के समाजशास्त्र के अन्तर्गत कौनसे सांस्कृतिक मुद्दों का अध्ययन किया जाता है ?

विकास के समाजशास्त्र के अन्तर्गत धार्मिक , सामाजिक व आर्थिक जीवन के प्रति व्यक्तियों के मानवीय तथा उदार दार्शनिक अभिमुखीकरण के मुद्दों का अध्ययन किया जाता है ।

सामाजिक विकास के चार आयाम बताइए ।

( 1 ) औद्योगीकरण , ( 2 ) अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ , ( 3 ) आर्थिक संसाधनों की प्रचुरता , और ( 4 ) समाज के लोगों में सामन्जस्य ।

‘ सीमान्त मानव ’ की अवधारणा किसने दी ?

सीमान्त मानव की अवधारणा राबर्ट ई . पार्क ने दी ।

मॉर्गन द्वारा प्रस्तुत मानव समाज के उद्विकास की अवस्थाएँ लिखिए ।

मॉर्गन द्वारा प्रस्तुत मानव समाज के उद्विकास के तीन स्तर हैं ( 1 ) जंगली अवस्था , ( 2 ) बर्बर अवस्था , तथा ( 3 ) सभ्यता की अवस्था ।

मानव विकास को मापने के कोई चार कारक बताइए ।

मानव विकास को मापने के चार प्रमुख कारक हैं— ( 1 ) जीवन प्रत्याशा , ( 2 ) साक्षरता , ( 3 ) रोजगार के अवसर , तथा ( 4 ) लोगों का जीवन - स्तर ।

सामाजिक विकास की किन्हीं दो राजनीतिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

सामाजिक विकास की दो राजनीतिक विशेषताएँ हैं- ( 1 ) राज्य का स्वरूप पंथ निरपेक्ष होता है । ( 2 ) राष्ट्र तथा राष्ट्रीयता का विकास होता है ।

सतत विकास की अवधारणा का आरम्भ विश्व में कब और कैसे हुआ ?

1987 में संयुक्त राष्ट्र संघ के ब्रुण्टलैण्ड आयोग के प्रतिवेदन ' Our Common Future ' के प्रकाशन के साथ ही सम्पूर्ण विश्व में सतत विकास की अवधारणा का आरम्भ हुआ ।

संपोषित विकास को परिभाषित कीजिए ।

ब्रुण्टलैण्ड के अनुसार , “ संपोषित विकास को भावी पीढ़ियों की अपनी आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता से समझौता किये बगैर वर्तमान की जरूरतों को पूरा करने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है । ”

सामाजिक विकास की अवधारणा के सामाजिक पक्ष के किन्हीं दो लक्षणों का उल्लेख कीजिए ।

सामाजिक पक्ष की दो विशेषताएँ हैं— ( 1 ) यह समाज सत्तावादी कम तथा लोकतांत्रिक अधिक होता है । ( 2 ) सार्वजनिक रूप से विकसित समाज परम्परागत कम लेकिन आधुनिक अधिक होता है ।

सामाजिक विकास की अवधारणा की किन्हीं दो सांस्कृतिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

दो सांस्कृतिक विशेषताएँ हैं— ( 1 ) प्रथाएँ व परम्पराएँ कमजोर पड़ जाते हैं । ( 2 ) लोग धर्मनिरपेक्षता तथा मानवतावादी मूल्यों को अपनाने लग जाते हैं ।

एस.सी. दुबे के अनुसार विकास की चार दुविधाएँ कौनसी हैं ?

( 1 ) विकास बनाम अविकास , ( 2 ) देशी विकास बनाम विदेशी विकास , ( 3 ) आत्मनिर्भरता बनाम अन्योन्याश्रितता , और ( 4 ) वृद्धि बनाम वितरण ।

प्रगति और विकास में अन्तर बताइए ।

प्रगति एक सतत् चलने वाली प्रक्रिया है , जबकि विकास में विराम आ सकता है । यद्यपि दोनों ही प्रक्रियाएँ निम्नता से उच्चता की ओर चलती हैं ।

सतत विकास की अवधारणा के उदय के दो कारण बताइए ।

सतत विकास की अवधारणा के उदय के दो कारण हैं— ( 1 ) ब्रुण्टलैण्ड आयोग की रिपोर्ट । ( 2 ) विकास प्रक्रिया के नकारात्मक प्रभाव ।

सतत विकास के समक्ष कोई तीन चुनौतियाँ बताइए ।

सतत विकास के समक्ष तीन चुनौतियाँ हैं— ( 1 ) पुनर्नवीकरण प्राकृतिक संसाधनों का गम्भीर क्षरण , ( 2 ) असन्तुलित लिंगानुपात , एवं ( 3 ) वायु - प्रदूषण ।

सतत विकास की अवधारणा की चार विशेषताएँ ( लक्षण ) बताइए ।

( 1 ) स्थायी आर्थिक संवृद्धि , ( 2 ) प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण , ( 3 ) सामाजिक समानता व प्रगति , तथा ( 4 ) पर्यावरणीय संरक्षण ।

सतत विकास की अवधारणा क्या है ?

विकास ऐसा होना चाहिए जो निरन्तर चलता रहे अर्थात् सतत विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें उपलब्ध संसाधनों का इस तरह से उपयोग किया जाए कि वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के साथ ही भावी पीढ़ी की जरूरतों में कटौती न होने पाए ।

निम्न समाजशास्त्रियों की एक - एक पुस्तकें बताइए ( 1 ) राबर्ट बीरस्टीड , तथा ( 2 ) डेनियल लर्नर ।

( 1 ) राबर्ट बीरस्टीड सोशियल सिस्टम । ( 2 ) डेनियल लर्नर - द पासिंग ऑफ ट्रेडिशनल सोसाइटी ।

केवल तार्किक व आर्थिक आधार पर विकास की अवधारणा की व्याख्या करने वाले किन्हीं चार प्रमुख विद्वानों के नाम बताइए ।

( 1 ) एडम स्मिथ , ( 2 ) डेविड रिकार्डो , ( 3 ) कार्ल मार्क्स , तथा ( 4 ) थॉम्पसन ।

आधुनिकीकरण क्या है ?

आधुनिक एवं नवीन ज्ञान , विश्वास , मूल्य , यथार्थता व बौद्धिकता को महत्त्व प्रदान करके आर्थिक विकास करना ही आधुनिकीकरण है ।

आधुनिकीकरण की किसी एक समाजशास्त्री की परिभाषा दीजिए ।

डेनियल लर्नर के अनुसार , “ आधुनिकीकरण तार्किक और सकारात्मक अभिप्राय वाली वैश्विक प्रक्रिया है । यह प्रक्रिया नगरीकरण और साक्षरता में वृद्धि तथा जन संचार माध्यमों में सफल विस्तार का परिणाम है । ”

आर्थिक आधुनिकीकरण की दो विशेषताएँ बताइए ।

( 1 ) बढ़ता हुआ उपभोक्तावाद । ( 2 ) लोगों का लाभप्रद आर्थिक क्रियाओं में लाभ की प्रेरणा से बुद्धिसंगत ढंग से लगे होना ।

आधुनिकीकरण के दो उपागम बताइए ।

( 1 ) उद्विकासीय उपागम , तथा ( 2 ) संरचनात्मक उपागम ।

राजनीतिक विशेषताओं के आधार पर परम्परागत समाज तथा आधुनिक समाज में दो अन्तर बताइए ।

( 1 ) परम्परागत समाज में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अभाव , जबकि आधुनिक समाज में व्यक्तिगत स्वतंत्रता का महत्त्व होता है । ( 2 ) परम्परागत समाज में राजनीतिक व्यवस्था तानाशाही , जबकि आधुनिक समाज में लोकतांत्रिक होती है ।

आधुनिकीकरण के चार प्रभाव बताइए ।

आधुनिकीकरण के चार प्रभाव हैं — ( 1 ) परम्पराओं पर प्रभाव , ( 2 ) जीवन मूल्यों पर प्रभाव , ( 3 ) संयुक्त परिवार पर प्रभाव , ( 4 ) मानवतावाद पर प्रभाव ।

आधुनिकीकरण तथा पश्चिमीकरण में क्या अन्तर है ?

आधुनिकीकरण के लिए किसी समाज को अपनी संस्थाओं , मूल्यों व आदर्शों आदि को परिष्कृत , परिमार्जित , पुनर्व्यवस्थित तथा परिवर्तित करना होता है जबकि पश्चिमीकरण में पश्चिमी सभ्यता और भौतिक एवं अभौतिक संस्कृति को अपनाने पर अधिक जोर होता है ।

आधुनिकीकरण की चार विशेषताएँ बताइए ।

( 1 ) नगरीकरण की प्रक्रिया , ( 2 ) औद्योगीकरण की प्रक्रिया , ( 3 ) विज्ञान व प्रौद्योगिकी का विकास , तथा ( 4 ) शिक्षा एवं नवीन मूल्यों का विकास ।

पश्चिमीकरण के कारण भारतीय सामाजिक संस्थाओं में आ रहे कोई दो परिवर्तन बताइए ।

( 1 ) परिवार की संस्था के स्थायित्व में कमी आ गई है । ( 2 ) अन्तर्जातीय विवाहों को लगातार प्रोत्साहन मिल रहा है ।

प्रभु जाति की अवधारणा किसने दी ?

प्रभु जाति की अवधारणा एम.एन. श्रीनिवास ने दी

आधुनिकीकरण एवं विकास में अन्तर बताइए ।

यद्यपि आधुनिकीकरण एवं विकास दोनों ही समाज में होने वाले सामाजिक , आर्थिक , राजनीतिक परिवर्तनों से सम्बन्धित हैं , किन्तु आधुनिकीकरण शब्द का प्रयोग प्रायः पाश्चात्य प्रभावों के लिए किया जाता है , जबकि विकास के लिए यह आवश्यक नहीं है ।

विकासशील देशों से सम्बन्धित विकास के चार सिद्धान्त बताइए ।

( 1 ) केन्द्र - परिधि का सिद्धान्त , ( 2 ) आधुनिकीकरण का सिद्धान्त , ( 3 ) विश्व व्यवस्था का सिद्धान्त , तथा ( 4 ) असन्तुलित विनिमय का सिद्धान्त ।

आर्थिक विशेषताओं के आधार पर परम्परागत समाज तथा आधुनिक समाज में कोई एक अन्तर बताइए ।

परम्परागत समाज कृषिप्रधान अर्थव्यवस्था पर आधारित होता है जबकि आधुनिक समाज औद्योगिक अर्थव्यवस्था पर आधारित होता है ।

प्रौद्योगिक क्षेत्र में परम्परागत समाज तथा आधुनिक समाज में क्या अन्तर होता है ?

परम्परागत समाज में प्रौद्योगिकी सरल तथा अपरिष्कृत होती है , जबकि आधुनिक समाज में प्रौद्योगिकी जटिल तथा परिष्कृत होती है ।

विकास के समाजशास्त्र से आप क्या समझते हैं ?

विकास का समाजशास्त्र , समाजशास्त्र की वह शाखा है जो विकास प्रक्रिया तथा सामाजिक - सांस्कृतिक दशाओं के मध्य पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन करती है ।

‘ विकास के समाजशास्त्र ’ की किसी विद्वान की परिभाषा बताइए ।

हाबहाउस के अनुसार , “ विकास का अभिप्राय , नये प्रकार्यों के उदय होने के परिणामस्वरूप सामान्य कार्यक्षमता में वृद्धि अथवा पुराने प्रकार्यों को एक - दूसरे के साथ समायोजन के कारण सामान्य उपलब्धि में वृद्धि से है । ”

विकास के समाजशास्त्र की किन्हीं दो अवधारणाओं का उल्लेख कीजिए ।

विकास के समाजशास्त्र की दो अवधारणाएँ हैं— ( 1 ) ऐसे साधन जो सांस्कृतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं । ( 2 ) ऐसे साधन जो सरल समाज को जटिल समाज में परिवर्तित कर देते हैं ।

विकास के समाजशास्त्र के कोई चार आयाम बताइए ।

विकास के समाजशास्त्र के चार आयाम हैं— ( 1 ) सतत विकास , ( 2 ) मानव विकास , ( 3 ) आर्थिक विकास , तथा ( 4 ) सामाजिक विकास ।

विकास के समाजशास्त्र के विषय - क्षेत्र के चार तत्व बताइए ।

विकास के समाजशास्त्र के विषय - क्षेत्र में आने वाले चार तत्व हैं- ( 1 ) संगठनात्मक , ( 2 ) प्रेरणात्मक , ( 3 ) विचारात्मक , तथा ( 4 ) संस्थागत ।

विकास के समाजशास्त्र की क्रियान्विति किन दो स्थितियों पर निर्भर करती है ?

( 1 ) आर्थिक विकास उद्यमिता के विकास पर निर्भर करता है । ( 2 ) अल्पविकास एवं निर्भरता के सिद्धान्त पर निर्भर करता है ।

अस्सी के दशक में विकास से सम्बन्धित कौनसी ऐसी दो समस्याएँ थीं , जिन्होंने प्राणी जीवन के समक्ष गम्भीर संकट उत्पन कर दिया था ?

( 1 ) प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण , तथा ( 2 ) पर्यावरणीय प्रदूषण की समस्या ।

विकास के समाजशास्त्र की प्रासंगिकता के दो बिन्दु बताइए ।

विकास के समाजशास्त्र की प्रासंगिकता के दो बिन्दु हैं— ( 1 ) विकास का समाजशास्त्र विकास की समस्याओं का समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से अध्ययन करता है । ( 2 ) यह आर्थिक विकास के गैर - आर्थिक कारकों को खोजने में सहायक है ।

अल्प विकास एवं निर्भरता के सिद्धान्त वर्तमान में समाजशास्त्र में ज्वलन्त मुद्दे क्यों हैं ? दो कारण बताइए ।

( 1 ) धनी व गरीब देशों के मध्य खाई बढ़ती जा रही है । ( 2 ) विकसित देशों के शोषण के कारण निर्धन देशों की उन पर निर्भरता बढ़ती जा रही है

विकास के आयामों को सुनिश्चित करने वाले चार समाजशास्त्रीय तथ्य बताइए ।

विकास के आयामों को सुनिश्चित करने वाले चार तथ्य हैं— ( 1 ) लैंगिक समानता , ( 2 ) महिला साक्षरता , ( 3 ) मातृ व शिशु कल्याण , और ( 4 ) रोजगार के अवसर ।

सामाजिक संरचना की दो सूक्ष्म तथा दो वृहद् संरचनाओं के नाम बताइए ।

सूक्ष्म संरचनाएँ– ( i ) जाति व्यवस्था , और ( ii ) संयुक्त परिवार । वृहद् संरचनाएँ– ( i ) नौकरशाही , और ( ii ) अभिजात वर्ग ।

लोगों को अपने जन्म स्थान से हटाना क्या कहलाता है ?

विस्थापन ।

विस्थापन किसे कहते हैं ?

विस्थापन वह प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति अथवा समुदाय को कुछ कारणों से अपना आवास अनिच्छा से छोड़कर अन्यत्र स्थान पर जाने को बाध्य होना पड़ता है ।

विस्थापन की दो विशेषताएँ बताइए ।

विस्थापन की दो विशेषताएँ हैं- ( 1 ) सार्वभौमिक प्रघटना तथा ( 2 ) बाध्यता ।

विस्थापन के दो कारण तथा दो प्रभाव बताइए ।

विस्थापन के दो कारण ( 1 ) प्राकृतिक आपदाएँ ( सुनामी , भूकम्प , महामारी आदि ) , ( 2 ) बाँध व कारखानों का निर्माण । विस्थापन के प्रभाव ( 1 ) विस्थापितों का अभावग्रस्त जीवन , ( 2 ) रोजगार व आवास की समस्या ।

विस्थापन से कौन - सी प्रमुख समस्याएँ उत्पन्न होती हैं ?

परिवार व वैवाहिक सम्बन्धों पर प्रतिकूल प्रभाव , लोगों को उचित मुआवजा नहीं मिलना , रोजगार की समस्या , प्राकृतिक और सामुदायिक स्रोतों से लोगों का वंचित हो जाना , आवास की समस्या , आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग की महिलाओं द्वारा वेश्यावृत्ति करना इत्यादि ।

विस्थापन की समस्या को हल करने के दो उपाय बताइए ।

( 1 ) विस्थापन के साथ लोगों के उचित पुनर्वास की व्यवस्था की जाए । ( 2 ) मुआवजे का आधार जीविका होना चाहिए ।

पुनर्वास से क्या तात्पर्य है ?

पुनर्वास वह प्रक्रिया है , जिसके अन्तर्गत विस्थापित लोगों को सम्मानजनक तथा सुरक्षित जीवन देने का प्रयास किया जाता है ।

पुनर्वास के दो प्रभाव बताइए ।

( 1 ) सामुदायिक सम्पत्ति को क्षति , ( 2 ) तनावपूर्ण अनुभव ।

विश्व बैंक पुनर्वास नीति क्या है ? यह कब क्रियान्वित की गई थी ?

विश्व बैंक पुनर्वास नीति के अनुसार विस्थापन को कम करना , सरकार की जिम्मेदारी निश्चित करना तथा पुनर्वास का अधिकार तय करना इत्यादि प्रमुख हैं । यह नीति 2004 में क्रियान्वित की गई थी ।

पुनर्वास की राष्ट्रीय नीति किस वर्ष लागू की गई थी ?

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुनर्वास नीति सन् 2004 में लागू की गई थी ।

विस्थापन तथा पुनर्वास सम्बन्धी दो प्रमुख मुद्दे बताइए ।

( 1 ) भूमि अधिग्रहण के नियम तथा प्राकृतिक भिन्नता का होना । ( 2 ) उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण करना , अनुपजाऊ भूमि का नहीं करना ।

विस्थापन तथा पुनर्वास सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण हेतु दो सुझाव दीजिए ।

( 1 ) मुआवजे का आधार जीविका होनी चाहिए न कि भूमि अथवा सम्पत्ति । ( 2 ) पुनर्वास विस्थापितों के जीवन के तरीकों तथा जीविकोपार्जन के आधार पर किया जाना चाहिए ।

‘ विकास असमानता ’ की कोई एक परिभाषा दीजिए ।

आन्द्रे बिताई के अनुसार , “ बिना परम्पराओं और नियमों के समाज की कल्पना नहीं की जा सकती और ये ही सामाजिक असमानताओं को जन्म देती हैं । ”

सामाजिक असमानता के चार कारक बताइए ।

सामाजिक असमानता के चार कारक हैं— ( 1 ) श्रम - विभाजन , ( 2 ) व्यक्ति की सम्पत्ति रखने की इच्छा , ( 3 ) शिक्षा , और ( 4 ) युद्ध व हार - जीत ।

विकास के कारण असमानता के कोई दो स्वरूप बताइए ।

असमानता के दो स्वरूप हैं ( 1 ) ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा निर्धनता व बेकारी की दर अधिक है । ( 2 ) विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देश आधारभूत संरचनाओं में पिछड़ गये हैं ।

विकास की प्रक्रिया के अन्तर्गत असमानता में वृद्धि के चार कारक बताइए ।

( 1 ) प्राकृतिक अथवा भौगोलिक कारक , ( 2 ) आर्थिक पर्यावरण , ( 3 ) आय तथा पूँजी , एवं ( 4 ) सरकारी नीतियाँ ।

बढ़ती हुई विकास असमानता को रोकने के दो उपाय बताइए ।

( 1 ) स्थानीय बाधाओं को दूर किया जाए । ( 2 ) लोक सेवाओं तथा आधारभूत संरचना के वितरण में समानता की नीति अपनाई जाए ।

भारत में ऐसी दो प्रमुख नदी बाँध परियोजनाएँ बताइए जिनके कारण विस्थापन तथा पुनर्वास की समस्याएँ उत्पन्न हुईं ।

( 1 ) टिहरी बाँध परियोजना , एवं ( 2 ) सरदार सरोवर बांध परियोजना ।

राष्ट्रीय समाजशास्त्र की क्रियान्विति किन - किन देशों में की गई थी ?

विश्व के बड़े नगरों , यथा मुम्बई , शिकागो , बर्लिन , पेरिस इत्यादि में इस विज्ञान को विशद् समाज के विश्लेषण में क्रियान्वित किया गया था ।

प्रकार्यवादी समाजशास्त्र से सम्बन्धित किन्हीं दो समाजशास्त्रियों के नाम बताइए ।

प्रकार्यवादी समाजशास्त्र से सम्बन्धित दो प्रमुख समाजशास्त्री हैं— ( 1 ) आर.के. मर्टन , तथा ( 2 ) टालकट पारसन्स ।

समाजशास्त्र को मानवता का समाज विज्ञान क्यों कहा गया ?

समाजशास्त्र को मानवता का समाज विज्ञान इसलिए कहा गया क्योंकि इसका उद्देश्य था कि समाजशास्त्र को ऐसा बनाया जाए जिससे वह पूरे विश्व को एक कड़ी के रूप में बाँध सके ।

देशज समाजशास्त्र से क्या तात्पर्य है ?

देशज समाजशास्त्र का आशय है कि भारत का अपना पृथक् से समाजशास्त्र होना चाहिए , जो हमारे देश की समस्याओं व उनके निराकरण पर आधारित हो ।

ऐसे पाँच देशों के नाम बताइए जहाँ देशज समाजशास्त्र का विकास हुआ ।

( 1 ) आस्ट्रेलिया , ( 2 ) कनाडा , ( 3 ) जर्मनी , ( 4 ) फ्रांस , तथा ( 5 ) ब्रिटेन ।

वैश्वीकरण की अवधारणा से सम्बन्धित तीन विद्वानों के नाम बताइए । अथवा वैश्वीकरण की प्रक्रिया का जनक किसे माना जाता है ?

वैश्वीकरण की अवधारणा से सम्बन्धित प्रमुख विद्वान हैं— ( 1 ) फूको , ( 2 ) हेबरमास , तथा ( 3 ) एन्थोनी गिडिन्स ।

वैश्वीकरण के दो प्रमुख आधार स्तम्भ किसे माना जाता है ?

( 1 ) बहुराष्ट्रीय निगमों , तथा ( 2 ) अन्तराष्ट्रीय निगमों को प्रमुख रूप से वैश्वीकरण का आधार स्तम्भ माना जाता है ।

राजनीतिक वैश्वीकरण की विषयवस्तु से सम्बन्धित दो बिन्दुओं को बताइए ।

राजनीतिक वैश्वीकरण की विषयवस्तु से सम्बन्धित दो बिन्दु हैं— ( 1 ) मानव अधिकारों का अध्ययन । ( 2 ) राज्य - राष्ट्र की शक्ति तथा प्रभाव का अध्ययन ।

वैश्वीकरण के समाजशास्त्र में सामाजिक - सांस्कृतिक विषयवस्तु में किन विषयों का अध्ययन किया जाता है ? दो के नाम बताइए ।

वैश्वीकरण के सामाजिक - सांस्कृतिक विषय हैं ( 1 ) उपभोक्ता की प्रधानता का अध्ययन , एवं ( 2 ) सांस्कृतिक मिलन तथा साझा संस्कृति का अध्ययन ।

ऐसे दो विषय बताइए जिनका विश्लेषण वैश्वीकरण के समाजशास्त्र के अन्तर्गत किया जाता है ।

( 1 ) मानव अधिकर , तथा ( 2 ) वित्तीय बाजारों में वैश्वीकरण का विश्लेषण वैश्वीकरण के समाजशास्त्र के अन्तर्गत किया जाता है ।

वैश्वीकरण की प्रक्रिया के तीन लाभ ( उपलब्धियाँ ) बताइए ।

वैश्वीकरण की प्रक्रिया के तीन लाभ हैं— ( 1 ) लोकतंत्र का विकास होना । ( 2 ) आर्थिक उदारीकरण का शुभारम्भ होना । ( 3 ) पूँजीवादी विश्व व्यवस्था की स्थापना ।

डेरेनडार्फ ने वैश्वीकरण की संशयवादी प्रकृति के बारे में क्या विचार व्यक्त किया है ?

डेरेनडार्फ ने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा है कि वैश्वीकरण की संशयवादी प्रकृति के कारण प्रतिस्पर्धा एवं व्यक्तिवादिता के मूल्यों में वृद्धि के कारण यह सामाजिक एकता को खतरा है ।

संशयवादी एवं अतिविश्वकर्ता सम्प्रदाय के मध्य की विचारधारा कौनसी है ?

कार्यान्तरणवादी सम्प्रदाय मध्यममार्गी है । इस सम्प्रदाय के प्रमुख समर्थक कैलनर हैं ।

आर्थिक वैश्वीकरण का प्रमुख केन्द्र किसे और क्यों माना जाता है ?

आर्थिक वैश्वीकरण का मूल केन्द्र पूँजीवाद को माना जाता है क्योंकि यह पूँजीवाद पर आधारित तथा पूँजीवादी मूल्यों की स्थापना से सम्बन्धित प्रक्रिया है ।

‘ वैश्वीकरण ’ के समाजशास्त्र की प्रकृति अतिवादी है । इसके पक्ष में दो तर्क दीजिए ।

( 1 ) यह वैयक्तिकरण की ओर ले जाने वाली प्रक्रिया का अध्ययन करता है । ( 2 ) यह वर्तमान में परिवर्तित हो रहे वैश्विक समाज के वास्तविक अथवा यथार्थ स्वरूप का अध्ययन करता है ।

वैश्वीकरण के समाजशास्त्र की आर्थिक विषय - सामग्री के किन्हीं दो बिन्दुओं को बताइए ।

वैश्वीकरण के समाजशास्त्र की आर्थिक विषय - सामग्री के दो बिन्दु हैं ( 1 ) अन्तर्राष्ट्रीय श्रम - विभाजन , ( 2 ) विश्व बैंक तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ।

वैश्वीकरण के समाजशास्त्र की अतिवादी प्रकृति के बारे में विद्वानों ने क्या कहा है ?

विद्वानों ने वैश्वीकरण की अतिवादी प्रकृति के बारे में कहा है कि वैश्वीकरण यथार्थ एवं सर्वव्यापक है । यह तीव्र प्रतिस्पर्धा तथा त्वरित आर्थिक अन्योन्याश्रितता को जन्म देता है ।

वैश्वीकरण की अवधारणा का जनक किसे माना जाता है और क्यों ?

वैश्वीकरण की अवधारणा का जनक राबर्टसन को माना जाता है क्योंकि 1992 में उन्होंने ही वैश्वीकरण की अवधारणा को समाजशास्त्र में स्थापित किया था ।

वैश्वीकरण की किसी एक विद्वान की परिभाषा दीजिए ।

बेलस्टेन के अनुसार , “ वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसका कारण पूँजीवाद का -विस्तार और उसकी समृद्धि है । ”

वैश्वीकरण के दो लक्षण बताइए ।

( 1 ) यह वैयक्तिक स्वतंत्रता को साकार करने तथा लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया है । ( 2 ) यह आर्थिक सम्बन्धों की पूँजीवादी व्यवस्था का समर्थक है

वैश्वीकरण के बहुलवादी सम्प्रदाय के दो विचारक बताइए ।

वैश्वीकरण के बहुलवादी सम्प्रदाय के दो प्रमुख विचारक हैं— ( 1 ) मेलकॉम , तथा ( 2 ) राबर्टसन ।

“ विभिन्न लोगों और विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के बीच बढ़ती हुई अन्योन्याश्रितता या पारस्परिकता ही वैश्वीकरण है । यह पारस्परिकता सामाजिक और आर्थिक सम्बन्धों में होती है । इसमें समय और स्थान सिमट जाते हैं । ” वैश्वीकरण की यह परिभाषा किसकी है ?

वैश्वीकरण की यह परिभाषा एन्थोनी गिडिन्स की है ।

वैश्वीकरण की अवधारणा से सम्बन्धित तीन सिद्धान्तवेत्ताओं के नाम बताइए ।

वैश्वीकरण की अवधारणा से सम्बन्धित तीन सिद्धान्तवेत्ता हैं— ( 1 ) एन्थोनी गिडिन्स , ( 2 ) डी . हार्वे , और ( 3 ) हेबरमास ।

निम्न पुस्तकों के लेखक बताइए ( 1 ) ग्लोबलाइजेशन , तथा ( 2 ) दी पॉलिटिकल इकोनोमी ऑफ इन्टरनेशनल रिलेशन ।

( 1 ) मेलकाम वाटर्स , और ( 2 ) गिलपीन ।

मेलकाम वाटर्स की वैश्वीकरण की परिभाषा बताइए ।

मेलकाम वाटर्स के अनुसार , “ वैश्वीकरण एक सामाजिक क्रिया है , जिसमें सामाजिक तथा सांस्कृतिक व्यवस्था पर भौगोलिक दबाव पीछे हट जाते हैं । ”

‘ वैश्वीकरण राजनीतिक कारकों की उपज है , पैदाइश है । ’ यह कथन किस विद्वान का है ?

यह कथन गिलपीन का है ।

वैश्वीकरण के किन्हीं तीन तत्वों का उल्लेख कीजिए ।

( 1 ) तकनीकी , ( 2 ) पूँजीवाद , तथा ( 3 ) शक्ति की राजनीति ।

निम्न पुस्तकों के लेखक बताइए ( 1 ) दि ग्लोबल सिटी , ( 2 ) रिस्क सोसाइटी , और ( 3 ) टरब्यूलेन्स इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स ।

( 1 ) ससकिया ससेन , ( 2 ) उलरिच बैक , और ( 3 ) रोजेनाऊ ।

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट , 2000 में वैश्वीकरण की कौनसी दो विशेषताएँ बताई गई हैं ?

दो विशेषताएँ— ( 1 ) विदेशी विनिमय तथा पूँजी बाजार वैश्विक स्तर पर जुड़े हैं । ( 2 ) नये उपकरण आ गये हैं , जैसे — इन्टरनेट , सेल्यूलर फोन तथा मीडिया तंत्र ।

वैश्वीकरण की प्रक्रिया में कार्यों को सम्पादित करने वाले किन - किन कर्ताओं को सम्मिलित किया गया है ?

वैश्वीकरण की प्रक्रिया में कार्यों को करने वाले कर्ता हैं— ( 1 ) विश्व व्यापार संगठन ( W.T.O. ) , ( 2 ) गैर सरकारी संगठन NGO's तथा ( 3 ) रेडक्रास इत्यादि ।

स्टुअर्ट हाल ने वैश्वीकरण में पाये जाने वाले किन द्वैतों को पहचाना है ? किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए ।

( 1 ) एकीकरण बनाम विखण्डन । ( 2 ) केन्द्रीकरण बनाम विकेन्द्रीकरण ।

आर्थिक वैश्वीकरण के किन्हीं चार आयामों को बताइए ।

आर्थिक वैश्वीकरण के चार आयाम ( 1 ) प्रवासी श्रमिक , ( 2 ) वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था , ( 3 ) वित्तीय बाजारों का वैश्वीकरण , और ( 4 ) विश्व व्यापार ।

राजनीतिक वैश्वीकरण के चार आयाम बताइए ।

( 1 ) वैश्वीय शासन का उदय , ( 2 ) मानव अधिकार , ( 3 ) राज्य के परम्परागत अधिकार क्षेत्र का हाथ से निकलना , एवं ( 4 ) भूमण्डलीय पर्यावरण ।

सांस्कृतिक वैश्वीकरण के चार आयाम बताइए ।

सांस्कृतिक वैश्वीकरण के चार आयाम हैं— ( 1 ) धर्मनिरपेक्ष संस्कृति , ( 2 ) उपभोक्ता की प्रधानता , ( 3 ) वैश्वीकरण स्थानीय सम्बन्ध , तथा ( 4 ) साझा संस्कृति का विकास ।

सर्वदेशीय संस्कृति क्या है ?

यूरोप तथा अमेरिका में आधुनिक लोकतंत्र ने जिस नई संस्कृति को विकसित किया है , उसे सर्वदेशीय संस्कृति कहा जाता है ।

एन्थोनी गिडिन्स ने पूँजीवाद तथा आधुनिकता के मध्य क्या सम्बन्ध बताया है ?

एन्थोनी गिडिन्स का मानना है कि वैश्वीकरण वास्तव में आधुनिकता की ही उपज है । उन्होंने आधुनिकता की परिधि में पूँजीवाद , प्रजातंत्र , राज्यशक्ति तथा सैनिक शक्ति को भी शामिल किया है ।

राजनीतिक वैश्वीकरण किसे कहते हैं ?

वैश्वीकरण की प्रक्रिया में वर्तमान में राष्ट्र राजनीतिक व आर्थिक दृष्टि से परस्पर जुड़ गये हैं । आज राष्ट्र के निर्णय तथा उसके क्रियाकलाप वैश्वीकरण से प्रभावित होते हैं । यही राजनीतिक वैश्वीकरण है ।

भारत के सन्दर्भ में सांस्कृतिक वैश्वीकरण के दो प्रभाव बताइए ।

( 1 ) आज भारतीय समाज उपयोग समाज के रूप में बदल रहा है । ( 2 ) वैश्वीकरण तथा सूचना प्रौद्योगिकी के कारण स्थानान्तरण , पर्यटन तथा यात्राओं में वृद्धि हुई है ।

वैश्वीकरण के दो दुष्प्रभाव बताइए ।

वैश्वीकरण के दो दुष्प्रभाव हैं— ( 1 ) यह पूँजीवाद का मेनीफेस्टो है । ( 2 ) धनी देश ज्ञान पर अपना नियंत्रण रखने लगे हैं ।

विश्व गाँव ( ग्लोबल विलेज ) की अवधारणा के जनक कौन हैं ?

विश्व गाँव की अवधारणा का जनक मार्शल मैक्लूहाम को माना जाता है ।

विश्व नगर क्या है ? प्रमुख विश्व नगरों नाम बताइए ।

वे सभी नगर जो वित्तीय संगठनों , बहुराष्ट्रीय निगमों तथा वित्तीय संस्थाओं के परामर्शदाताओं के मुख्यालय हैं , विश्व नगर कहलाते हैं । जैसे लन्दन , टोकियो , पेरिस , मुम्बई इत्यादि ।

विश्वस्थानीकरण से क्या तात्पर्य है ?

विश्वस्थानीकरण का आशय सार्वभौमवाद तथा विशिष्टतावाद दोनों ही प्रवृत्तियों के एक ही समय में साथ - साथ विद्यमान होने से है ।

वह कौनसा विद्वान था जिसने विश्वस्थानीकरण शब्द को प्रचलित किया था ? अथवा विश्वस्थानीकरण की अवधारणा किसने दी ?

रोनाल्ड - रोबर्टसन को विश्वस्थानीकरण शब्द को प्रचलित करने का श्रेय दिया जाता है ।

“ वैश्वीकरण का संत्रास ” किसने , किसे और क्यों कहा है ?

नैल के अनुसार वैश्वीकरण ने हमें एक ऐसी अन्धेरी गली में छोड़ दिया है , जहाँ हमारी साँस अवरुद्ध हो गई है तथा हम दम तोड़ने की स्थिति में हैं । इसी को नैल ने “ वैश्वीकरण का संत्रास ” कहा है ।

वैश्वीकरण / भूमण्डलीकरण के कोई दो कारण बताइए ।

( 1 ) राजनीतिक उथल - पुथल , ( 2 ) देशान्तर पार निगमों की बढ़ती भूमिका ।

विश्ववाद से क्या तात्पर्य है ? अथवा वैश्वीय समाज से आप क्या समझते हैं ?

विश्ववाद बहु - महाद्वीपीय दूरियों के विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ तंत्र है जो सामाजिक , आर्थिक , सांस्कृतिक तथा सूचनाओं के द्वारा लोगों को एकताबद्ध करता है ।

वैश्वीय संस्कृति में किसे शामिल किया जाता है ?

वैश्वीय संस्कृति में प्रायः पश्चिमी और अमेरिकी संस्कृति को सम्मिलित किया जाता है ।

वैश्वीकरण में पहचान की समस्या कब उत्पन्न होती है ?

वैश्वीकरण की प्रक्रिया जब आधुनिकीकरण के साथ स्थानीय संस्कृति के साथ अन्त : क्रिया करती है , तब स्थानीय लोगों के सामने पहचान की समस्या उत्पन्न हो जाती है ।

स्थानीय स्तर पर वैश्वीकरण से किस प्रकार पुनर्जागरण हुआ है ?

वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप आज लोग स्थानीय स्तर की समस्याओं को वैश्वीय स्तर पर देखने लगे हैं तथा स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अपनी योजनाएँ बनाने लगे हैं ।

वैश्वीकरण को लेकर स्थानीय पृथकता का मुद्दा क्या है ?

वैश्वीकरण को लेकर आज स्थानीय समाज के लोगों में यह भ्रम पैदा हो गया है कि वे अपनी पहचान खो देंगे ।

वैश्वीकरण के वे कौनसे तत्व हैं , जिन्होंने स्थानीय संस्कृति के समक्ष पहचान की समस्या उत्पन्न कर दी है ?

( 1 ) बाजार अर्थव्यवस्था , और ( 2 ) मीडिया शक्ति तथा सूचना तकनीकी तंत्र ने आज स्थानीय संस्कृति के समक्ष पहचान की समस्या उत्पन्न कर दी है ।

वैश्वीकरण की प्रक्रिया लोगों को किससे पृथक् कर देती है और कैसे ?

वैश्वीकरण की प्रक्रिया आधुनिकता के साथ मिलकर स्थानीय लोगों को समय और स्थान से पृथक् कर देती है ।

‘ विश्व स्थानीकरण ’ की प्रक्रिया का जन्म कैसे हुआ ?

वैश्वीकरण और स्थानीयता की पारस्परिक अन्तःक्रिया के परिणामस्वरूप ‘ विश्व स्थानीकरण ’ की प्रक्रिया का जन्म हुआ ।

वैश्वीकरण एवं विश्वस्थानीकरण में अन्तर बताइए ।

वैश्वीकरण में लोगों व दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों के बीच परस्पर अन्योन्याश्रितता व पारस्परिकता बढ़ती है , जबकि विश्वस्थानीकरण में स्थानीय संस्कृति के महत्व को समझते हुए उत्पादों को उसके अनुरूप बनाया जाता है ।

वैश्वीकरण के किन्हीं तीन आर्थिक लाभों को बताइए ।

वैश्वीकरण के तीन आर्थिक लाभ हैं— ( 1 ) विदेशी पूँजी निवेश बढ़ना , ( 2 ) रोजगार के अवसरों में वृद्धि एवं ( 3 ) सरकार को करों से प्राप्त होने वाली आय ।

विकास की प्रक्रिया में वैश्वीकरण की भूमिका बताइए ।

वैश्वीकरण की प्रक्रिया के अन्तर्गत पूँजी , श्रम , तकनीक , ज्ञान , कौशल तथा उद्यमिता के आधार पर विकास का परिप्रेक्ष्य वैश्विक बन गया है और विश्व के विभिन्न देश परस्पर एक - दूसरे के साथ जुड़ गये हैं ।

वैश्वीकरण के कोई दो तत्व बताइए ।

वैश्वीकरण के दो महत्त्वपूर्ण तत्व हैं— ( 1 ) नये बाजार , एवं ( ख ) निगम ( बहुराष्ट्रीय निगम या बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ ) ।

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❊Information
File Name - उप - समाजशास्त्रों का परिचय_ B.A. Final Year
Language - Hindi
Size - 492 KB
Number of Pages -20
Writer - #NA
Published By - Knowledge Hub
ISBN - #NA
Copyright Date: 23-07-2021
Copyrighted By: Knowledge Hub
Source - Raja One Week Series PDF
Categories: Educational Materials
Suggested For: B.A. Exams, Graduation Exams , Competition Exams
Description - उप - समाजशास्त्रों का परिचय Important PDF For B.A. Final Year Exam
Tags:BA Final Year, BA IIIrd Year , PDF

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