रासायनिक समीकरण ( Chemical Equation )

Chemical Equation

किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थों को अणुसूत्रों एवं प्रतीकों से प्रदर्शित किया जाता है तो उसे रासायनिक समीकरण कहते है । जैसे कार्बन को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करने पर कार्बन डाई ऑक्साइड बनती है ।

कार्बन + ऑक्सीजन → कार्बन डाई ऑक्साइड

C + O2 → CO2

इस प्रकार से रासायनिक अभिक्रिया को रासायनिक समीकरण द्वारा संक्षिप्त रूप में लिखा जाता है ।

रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को तीर के निशान से पहले बाँयी तरफ लिखा जाता है , इन्हें क्रियाकारक या अभिकारक ( Reactant ) कहते हैं ।

तीर के निशान के दॉयी तरफ उत्पाद ( Product ) अर्थात् अभिक्रिया के दौरान बनने वाले पदार्थों को लिखा जाता है ।

तीर का निशान अभिक्रिया की दिशा बताता है ।

रासायनिक समीकरण को लिखने के चरण

1 . रासायनिक अभिक्रिया को लिखने के लिए समीकरण में सबसे पहले क्रियाकारक को लिखकर तीर का निशान लगाया जाता है , तत्पश्चात् उत्पाद लिखा जाता है ।

2 . क्रियाकारक और उत्पाद संख्या में एक से अधिक होने पर उनके बीच धन का चिह्न ( + ) लगाया जाता है । जैसे -

C + O2 → CO2

3 . रासायनिक अभिक्रिया में न तो द्रव्यमान का निर्माण होता है और न ही क्षय । अतः तीर के चिन्ह के दोनों ओर अभिकारकों और उत्पादों के परमाणुओं की संख्या समान होगी ।

रासायनिक संयोजन के मूलभूत नियम द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार रासायनिक अभिक्रिया में जितना द्रव्यमान अभिकारकों का होता है उतना ही द्रव्यमान उत्पाद का निर्मित होता है अर्थात् सम्पूर्ण अभिक्रिया में द्रव्यमान संरक्षित रहता है । इसको इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि क्रियाकारक और उत्पाद में उपस्थित प्रत्येक तत्व की कुल परमाणु संख्या समान होती हैं । अतः लिखे हुए समीकरण को संतुलित करना आवश्यक होता है ।

4 . दोनों ओर के अणुओं की संख्या को बढ़ा घटा कर समीकरण को संतुलित किया जाता है । रासायनिक समीकरण को अनुमान विधि ( Hit And Trial Method ) द्वारा संतुलित किया जाता है ।

5 . रासायनिक समीकरण को संतुलित करने के लिए सर्वप्रथम अणुओं में से ऑक्सीजन ( O ) व हाइड्रोजन ( H ) को छोड़कर दूसरे परमाणुओं को संतुलित करते हैं । जैसे -

C3H8 + O2 CO2 + H2O
प्रोपेन ऑक्सीजन कार्बनडाई
ऑक्साइड
जल


C3H8 + O2 3CO2 + H2O

C की संख्या को संतुलित किया गया अब H की संख्या को संतुलित करते है ।

C3H8 + O2 3CO2 + 4H2O

अब ऑक्सीजन की संख्या को दोनों ओर समान किया जाता है |

C3H8 + 5O2 3CO2 + 4H2O

6 . समीकरण को संतुलित करने के पश्चात् अभिकारकों व उत्पादों की भौतिक अवस्था को बताने हेतु उनके साथ ही कोष्ठक में ठोस के लिए ( s ) , द्रव के लिए ( l ) , तथा गैस के लिए ( g ) लिख देते है ।?

C(s) + O2(g) → CO2(g)

7 . अभिकारक व उत्पाद जब जलीय विलयन के रूप में होते हैं तो उसे ( aq ) लिखते है ।

CaO(s) + H2O(l) → Ca (OH)2(aq)

8 . अभिक्रिया उत्क्रमणीय होने अर्थात् दोनों दिशाओं में होने पर तीर का निशान , ⇌ इस प्रकार का प्रयुक्त करते है ।

9 . अभिक्रिया सम्पन्न होने के लिये आवश्यक ताप व दाब को तीर के निशान के ऊपर लिखते है ।


N2 + 3H2     ⇌    773K200 atm 2NH3

10 . ऊष्माक्षेपी व ऊष्माशोषी अभिक्रिया के लिए उत्पाद के साथ क्रमशः धन चिह्न ( + ) व ऋण चिह्न ( - ) लगाकर ऊष्मा की मात्रा को लिखा जाता है । ऊष्मा को चिहन Δ से भी लिखा जाता है ।

N2 + 3H2 2NH3 + 10.5 kcal/mole
N2 + 2O2 2NO2 - 21.6 kcal/mole

11 . अभिक्रिया में प्रयुक्त उत्प्रेरक को तीर के निशान के ऊपर लिखा जाता है ।

CH2     Ni       CH3
||+H2(g)           |
CH2(g)      CH3
एथीनएथेन

रासायनिक समीकरण की विशेषताएँ

1 . क्रियाकारक और उत्पाद के बारे सम्पूर्ण जानकारी यथा अणुओं की संख्या , द्रव्यमान आदि मिलती है ।

2 . पदार्थों की भौतिक अवस्था की जानकारी प्राप्त होती है ।

3 . रासायनिक अभिक्रिया के लिये आवश्यक परिस्थितियों यथा ताप , दाब , उत्प्रेरक आदि के बारे में पता चलता है ।

4 . समीकरण से अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है या ऊष्माशोषी स्पष्ट हो जाता है ।

5 . समीकरण अभिक्रिया की उत्क्रमणीयता की भी जानकारी देता है ।

6 .रासायनिक समीकरण के द्वारा अभिक्रिया की एक संक्षिप्त जानकारी मिल जाती है ।

रासायनिक समीकरण की सीमाएँ

1 . यह अभिक्रिया की पूर्णता की जानकारी नहीं देता है ।

2 . इससे क्रियाकारक व उत्पाद की सान्द्रता के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं होता है ।

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