1.भोजन के तुरंत बाद नींद या झपकी क्यों आती है ? इसका वैज्ञानिक कारण क्या होता है ?
➥ कार्बोहाइड्रेट , चिकनाई या शक्कर के सेवन के बाद जैसे ही ये पदार्थ हमारे पेट के भीतर छोटी आंत तक पहुंचते हैं , दिमाग पूरे शरीर को संदेश भेजता है कि आराम करो । इसे पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम कहते हैं । इसका मतलब है कि अब भोजन पचाने का समय है , शरीर के दूसरे कामों को रोको । शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के हाइपोथैल्मस क्षेत्र में ऑरेक्सिन न्यूरॉन्स का पता लगाया है , जो ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ते ही सक्रिय हो जाते हैं । ये न्यूरॉन प्रोटीन ओरेक्सिन तैयार करते हैं , जो दिमाग की जागृत अवस्था को कम करता है ताकि शरीर आराम करे । हमारा दिमाग और आंतें दो ऐसे अंग हैं , जिन्हें काम करने के लिए ऊर्जा की बड़ी मात्रा चाहिए । जब हम अधिक कैलोरी वाला भोजन करते हैं तो मस्तिष्क ऊर्जा को पाचन की ओर स्थानांतरित करता है । इसके लिए वह लाल रक्त कोशिकाओं को भोजन तोड़ने और शरीर में पोषक तत्वों को ले जाने के लिए भेजता है । जिस कारण शरीर सुस्त पड़ जाता है और नींद आती है । इसका मतलब यह भी है कि यदि आप जल्द पचने वाला भोजन करें तो सुस्ती कम होती है । होमियोस्टेटिक नींद ड्राइव और बॉडी साइकिल भी नींद का कारण हैं । दरअसल स्लीप ड्राइव मस्तिष्क के भीतर एक रसायन एडेनोसाइन के क्रमिक निर्माण के कारण होती है । जितनी देर इंसान जागा रहता है , एडेनोसाइन उसके भीतर सोने की इच्छा प्रेरित करता है । एडेनोसाइन रात को सोने से पहले और दोपहर को ज्यादा होता है । दोनों समय हमारे भोजन के भी हैं ।
2.अक्सर मानसून केरल से ही क्यों शुरू होता है ?
➥ मानसून तो केरल के पहले भी होता है , परंतु चूंकि दक्षिण से उत्तर की ओर उठते बादलों से भारत की पहली मुलाकात केरल राज्य में होती है । इसलिए यह माना जाता है कि मानसून की शुरुआत केरल से होती है । यूं तो भारत का सबसे दक्षिण किनारा ग्रेट निकोबार द्वीप का इंदिरा प्वाइंट है , जिसे पहले पिग्मेलियन प्वाइंट कहते थे । अक्सर यहां मानसून की बारिश केरल से पहले हो जाती है । पर मोटे तौर देश की मुख्य जमीन पर मानसून केरल के मार्फत ही प्रवेश करता है ।
3.देश की सबसे पहली प्रकाशित मासिक पत्रिका कौनसी है ?
➥ देश का पहला मासिक पत्र ओरियंटल मैगजीन ऑर कैलकट्टा अम्यूजमेंट था , जिसका प्रकाशन कोलकाता से 6 अप्रैल 1785 को शरू हुआ था । अंग्रेजी की इस पत्रिका का प्रकाशन मैसर्स गार्डन एंड हे ने किया था । सन् 1799 - 1805 के बीच लॉर्ड वेलेजली द्वारा प्रेस नियम लागू किए गए थे , हालांकि उसके पहले ही इसका प्रकाशन बंद हो चुका था ।
4.एक जनवरी को नववर्ष दिवस मनाना किसने और कब शुरू किया गया था ?
➥ नया साल ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार एक जनवरी को होता है । अलग - अलग संस्कृतियों के अपने कैलेंडर और नववर्ष होते हैं । दुनिया के देश अलग - अलग समय पर नया साल मनाते हैं । विभिन्न संप्रदायों के अपने अलग - अलग नववर्ष समारोह होते हैं और इनका महत्व अलग - अलग संस्कृतियों में अलग - अलग होता है । माना जाता है कि नए साल का उत्सव 4000 साल से भी पहले बेबीलोन में मनाया जाता था । तब यह पर्व 21 मार्च को मनाया जाता था , जो कि वसंत ऋतु के आगमन की तिथि भी मानी जाती थी । प्राचीन रोम में भी नव वर्षोंत्सव तभी मनाया जाता था । रोम के बादशाह जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जब जूलियन कैलेंडर की स्थापना की , तब दुनिया में पहली बार एक जनवरी को नव वर्षोत्सव मनाया गया । ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को उससे पिछला साल यानी ईसा पूर्व ईस्वी 46 को 445 दिन का करना पड़ा था । हिब्रू मान्यताओं के अनुसार , ईश्वर ने दुनिया को सात दिन में बनाया । इन सात दिनों के बाद नया साल मनाया जाता है । ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से यह दिन पांच सितंबर से पांच अक्टूबर के बीच आता है । हिंदुओं का नया साल चैत्र नवरात्रि के पहले दिन आता है । इसे देश में अलग - अलग नामों से मनाया जाता है । चीनी कैलेंडर के अनुसार , पहले महीने का पहला चंद्र दिवस नववर्ष के रूप में मनाया जाता है । यह 21 जनवरी से 21 फरवरी के बीच पड़ता है । मारवाड़ी कारोबारी नया साल दीपावली के दिन मनाते हैं और गुजराती दीपावली के अगले दिन ।
5.सबसे बड़े डायनासोर का आकार कितना था ?
➥ डायनासोरों का अध्ययन करने वाले पैलेंटोलॉजिस्ट अभी तक जिस सबसे बड़े डायनासोर का पता लगा पाए हैं , वह 40 मीटर लंबा , 20 मीटर ऊंचा और लगभग 77 टन वजन का रहा होगा । इसकी खोज सन 2014 में अर्जेंटीना के पेंटागोनिया के ला फ्लेचा इलाके में की गई है । इस इलाके के रेगिस्तान में स्थानीय लोगों को एक विशाल हड्डी के जीवाश्म मिले । इसके बाद वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस इलाके की खुदाई करके सात जानवरों की पंद्रह हड्डियां निकालीं । इस आधार पर इस डायनासोर के आकार का अनुमान लगाया जा सकता है । मोटे तौर पर यह 14 अफ्रीकी हाथियों के बराबर वजनी और चार जिराफों के बराबर ऊंचा रहा होगा । इसके जीवाश्म जिस पत्थर पर बने हैं , उनकी उम्र को देखते हुए यह जीव साढ़े नौ से दस करोड़ साल पहले धरती पर विचरण करता रहा होगा ।
6.विश्व का पहला शब्दकोश किस भाषा में , कब और कहां तैयार किया गया ?
➥ विश्व की सबसे पुरानी द्विभाषी शब्द सूचियों के उदाहरण प्राचीन मेसोपोटामिया के अक्कादी साम्राज्य में मिलते हैं । आधुनिक सीरिया के एब्ला क्षेत्र में मिट्टी की पट्टिकाएं मिली हैं , जिनमें सुमेरी और अक्कादी भाषाओं में शब्द लिखे हैं । ये पट्टियां 2300 वर्ष ईसापूर्व की बताई जाती हैं । वैसे शब्दकोश के शुरुआती अस्तित्व से अनेक देशों और जातियों के नाम जुड़े हैं । शब्दकोश का अर्थ शब्द संग्रह , द्विभाषी कोश और पर्यायवाची कोश है । इन सबके विकास का अपना एक अलग इतिहास है । भारत में सबसे पुराना शब्द संग्रह प्रजापति कश्यप का ‘ निघंटु ’ है । उसका रचनाकाल 700 या 800 वर्ष ईसापूर्व का है । इसके पूर्व भी निघंटु की परंपरा थी । निघंटु पर महर्षि यास्क की व्याख्या निरुक्त दुनिया के प्राचीनतम शब्दार्थ कोशों ( डिक्शनरी ) एवं ( विश्वकोशों ) में शामिल है । इस श्रृंखला की सबसे सशक्त कड़ी है छठी या सातवीं सदी में लिखा गया अमर सिंह कृत नामलिंगानुशासन या त्रिकांड , जिसे हम अमरकोश के नाम से जानते हैं । चीन में भी ईस्वी सन के हजार साल के पहले से ही कोश बनने लगे थे । उस श्रुति परंपरा का प्रमाण बहुत बाद में उस चीनी कोश में मिलता है , जिसकी रचना ' शुओ वेन ' ने पहली - दूसरी सदी ईस्वी के आसपास की थी । कहा जाता है कि हेलेनिस्टिक युग के यूनानियों ने यूरोप में सर्वप्रथम कोश रचना आरंभ की । यूनानियों का महत्व कम होने और रोमन साम्राज्य के वैभवकाल में तथा मध्यकाल में भी बहुत से कोश बने ।
7.एंबुलेंस की आवाज का आविष्कार किसने किया ? इसका रंग लाल और नीला क्यों होता है ?
➥ आमतौर पर आप एंबुलेंस की जो आवाज सुनते हैं , वह इलेक्ट्रॉनिक सायरन होता है । एंबुलेंस में इलेक्ट्रॉनिक सायरन के अलावा फ्लैशिंग लाइट , रेडियो फोन , स्पीकर और अन्य उपकरण भी होते हैं ताकि लोग सड़क पर उसके लिए रास्ता छोड़ दें । शुरू में सायरन हवा के दबाव से चलते थे । एक दौर में सिर्फ घंटियां बजाकर भी काम किया जाता था । आज सबसे अधिक प्रसिद्ध ह्वेलेन इलेक्ट्रॉनिक सायरन है । एंबुलेंस अलग दिखाई दे , इसलिए इसे चमकदार रंगो से सजाया जाता है । जरूरी नहीं कि वह रंग नीला या लाल ही हो । पीले , हरे , नारंगी और दूसरे रंगों की एंबुलेंसेज भी दुनियाभर में पाई जाती हैं । उद्देश्य यह होता है कि लोग उन्हें जल्दी पहचानें और उनके लिए रास्ता छोड़ दें । एंबुलेंसेज केवल मोटरगाड़ियों में ही नहीं होतीं । एंबुलेंसेज हवाईजहाजों , हेलीकॉप्टरों से लेकर नावों , घोड़ा गाड़ियों , मोटरसाइकिलों और साइकिलों पर भी होती हैं । एंबुलेंस में सामने की ओर आपने अक्सर अंग्रेजी के उल्टे अक्षरों में एंबुलेंस लिखा देखा होगा । इसका उद्देश्य यह है कि आगे चल रही गाड़ियों के ड्राइवरों को पीछे आती गाड़ी के अक्षर साफ दिखाई पड़ सकें । चूंकि वह दर्पण में उल्टे अक्षर पढ़ पाता है , इसलिए अक्षर उल्टे लिखे जाते हैं ।
8.दिल्ली में सबसे ज्यादा गहराई वाला मेट्रो स्टेशन कौनसा है ?
➥ दिल्ली में सबसे ज्यादा गहराई वाला मेट्रो स्टेशन चावड़ी बाजार स्टेशन है । यह 30 मीटर यानी लगभग 98 फुट की गहराई पर है । इसके आसपास लालकिला और जामा मस्जिद जैसी ऐतिहासिक इमारतें हैं । इन ऐतिहासिक धरोहरों को मेट्रो के चलने से नुकसान न पहुंचे , इसलिए यहां मेट्रो स्टेशन की गहराई इतनी अधिक रखी गई है ।
9. ' ओके ' शब्द का प्रारंभ कब , किसने और कहां किया ?
➥ ओके बोलचाल की हिंदी का एक शब्द है , जिसका अर्थ है स्वीकृति , पर्याप्त , ठीक , सही , उचित वगैरह । इसे संज्ञा और क्रिया दोनों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है । इंजीनियर ने कार को ओके कर दिया । सेल्स मैनेजर ने इस कीमत को ओके किया है । अमरीकन स्लैंग में ऑल करेक्ट मतलब ओके । इस शब्द की शुरुआत को लेकर कई कहानियां हैं । एक कहानी यह है कि 19वीं सदी में अमरीका के राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार के गांव का नाम था ओल्ड किंडरक । उनके समर्थकों ने उन्हीं के नाम के प्रारंभिक शब्दों को लेकर एक ओके ग्रुप बनाया और इसी शब्द का प्रचार किया । इसी तरह अमरीकन रेलवे की शुरुआत के समय में एक पोस्टल क्लर्क की कहानी चर्चित है ।इसका नाम ओबेडिया कैली था । कैली साहब हर पार्सल पर निशानी के लिए अपने नाम के शुरुआती अक्षर यानी ओके लिख देते थे । इससे यह शब्द प्रसिद्ध हो गया । ऐसा भी कहा जाता है कि ओके शब्द किसी रेड इंडियन भाषा से आया है । अमरीका में रेड इंडियन भाषा के बहुत से शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । अमरीका में आधे से ज्यादा नाम रेड इंडियन हैं । मसलन ओकलाहामा , | डकोटा , उडाहो , विस्किनसन आदि । कहा जाता है कि एक रेड इंडियन कबीले का सरदार एक दिन अपने साथियों से बात कर रहा था । हर बात पर वह ओके , ओके कहता जाता था , जिसका अर्थ था हां , ठीक है । किसी अमरीकी पर्यटक ने इसे सुना और फिर इसे अपने साथियों में प्रचलित किया ।यह जरूर लगता है कि यह शब्द अमरीका से आया है , इंग्लैंड से नहीं ।
10.ऑटोग्राफ शब्द का चलन कब और कैसे हुआ ?
➥ अंग्रेजी में ऑटो शब्द ग्रीक ऑटोस से आया है , जिसका अर्थ है आत्म या स्वयं । इसमें दूसरे ग्रीक शब्द ग्राफोस को जोड़कर ऑटोग्राफ बना । ग्राफोस का अर्थ है लिखना । यानी स्वयं को लिखना या स्वयं लिखना । जीवन में हस्ताक्षरों या दस्तखतों का अर्थ जैसे - जैसे स्पष्ट होता गया , वैसे - वैसे ऑटोग्राफ ने उसका स्थान ले लिया । चूंकि सिग्नेचर शब्द भी इसके समानांतर विकसित हो गया , इसलिए ऑटोग्राफ ने और परिचय और स्मृति के लिए किए गए दस्तखत का स्थान ले लिया । ऑटोग्राफ एकत्र करना एक हॉबी बन गई है , जिसे फिलोग्राफी कहते हैं ।