1.राष्ट्रपति भवन पर पहली बार तिरंगा कब फहराया गया ?
➥ भारतीय संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया । 14 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि के आस - पास यह संसद भवन के सेंट्रल हॉल में फहराया गया । इसी कार्यक्रम में श्रीमती हंसा मेहता ने यह राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्रपति डॉ . राजेंद्र प्रसाद को भेंट किया । 15 अगस्त 1947 की भोर इसे तत्कालीन वायसरीगल हाउस या वर्तमान राष्ट्रपति भवन पर फहराया गया । इसी सुबह संसद भवन के शिखर पर भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराया गया था ।
2.बैंकों और डाकघरों के खातों में जमा पैसे की किताब को ‘ पास बुक ’ क्यों कहा जाता है ?
➥ हालांकि पासबुक शब्द का इस्तेमाल ज्यादातर बैंकों की पुस्तक के रूप में होता है , पर दूसरे किस्म के हिसाब - किताब में भी पासबुक शब्द का इस्तेमाल होता है । जैसे पेंशन की पासबुक और दूध का हिसाब रखने की पासबुक । इसमें अंग्रेजी शब्द पास ( क्रिया ) और बुक ( संज्ञा ) का इस्तेमाल किया गया है । यानी बैंक और ग्राहक के बीच से गुजरने वाली किताब । जैसे - जैसे नेटबैंकिंग का चलन बढ़ा है , वैसे - वैसे बैंक स्टेटमेंट इसकी जगह लेता जा रहा है और पासबुक का इस्तेमाल कम होता जा रहा है ।
3.सब्सिडी क्या है ? यदि यह रियायत है तो फिर सरकार टैक्स क्यों लेती है ?
➥ इसका व्यवहारिक अर्थ है - सहायता करना । यदि गरीब लोग अनाज खरीदने में असमर्थ हैं तो उन्हें सस्ता अनाज , सस्ती चीनी और सस्ता ईंधन देना , सप्लीमेंट करना , जोड़ना वगैरह । सोलहवीं शताब्दी में सब्सिडी का अर्थ था कराधान । सामर्थ्य देखकर टैक्स लगाने की अवधारणा । लेकिन बीसवीं शताब्दी में इस शब्द का अर्थ है उद्योग - व्यापार और कारोबार को दी गई सहायता , ताकि माल तैयार करने और बेचने में सुविधा हो । मुक्त बाजार की अवधारणा है कि कारोबार पर कम से कम बंदिशें हों पर सब्सिडी की अवधारणा राष्ट्रीय हित में कारोबार को सरकारी मदद देने की बात करती है । जैसे अमेरिकी सरकार किसानों को सब्सिडी देती है या चीन के उत्पादकों को सरकारी मदद मिलती है , जिससे वे दुनिया के बाजारों में अपनी जगह बना सकें । भारत में सरकार किसानों को खाद में सब्सिडी देती रही । वह किसानों से बाजार कीमत से ज्यादा पर अनाज खरीदती है , ताकि उनके आर्थिक हित सुरक्षित रहें । सरकारों की जिम्मेदारी दो तरफा होती है । वे टैक्स वसूल भी करती हैं । फिर वह पैसे वहां देती है , जहां उसकी जरूरत होती है । इसका उद्देश्य सामाजिक वरीयताओं को पूरा करना होता है ।
4.चीजों के दाम 599 , 699 , 799 रखने के पीछे क्या अवधारणा है ?
➥ यह बाटा प्राइस है । इसकी शुरुआत बाटा कंपनी ने की थी । इसका उद्देश्य यह था कि चीज की कीमत राउंड फिगर से थोड़ी कम रखी जाए ताकि वह कम लगे । 15 रूपए की कीमत वाले जूते की कीमत 14 रूपए 15 आने और नए पैसे की शुरुआत होने पर 14 रूपए 95 पैसे लिखने पर यह ज्यादा आकर्षक लगती थी । अब 500 रुपए की चीज 499 लिखने पर कम लगती है ।
5.बुढ़ापे में याददाश्त कमजोर क्यों हो जाती है ?
➥ समय बीतने के साथ स्नायु कोशिकाएं थकान का शिकार होती जाती हैं और मेटाबॉलिज्म के फलस्वरूप उनमें टॉक्सिन एकत्र होता जाता है । इससे उनकी क्रियाशीलता कम हो जाती है । याद रखना , चूंकि स्नायु एक क्रिया है इसलिए बुढ़ापे में यह क्रिया कमजोर हो जाती है ।
6.सेल्फी शब्द का इस्तेमाल किस तरह चर्चा में आया ?
➥ सेल्फी शब्द सेल्फ यानी आत्म या स्वयं से बना है । मोटे तौर पर इसका मतलब इन दिनों है अपने हाथों से खींची गई अपनी तस्वीर । हजारों साल से हाथ की लिखावट किसी की याद रखने के लिए एक महत्वपूर्ण स्मृति चिन्ह थी यानी किसी के ऑटोग्राफ उसके स्मृति चिन्ह होते थे । अब उनकी जगह सेल्फी ने ले ली है । सेल्फ पोट्रेट शब्द उन्नीसवीं सदी से प्रचलन में है लेकिन सेल्फी शब्द में नयापन है । फेसबुक और ट्विटर ने इसे नया आयाम दिया है । वर्ष 2012 के अंत में साल के ‘ टॉप 10 बजवर्ड्स ’ में टाइम मैगजीन ने सेल्फी को भी रखा था । इसके अगले साल नवंबर 2013 में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने इसे वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया । 28 मई 2014 में प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी शेन वॉर्न ने ‘ ऑटोग्राफ ' की मौत की घोषणा की तब लगा कि अब समय बदल गया है । शेन वॉर्न ने ट्वीट किया कि अब मेरे फैन मेरे साथ सेल्फी खिंचवाते हैं । गांव गांव में अब सेल्फी खींची जा रही है ।
7. पोलर लाइट्स क्या हैं और इनका रहस्य क्या है ?
➥ ध्रुवीय ज्योति ( Aurora ) या मेरूज्योति ॐ वह चमक है , जो ध्रुवीय क्षेत्रों के वायुमंडल के ऊपरी भाग में दिखाई देती है । उत्तरी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को सुमेरू ज्योति ( Aurora borealis ) या उत्तरी ध्रुवीय ज्योति कहते हैं और दक्षिणी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को कुमेरू ज्योति ( Aurora australis ) या दक्षिणी ध्रुवीय ज्योति कहते हैं । यह रोशनी वायुमंडल के ऊपरी हिस्से यानी थर्मोस्फीयर में ऊर्जा से कणों के टकराने के कारण पैदा होती है । ये कण मैग्नेटोस्फीयर , सौर पवन से तैयार होते हैं । धरती का चुंबकीय घेरा इन्हें वायुमंडल में भेजता है । ज्यादातर ज्योति धरती के चुंबकीय ध्रुव के 10 से 20 डिग्री के बैंड पर होती हैं । इसे ओरल जोन कहा जाता है । इन ज्योतियों का भी वर्गीकरण कई तरह से किया जाता है ।
8. व्हाइट कॉलर जॉब क्या है ?
➥ व्हाइट कॉलर शब्द एक अमरीकी लेखक अपटॉन सिंक्लेयर ने 1930 के दशक में गढ़ा । औद्योगिकीकरण के साथ शारीरिक श्रम करने वाले फैक्ट्री मजदूरों की यूनिफॉर्म डेनिम के मोटे कपड़े की ड्रेस हो गई । शारीरिक श्रम न करने वाले कर्मचारी सफेद कमीज पहनते थे । इसी तरह से तब खदानों में काम करने वाले ब्लैक कॉलर कहलाते थे । सूचना | प्रौद्योगिकी से जुड़े कर्मचारियों के लिए अब ग्रे कॉलर शब्द इस्तेमाल होने लगा है ।
9. किसी डरावनी चीज को देखने पर हमारे दिल की धड़कन तेज क्यों हो जाती है ?
➥ हमारा मस्तिष्क एक केंद्रीय कंप्यूटर की तरह शरीर के सारे कार्यों को संचालित करता है । यह काम नर्वस सिस्टम के मार्फत होता है । पूरे शरीर में नाड़ियों यानी नर्व्स का एक जाल है । मस्तिष्क से हमारी रीढ़ की हड्डी जुड़ी है , जिससे होकर धागे जैसी नाड़ियां शरीर के एक - एक हिस्से तक जाती हैं । मस्तिष्क से निकलने वाला संदेश शरीर के हर अंग तक जाता है । मसलन कभी अगर आपका हाथ दुर्घटनावश जल जाए तो हाथ की त्वचा से जुड़ी नर्व्स दर्द का संदेश मस्तिष्क को देती हैं । जवाब में मस्तिष्क नर्स को संदेश देता है कि हाथ को खींचो । यह सब बहुत तेजी से होता है । नर्वस सिस्टम का एक हिस्सा शरीर की सांस लेने , भोजन को पचाने , पसीना निकालने , कांपने जैसी तमाम क्रियाओं का संचालन करता रहता है । आपको उसमें कुछ भी करने की जरूरत नहीं होती है । इसे ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम कहते हैं । इस सिस्टम के दो हिस्से होते हैं । सिम्पेथैटिक और पैरा सिम्पेथैटिक नर्वस सिस्टम । आप जब कोई डरावनी चीज देखते हैं तो सिम्पेथैटिक नर्वस हृदय की गति को बढ़ा देता है । उसका उद्देश्य शरीर के सभी अंगों तक ज्यादा रक्त पहुंचाना होता है । साथ ही यह किडनी के ऊपर एड्रेनल ग्लैंड्स से एड्रेनालाइन हार्मोन को रिलीज करता है । इससे मसल्स को अतिरिक्त शक्ति मिलती है । यह इसलिए कि या तो आपको लड़ना है या भागना है । दोनों कामों के लिए फौरी ऊर्जा इससे मिल सकती है । इसके अलावा शरीर की मसल्स शरीर के रोम को उत्तेजित करती हैं , ताकि शरीर में गर्मी आए । यह काम सर्दी लगने पर भी होता है ।
10. किस फिल्म को सबसे पहला राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था ?
➥ वर्ष 1954 में कथा - चित्र के लिए सबसे पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मराठी फिल्म ‘ श्यामची आई ’ को दिया गया था ।